ETV Bharat / state

Anand Mohan Case: सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर जदयू ने कहा 'जो भी कानूनी प्रक्रिया है सरकार पालन करेगी'

author img

By

Published : May 8, 2023, 3:58 PM IST

आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा है. जदयू ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया है. डीएम की पत्नी उमा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आनंद मोहन को वापस जेल भेजने की मांग की है. उसी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है.

Anand Mohan Case
Anand Mohan Case

आनंद मोहन की रिहाई मामले पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर जदयू की प्रतिक्रिया.

पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बिहार सरकार को नोटिस भेजा गया है. 2 सप्ताह में राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर जदयू प्रवक्ता मनजीत सिंह ने कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया है. सामान्य प्रक्रिया है कि यदि कोई भी किसी के खिलाफ याचिका दायर किया है तो उसकी सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता का कोर्ट सुनती है और उसके हिसाब से कार्यवाही करती है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया है तो बिहार सरकार भी अपना पक्ष रखेगी.

इसे भी पढ़ेंः Anand Mohan Case: आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ SC में सुनवाई, कोर्ट ने नोटिस जारी कर 2 हफ्तों में मांगा जवाब

उमा कृष्णैया ने दायर की है याचिकाः वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजा है तो सरकार ही जवाब देगी. बता दें कि गोपलगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व सांसद आनंद मोहन को वापस जेल में डालने की मांग की है. उमा ने बिहार सरकार के नियमों में परिवर्तन के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है. बिहार सरकार ने जेल मैनुअल में संशोधन कर आनंद मोहन को रिहा किया है. उनको मई में सजा काटते हुए 14 साल हो गए.

"यह कानूनी प्रक्रिया है. सामान्य प्रक्रिया है कि यदि कोई भी किसी के खिलाफ याचिका दायर किया है तो उसकी सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता का कोर्ट सुनती है और उसके हिसाब से कार्यवाही करती है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया है तो बिहार सरकार भी अपना पक्ष रखेगी"- मनजीत सिंह, प्रवक्ता, जदयू

क्या है मामलाः 5 दिसंबर साल 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या कर दी गयी थी. मामले में कोर्ट ने 2008 को आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. नियमावली के मुताबिक सरकारी कर्मचारी की हत्या मामले में दोषी को मृत्युपर्यंत जेल यानी 20 साल की सजा काटनी होती है. आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके थे. नीतीश सरकार ने 10 अप्रैल को जेल मैनुअल में बदलाव कर दिया, जिसके बाद सरकारी कर्मचारी की हत्या का मामला भी आम हत्या की श्रेणी में आ गया. इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया.




ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.