पटना: प्रकृति के रंग निराले होते हैं. प्रकृति जब अपने शबाब पर होती है तो उसकी रंग देखने लायक होता है. इस खूबसूरती में चार चांद तब और लग जाते हैं, जब रंग बिरंगे फूल खिलते हैं. इन फूलों को देख कर सारी थकान मिट जाती है, मन में स्फूर्ति आ जाती है. राजधानी में एक ऐसा भी घर है, जहां चप्पे-चप्पे पर रंग बिरंगे फूलों का संसार बसा है. फूल भी ऐसे जो जल्दी कहीं देखने को न मिले. दरअसल खुर्शीद अहमद ने अपने घर में फूलों का ऐसा रंग बिरंगा संसार सजाया है, जिसे देखने के बाद मुंह से खुद-ब-खुद वाह जरूर निकल जाता है.
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खुर्शीद अहमद ने बसाया फूलों का संसार: राजधानी के फुलवारी स्थित हारून नगर कालोनी के सेक्टर -2 के रिटायर्ड सरकारी कर्मी खुर्शीद अहमद ने अपने घर में गुलाब और गेंदा के फूल के साथ ही विभिन्न सजावटी फूलों का ऐसा संसार बसाया है. इसे देखने के बाद मन तरोताजा हो जाता है. खास बात यह कि खुर्शीद के पास एडीनियम फूल की कई ऐसी किस्में हैं, जिसे खुर्शीद अहमद ने खोज-खोज के लगाया है. इनके पास वर्तमान में एडीनियम की करीब 40 अलग-अलग किस्में है जो विभिन्न रंगों में हैं.
फूलों की कई किस्में हैं उपलब्ध: घर के हर एक कोने को फूलों से सजाने वाले खुर्शीद अहमद के पास एडीनियम में ओवैसम, रोजी एडीनियम, अरेविकल एडीनियम जैसी कई किस्में हैं. खुर्शीद बताते हैं, रोजी एडिनियम गुलाब की तरह होता है जो डबल पैटर्न में होता है. वहीं ओवैसम एडीनियम सिंपल होता है और यह सिंगल पैटर्न में होता है. इसके अलावा अरेबिकम एडीनियम भी है जिसका कोडेक्स यानी तना मोटा होता है जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है. इसके अलावा खुर्शीद के पास नीला एडीनियम, डीप पर्पल रैपर एडीनियम भी है. वह बताते हैं कि यह प्रकार बहुत मुश्किल से मिलता है. इसे इंडिगो ग्लेज भी कहा जाता है. इनकी इस खूबसूरत दुनिया में पीले रंग का एडीनियम भी है जिसे अरोड़ा कहते हैं. वो बताते हैं कि यह प्रकार भी जल्दी नहीं मिलता है. वह कहते हैं एडीनियम जब पूरी तरीके से विकसित होकर खिल जाते हैं तो अलग नजारा देखने को मिलता है.
गुलाब की 40 किस्में: फूलों के शौकीन खुर्शीद ने अपने घर में केवल एडीनियम ही नहीं बल्कि फूलों के राजा कहे जाने वाले गुलाब की कई किस्मों को भी लगाया है. खुर्शीद के इस बागवान में करीब 40 प्रकार के गुलाब उपलब्ध हैं. इनमें आबरा का डाबरा, एवलांज, जुमेलिया, कोलकाता- 300, ब्लैक लेडी, मिनिएचर जैसी किस्मों के साथ अन्य कई किस्म के गुलाब के फूल उपलब्ध हैं.
दूर-दूर से खरीदकर लाए हैं फूल: खुर्शीद कहते हैं कि चाहे और गुलाब हो या फिर एडीनियम, इनकी खरीद के लिए शहर या वक्त नहीं देखते हैं. यह जहां भी मिल जाता है वहां से खरीद लेता हूं. वह कहते हैं, लोकल लेवल पर तो मैं इन फूलों की खरीदारी तो करता ही हूं लेकिन अगर किसी दूसरे शहर में दूसरे प्रकार के फूल होने की जानकारी मिलती है तो मैं वहां से भी खरीदारी करता हूं. कई बार खुद जाकर खरीदा है तो कई बार ऑनलाइन भी मंगा चुका हूं. वह कहते हैं एक इन फूलों के साथ उनका अपने बच्चों के जैसा रिश्ता है. इन फूलों को वह अपने बच्चों की तरह देखभाल करते हैं.
मां से मिली सीख: खुर्शीद बताते हैं कि इन फूलों को लगाने की प्रेरणा उनको अपनी मां से मिली. उनकी मां फूलों की बहुत शौकीन थी. उन्हीं को देखते-देखते उनके मन में भी फूलों के प्रति अगाध प्रेम उमड़ पड़ा. वो कहते हैं कि सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद जब उनके पास कोई काम नहीं था तो उन्होंने इन फूलों के बीच में ही अपना वक्त गुजारना तय किया. प्रतिदिन 3 से 4 घंटे इन सभी फूलों के देखभाल में लगता है. फूल जब खिल जाता है तब संतोष मिलता है.