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'कलम पर हमला.. कैसा सुशासन?' जर्नलिस्ट अविनाश की हत्या से पत्रकारों में आक्रोश, पटना में कैंडल मार्च

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Published : Nov 14, 2021, 7:54 PM IST

पत्रकार की हत्या के विरोध में कैंडल मार्च
पत्रकार की हत्या के विरोध में कैंडल मार्च

मधुबनी में युवा पत्रकार अविनाश झा की हत्या के विरोध में पटना में पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया है. पत्रकारों ने सीएम नीतीश कुमार से इंसाफ की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

पटनाः बिहार के मधुबनी में युवा पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट अविनाश झा की हत्या (Journalist Murdered in Madhubani) की निंदा हर तरफ हो रही है. सुशासन का दावा करने वाली सरकार में पत्रकारों की हत्या को लेकर सूबे के पत्रकारों में काफी रोष है. जस्टिस फॉर अविनाश के बैनर तले राजधानी पटना में पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया.

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पत्रकार अविनाश को न्याय दिलाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा, महिला और वरिष्ठ पत्रकार शुक्रवार को पटना के कारगिल चौक पर एकजुट हुए थे. उनके हाथों में तख्तियां थी, जिसपर सरकार से कई सवाल थे. उन्हीं में एक सवाल था 'कलम पर हमला...सुशासन कैसा?' सभी पत्रकारों ने एक स्वर में इस घटना की कड़ी निंदा की और हत्या के दोषियों को केस का स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी सजा देने की मांग की.

हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे पत्रकार कहते हैं कि सामाजिक सरोकार के लिए काम करने वाले पत्रकार ही जब सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी की हाल का क्या है. पत्रकारों ने पत्रकार सुरक्षा एक्ट बनाने की मांग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है.

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इतना ही नहीं स्थानीय पत्रकार सीटू तिवारी बताती हैं कि चूंकि अविनाश एक आरटीआई एक्टिविस्ट भी थे, लिहाजा बिहार सरकार के 2016 में पारित कानून आरटीआई के तहत कोई बड़ा खुलासा करने वाले थे. संभव है जालसाजी और अपराध का भंडाफोड़ होने के डर से अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी.

मौत से 24 दिन पहले अविनाश ने अपने सोशल अकाउंट पर लिखा था 'जब तक वह जिंदा है... इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहेंगे.' उनके इस पोस्ट से जाहिर था कि वो जो काम कर रहे हैं वह जोखिम भरा है. और इसका अंजाम भी अपराधियों ने उन्हें मौत के रूप में दिया. बता दें कि अविनाश हाल ही में नर्सिंग होम में चल रहे गोरखधंधे के खिलाफ लगातार मुहिम चला रहे थे. नर्सिंग होम में फर्जीवाड़े को वे लगातार उजागर कर रहे थे.

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गौरतलब है कि बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश 9 नवंबर की रात गायब हुआ था. काफी खोजबीन के बाद भी जब युवक का कोई पता नहीं चल पाया तो 11 नवंबर को बेनीपट्टी थाने में मृतक के बड़े भाई चंद्रशेखर झा के आवेदन पर बुद्धिनाथ उर्फ अविनाश को लापता करने की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गई.

दर्ज प्राथमिकी में मृतक के भाई चंद्रशेखर झा ने साजिश के तहत निजी नर्सिंग होम के कर्मियों द्वारा अविनाश को लापता किये जाने का आरोप लगाया था. जिनमें मां जानकी सेवा सदन अंबेदकर चौक बेनीपट्टी, शिफा पॉली क्लिनिक मकिया, सुदामा हेल्थ केयर धकजरी, अंशु फस्ट एड सेंटर धकजरी, सोनाली हॉस्पिटल अनुमंडल मेन गेट बेनीपट्टी, अराधना हेल्थ एंड डेंटल केयर क्लिनिक जेल गेट बेनीपट्टी, जय मां काली सेवा सदन अरेर, सान्वी हॉस्पिटल ननदी भौजी चौक, अनन्या नर्सिंग होम, अनुराग हेल्थ केयर कटैया रोड बेनीपट्टी सहित 11 ज्ञात एवं अन्य अज्ञात फर्जी नर्सिंग होम शामिल है.

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