पटनाः बिहार के पटनासिटी स्थित तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब का मामला दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. प्रबंधन कमिटी और जत्थेदार आमने-सामने हैं. वहीं, पटना साहिब गुरुद्वारा के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहरे मस्कीन ने कहा है कि मेरे ऊपर प्रबंधन कमिटी द्वारा जो भी आरोप लगे थे, उसे जांच ऑथरिटी ने गलत साबित कर दिया है. उन्होंने हमें लिखित आदेश दिया कि आप गुरुघर में सेवा दे सकते हैं.
प्रबंधन कमिटी पर आरोपः ज्ञानी रंजीत सिंह का कहना है कि जांच ऑथरिटी की बातों को प्रबंधन कमिटी नहीं मान रही है. जत्थेदार ने साफ तौर पर कहा प्रबंधन कमिटी हमारी छवि को धूमिल करना चाहती हैं और मेरे खिलाफ झूठा प्रचार कर मेरी सुरक्षा वापस लेना चाहते हैं, ताकि मेरी हत्या आसानी से हो सके. लेकिन मैं सच के प्रति सच्ची निष्ठा से लड़ता रहूंगा. वहीं, जत्थेदार के समर्थन में कई कबीर मठ, उदासीन मठ समेत कई लोग समर्थन में उतरे हैं. आपको बता दें कि तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब पूरे विश्व में सिक्खों के लिये दूसरा धार्मिक स्थल है.
"जांच ऑथरिटी की बात प्रबंधन कमिटी नहीं मान रही है. मेरे खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है. ये लोग सुरक्षा वापस लेना चाहते हैं. हमारी छवि को धूमिल करना चाहते हैं, लेकिन मैं सच के प्रति सच्ची निष्ठा से लड़ता रहूंगा"- जत्थेदार, ज्ञानी रंजीत सिंह गौहरे मस्कीन
गुरुगोबिंद सिंह की मूर्ति पर हुआ था विवाद: आपको बता दें कि पिछले दिनों पटना में दशमेश पिता श्री गुरुगोबिंद सिंह जी महाराज की एक मूर्ति को लेकर भी विवाद हो गया था. जब बिहार की राजधानी पटना के अंबुजा मॉल में गुरुगोबिंद सिंह की मूर्ति लगाई गई थी. हालांकि पटना साहिब प्रबंध कमेटी के हस्तक्षेप के बाद मॉल के मालिक ने इसे हटवा लिया. कमेटी की तरफ से मॉल प्रबंधन के संज्ञान में लाया गया कि सिक्ख धर्म में मूर्ति पूजा वर्जित है. इसलिए लगाई गई मोम की मूर्ति को हटाया जाए. मॉल प्रबंधन ने कमेटी की बातों का सम्मान करते हुए एक माफीनामा देकर इसे हटा लिया.