BBC Documentary On PM Modi: बोले ललन सिंह- डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर '56 इंच के सीने' को डर कैसा?

BBC Documentary On PM Modi: बोले ललन सिंह- डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर '56 इंच के सीने' को डर कैसा?
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने के मुद्दे को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इससे पीएम मोदी का चेहरा उजागर हो गया है. ललन सिंह ने सवाल पूछा कि एक डॉक्यूमेंट्री से आखिर डर कैसा है? पढ़ें Bihar Politics -
पटना : कर्पूरी जयंती समारोह में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भारतीय मीडिया पर कब्जा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जिसपर रोक लगाने से पीएम मोदी की चेहरा उजागर हो गया. हिन्दुस्तान में आधिकारिक तौर पर बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है.
''भारतीय मीडिया के मैनेजमेंट में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. यहां के मीडिया भाई हैं वो लिखकर भेजेंगे भी तो वो फाड़कर फेंक देंगे. उसके छापेंगे नहीं. बीबीसी ने उनकी डॉक्यूमेंट्री बनाई जिसे ऑफिशियली बैन कर दिया. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से क्यों डर लगता है भाई? आपका सीना तो 56 इंच का सीना है.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल युनाइटेड
'बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से डर कैसा?' : ललन सिंह ने कहा कि एक बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री से क्यों डर लगता है भाई ? आपका तो 56 इंच का सीना है. बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री क्या बनाई इनका चेहरा बेनकाब हो गया. ललन सिंह ने कहा कि 2014 के चुनाव में क्या-क्या वादा किए थे. ललन सिंह ही नहीं रुके कर्पूरी जयंती में आए लोगों को सतर्क रहने और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने की सलाह दी.
'अति पिछड़ा आरक्षण को रोकने की साजिश' : ललन सिंह ने केंद्र सरकार पर कोई काम नहीं करने का आरोप भी लगाया. अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर भी बीजेपी पर ललन सिंह ने निशाना साधा और कहा कि आरक्षण को रोकने की पूरी कोशिश नगर निकाय चुनाव में हुई. क्या-क्या नहीं बयान देते थे, लेकिन कोर्ट से इन्हें मुंह की खानी पड़ी. अब जातीय गणना में भी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया है.
'मोदी अति पिछड़ी जाति से नहीं' : ललन सिंह ने 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अति पिछड़ा बताने पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि गुजरात में जिस वर्ग से आते हैं वह अति पिछड़ा में शामिल नहीं था. इन्होंने शामिल करवाया. यही नहीं, चाय बेचने के सवाल पर भी ललन सिंह ने कहा कि कौन सा स्टॉल था इनको बताना चाहिए.
