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तेजस्वी के आरोप पर जदयू का पलटवार- 'लालू राबड़ी के शासन में नौकरियों की लगती थीं बोली'

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Published : May 9, 2022, 3:25 PM IST

67th BPSC PT Cancelled
67th BPSC PT Cancelled

बीपीएससी पीटी परीक्षा में पेपर लीक होने पर तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू ने पलटवार किया है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार (JDU Spokesperson Neeraj Kumar) ने कहा कि 'समय सीमा के भीतर मामले का उद्भेदन कर दोषियों को सजा दी जाएगी. तेजस्वी जी आपके मां-पिता का शासनकाल में नौकरियों की बोली लगती थी.'

पटना: 67वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा पेपर लीक (BPSC Paper Leak) पर सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा को रद्द (67th BPSC PT Cancelled) कर दिया गया है. इसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है. तेजस्वी यादव ने डबल इंजन की सरकार पर जमकर निशाना साध तो अब जदयू ने मोर्चा संभाल लिया है. जदयू मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने भी कहा कि 17 साल के शासन में बीपीएससी में जिस प्रकार से प्रश्न पत्र लीक हुआ है, सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. दोषियों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- बीपीएससी पेपर लीक पर भड़के मुकेश सहनी, कहा, 'कब तक छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगी सरकार'


जदयू का तेजस्वी पर हमला: नीरज कुमार ने कहा कि छात्रों के मेहनत और परिश्रम पर जिसने भी पलीता लगाने का प्रयास किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा. मामले की जैसे ही जानकारी मिली तुरंत प्रशासनिक दायित्व के तहत सरकार ने एडीजी स्तर के अधिकारी को जांच का आदेश दिया गया है. जो भी दोषी होंगे जेल के अंदर जाएंगे कोई बचाने वाला नहीं मिलेगा.

"बिहार लोक सेवा आयोग जिसमें समाज के विभिन्न तबके के लोग बिना कोई रिश्वत दिए पारदर्शिता के आधार पर परीक्षा में सफल हो रहे हैं. तेजस्वी यादव आपको मालूम है न आपके मां पिता के शासनकाल में नौकरियों की बोली लगती थी. समाज के गरीब तबके के लोग तो परीक्षा पास करने की सोच भी नहीं सकते थे. दौर बदल गया है. समय सीमा के भीतर इस मामले का उद्भेदन किया जाएगा. छात्र-छात्राओं की परेशानी सरकार के लिए चिंता का सबब है."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता जदयू

'तेजस्वी ने सरकार पर साधा था निशाना': तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav On BPSC Paper Leak) ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार बोर्ड का भी प्रश्न पत्र लीक होता है. हम लोगों ने कई बार सदन में भी इस मामले को उठाया है लेकिन सरकार में बैठे लोग ध्यान नहीं देते हैं. निश्चित तौर पर बिहार के नौजवानों, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जो भी दोषी हैं टीम गठित कर कार्रवाई करनी चाहिए दोषियों को सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी गलती फिर से ना हो. दूर दराज से छात्र परीक्षा देने आए थे. ऐसे छात्रों को सरकार 5000 रुपये अविलंब मुआवजा देने का काम करे. बीपीएससी का नाम ही बदल देना चाहिए. हमने तो पहले भी कहा था बिहार राज्य लीक आयोग के नाम से इसका नाम रख देना चाहिए.

परीक्षा से पहले पेपर हुआ था वायरल: गौरतलब है कि पटना में 55,710 परीक्षार्थियों के लिए 83 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 802 पदों के लिए पहली बार रिकार्ड छह लाख से अधिक आवेदन परीक्षा के लिए आए थे. परीक्षा दोपहर 12 बजे से दो बजे तक आयोजित हुई. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 6,02,221 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू की गई थी. बहरहाल, पेपर रद्द होने के चलते छात्रों में मायूसी है. अभ्यर्थी पेपर लीक मामले में आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने पर अभ्यर्थियों ने रोष जताया है.

पढ़ें: 67th BPSC Paper leak: बोले तेजस्वी- बीपीएससी का 'बिहार लोक पेपर लीक आयोग' होना चाहिए नाम

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