ETV Bharat / state

बिहार में कोरोना काल में घरेलू हिंसा की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी, 1 साल में दहेज उत्पीड़न के 2686 मामले दर्ज

author img

By

Published : Mar 9, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 2:00 PM IST

पटना जिला महिला सुरक्षा के नजरिए से सबसे खराब रहा है. साल 2020 में पटना में 86 बेटियां दहेज के लिए मार दी गई हैं. बिहार में महिलाओं के साथ छेड़खानी, दुष्कर्म और मारपीट की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है.

पटना जिला महिला सुरक्षा
पटना जिला महिला सुरक्षा

पटना: राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में कोरोना काल में घरेलू हिंसा की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. बिहार में इन दिनों दहेज उत्पीड़न ही नहीं दहेज के नाम पर हत्या के मामले में भी बढ़ोतरी हुई है. 8 मार्च को महिलाओं के काम को सम्मान देने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. वहीं, बिहार की राजधानी पटना जिला महिला सुरक्षा के नजरिए से सबसे खराब रहा है. साल 2020 में पटना जिले में 86 बेटियां दहेज के लिए मार दी गई हैं. बिहार में महिलाओं के साथ छेड़खानी, दुष्कर्म और मारपीट आम बात हो गई है.

ये भी पढ़ें- नीतीश के विधायक बोले- 'हमरा से कोई बड़का... ठोक देंगे'

बिहार राज्य में पटना जिला सबसे ऊपर है, जहां 86 बेटियां दहेज के लिए अब तक मार दी गई हैं. पिछले 1 साल में दहेज उत्पीड़न के 2686 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 1045 बेटियों को दहेज के नाम पर मार दिया गया है. प्रमंडल स्तर पर देखा जाए तो तिरहुत में सबसे अधिक बेटियों को दहेज के नाम पर मारा गया है. मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जिले में 141 बेटियों को दहेज के लिए मारा गया है. इसके बाद केंद्रीय क्षेत्र पटना और नालंदा में 138 बेटियों को दहेज की बलि चढ़ा दी गई है. छेड़खानी मामले में सिर्फ पटना में 83 केस दर्ज हुए हैं और गया में 81 केस दर्ज हुए हैं. पटना में 83 बेटियों के साथ छेड़खानी की घटना हुई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

महिला अपहरण के मामले में बढ़ोतरी
पुलिस मुख्यालय के सीआईडी से मिल रही जानकारी के अनुसार, साल 2020 में महिला अपहरण के 6 हजार 794 मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें पटना जिले में 753 मामले दर्ज हुए हैं. बलात्कार के कुल 1438 मामले दर्ज हुए हैं. सवाल उठता है कि हमारा राष्ट्रीय नारा है, 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जिसके तहत बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा अहम मुद्दा है. ऐसे में जब समाज की आधी आबादी सुरक्षित नहीं रहेगी, तब हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं. आधी आबादी को लेकर हमें संकल्प लेना पड़ेगा कि आधी आबादी के तरफ हमारा जो सोच और विचार है, उसे कैसे बदला जा सके.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सहायता से संबंधित शब्द हुए ज्यादा सर्च

'अपराध पर होती है त्वरित कार्रवाई'
पुलिस मुख्यालय के अधिकारी की माने तो महिला से जुड़े अपराध पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सजा दिलवाने का प्रयास किया जाता है. वहीं, दुष्कर्म केस में स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है. हालांकि बिहार पहला ऐसा राज्य है. जहां महिलाओं की सुरक्षा हेतु बिहार के सभी 40 जिलों में महिला थाना अलग से स्थापित किया गया है. जहां पर महिलाएं अपनी किसी भी तरह की समस्या को महिला अधिकारी के समक्ष रख सकती हैं.

patna
महिला भवन

हर थाने में महिला डेक्स बनाने की कवायद
वहीं, इसके अलावा बिहार के हर थाने में महिला डेक्स भी बनाने की कवायद की जा रही है ताकि थाने में जाने वाली महिला अपनी समस्याओं को महिला अधिकारी के पास रख सके. राजधानी पटना के महिला थाने में इन दिनों आपसी कलह पति और परिवार के सदस्यों की ओर से दहेज को लेकर उत्पीड़न प्रेम-प्रसंग जैसे मामले सामने आ रहे हैं. महिला थानाध्यक्ष ऋतु जायसवाल की माने तो हर दिन 100-150 मामले सामने आते हैं. जिसमें से ज्यादातर मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से मामले का समाधान किया जाता है. ऋतु जायसवाल की माने तो ज्यादातर महिलाएं अपने पति और परिवार के सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाना चाहती हैं. बिहार के हर महिला थाने में काउंसलिंग की व्यवस्था है. जिसके माध्यम से पूरी कोशिश की जाती है कि किसी का परिवार न टूटे. कुछ ही मामले में जब पानी सिर के ऊपर चला जाता है. तभी मामला दर्ज किया जाता है.

Last Updated : Mar 9, 2021, 2:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.