पटना: जदयू नागालैंड में चुनाव लड़ने की तैयारी कर (JDU will contest Nagaland assembly elections) रहा है. पिछले साल नीतीश कुमार नागालैंड का दौरा भी किए थे. नीतीश कुमार ने पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को नागालैंड की जिम्मेवारी दी है. हालांकि पार्टी के तरफ से अभी तक उम्मीदवारों का चयन नहीं हुआ है. नागालैंड के प्रभारी आफाक खान का कहना है कि हम लोग एक सप्ताह में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे यह तय कर लेंगे. 14 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.
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राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा पर नजरः जदयू को फिलहाल बिहार के अलावे अरुणाचल और मणिपुर में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. ऐसे में नागालैंड का चुनाव जदयू के लिए महत्वपूर्ण है. नागालैंड में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हुआ तो राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा और इससे पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो सकता है. जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है साथियों ने जो रिपोर्ट भेजी है उसके हिसाब से नागालैंड में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन होगा. वही राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि जदयू की तैयारी दिख तो नहीं रही है.
'नागालैंड में हम लोगों की स्थिति अच्छी है. हम लोग वहां काफी समय से तैयारी भी कर रहे हैं. नीतीश कुमार भी दौरा कर चुके हैं. पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा. पूरी जिम्मेवारी पार्टी ने ललन सिंह को दी है. नागालैंड के प्रदर्शन के आधार पर हम लोगों को जरूर इस बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी प्राप्त हो जाएगा'- वशिष्ठ नारायण सिंह, वरिष्ठ जदयू नेता
नागालैंड चुनाव क्यों है महत्वपूर्णः बिहार में दो दशक से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. बावजूद जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे तो जदयू बिहार के बाहर लगातार चुनाव लड़ती रही है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, झारखंड, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हर बार जदयू उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है. मणिपुर में जरूर पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा और 6 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन उसमें से 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. उससे पहले अरुणाचल में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा था लेकिन अरुणाचल में भी जदयू के विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे. नागालैंड में यदि पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा और कम से कम 6 % भी वोट आ गया तो पार्टी को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा.
क्या है तैयारीः नागालैंड में 60 सीटों पर चुनाव होना है. पिछली बार जदयू 14 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उसमें से एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. नागालैंड जदयू प्रभारी विधान पार्षद अफाक खान का कहना है कि हम लोग 14 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे यह तय है. 1 सप्ताह में सीटों पर मुहर लग जाएगी. नागालैंड जदयू अध्यक्ष को लिस्ट बनाने की जिम्मेवारी भी दी गई है. अफाक खान का यह भी कहना है कि हम लोग किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
जदयू और आरजेडी हाेंगे आमने-सामनेः जयप्रकाश नारायण नागालैंड में लंबे समय तक रहे थे. जदयू उनके नाम को भुनाने की कोशिश भी करती रही है. इस बार के चुनाव में भी जयप्रकाश नारायण के नाम पर सहानुभूति वोट लेने की कोशिश जदयू के तरफ से होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी चुनाव प्रचार में जा सकते हैं. हालांकि अभी उस पर चर्चा ही हो रही है. उम्मीदवारों के चयन के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता को भेजा जाएगा. बिहार से जदयू के अलावा आरजेडी ने भी चुनाव लड़ने का वहां ऐलान किया है, ऐसे में बिहार के दो प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू और आरजेडी वहां आमने-सामने होंगे.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषकः अरुण पांडे का कहना है कि ललन सिंह जेडीयू को एक नंबर पार्टी बनाने के साथ राष्ट्रीय पार्टी बनाने के संकल्प के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं. पहले भी यदि वहां चुनाव लड़ी है. लेकिन अभी जदयू का चुनाव को लेकर कोई तैयारी दिख नहीं रही है. ऐसे में पार्टी वैसे उम्मीदवारों को टिकट दे सकती है जो दूसरे दल में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर जदयू के तरफ आएंगे.
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