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कांग्रेस का हाथ थामने पर बोले मंगल पांडे- 'डूबते नाव पर सवार हो रहे कन्हैया कुमार'

जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और वाम नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर बीजेपी ने हमला बोला है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कन्हैया डूबते हुए नाव में सवार हो रहे हैं जिसका परिणाम सभी को पता है. पढ़ें पूरी खबर..

Mangal Pandey targeted Kanhaiya Kumar
Mangal Pandey targeted Kanhaiya Kumar
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Published : Sep 28, 2021, 5:43 PM IST

पटना: वाम नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस की राजनीति की तरफ रुख कर चुके हैं. कन्हैया कुमार का वाम विचारधारा से मोहभंग हो गया है और वो कांग्रेस पार्टी का दामन थाम चुके हैं. इस पर भाजपा ने कन्हैया कुमार पर तीखा हमला बोला है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि कन्हैया कुमार की विचारधारा बिहार में फेल हो चुकी है इसलिए वे पार्टी बदल रहे हैं.

यह भी पढ़ें- 'कन्हैया के कांग्रेस में जाने से JDU को नहीं पड़ता कोई फर्क, हमारे लिए चुनौती तेजस्वी'

बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कन्हैया कुमार जिस विचारधारा से आते थे उस विचारधारा को जनता ने खारिज कर दिया है. बेगूसराय और बिहार की जनता ने कन्हैया कुमार को खारिज किया है.

देखें वीडियो

"कन्हैया अब विचारधारा बदल रहे हैं. इसके पीछे उनकी कुछ महत्वकांक्षा भी होगी. लेकिन जनता यहां लोगों की महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए नहीं बैठी है. अगर कोई डूबते हुए नाव पर सवार हो रहा है तो इसका परिणाम क्या होगा,सभी जानते हैं."- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बिहार के हितों की चिंता की है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार को स्पेशल पैकेज दिया गया और भविष्य में भी बिहार की जो जरूरतें होंगी उसका ख्याल केंद्र सरकार रखेगी.

बता दें कि कन्हैया और राहुल गांधी की दो बार मुलाकात हो चुकी है. पिछले तीस साल से कांग्रेस में बिहार में अपना जनाधार तलाश रही है. विधानसभा चुनावों में गठबंधन के बाद पार्टी को सीट तो मिल जाती है मगर व्यापक जन समर्थन की कमी रहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद के साथ गठबंधन के बाद 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, मगर इसे 19 सीटों पर ही कामयाबी मिली थी. पार्टी के केंद्रीय नेताओं का मानना है कि अभी बिहार में नीतीश कुमार और एनडीए पर हमला करने वाला युवा चेहरा नहीं है. इसके अलावा नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रस्तावित महा अभियान के लिए उसे ऐसे युवा नेताओं की जरूरत है, जिसे जनता पहचानती हो. साथ ही वह बेबाकी से अपनी बात रखता हो.

कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि छात्र नेता के तौर पर कन्हैया को संगठन का अनुभव है. आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ उनका भाषण नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाता है. कन्हैया भूमिहार जाति से आते हैं. कांग्रेस कन्हैया के जरिये इस जाति को दोबारा अपने साथ जोड़ना चाहती है. अभी बिहार का भूमिहार वोटर बीजेपी के साथ माने जाते हैं. इन कारणों के कारण ही कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

यह भी पढ़ें- कन्हैया कांग्रेस के हुए तो NDA को यूथ ब्रिगेड से मिलेगी चुनौती, तेजस्वी की डगर नहीं होगी आसान

यह भी पढ़ें- 'लेफ्ट' से 'सेंटर' में आ रहे कन्हैया कुमार? BJP बोली- फर्क नहीं पड़ता

पटना: वाम नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) कांग्रेस की राजनीति की तरफ रुख कर चुके हैं. कन्हैया कुमार का वाम विचारधारा से मोहभंग हो गया है और वो कांग्रेस पार्टी का दामन थाम चुके हैं. इस पर भाजपा ने कन्हैया कुमार पर तीखा हमला बोला है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि कन्हैया कुमार की विचारधारा बिहार में फेल हो चुकी है इसलिए वे पार्टी बदल रहे हैं.

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बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कन्हैया कुमार जिस विचारधारा से आते थे उस विचारधारा को जनता ने खारिज कर दिया है. बेगूसराय और बिहार की जनता ने कन्हैया कुमार को खारिज किया है.

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"कन्हैया अब विचारधारा बदल रहे हैं. इसके पीछे उनकी कुछ महत्वकांक्षा भी होगी. लेकिन जनता यहां लोगों की महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए नहीं बैठी है. अगर कोई डूबते हुए नाव पर सवार हो रहा है तो इसका परिणाम क्या होगा,सभी जानते हैं."- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

विशेष राज्य का दर्जा के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बिहार के हितों की चिंता की है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार को स्पेशल पैकेज दिया गया और भविष्य में भी बिहार की जो जरूरतें होंगी उसका ख्याल केंद्र सरकार रखेगी.

बता दें कि कन्हैया और राहुल गांधी की दो बार मुलाकात हो चुकी है. पिछले तीस साल से कांग्रेस में बिहार में अपना जनाधार तलाश रही है. विधानसभा चुनावों में गठबंधन के बाद पार्टी को सीट तो मिल जाती है मगर व्यापक जन समर्थन की कमी रहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद के साथ गठबंधन के बाद 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, मगर इसे 19 सीटों पर ही कामयाबी मिली थी. पार्टी के केंद्रीय नेताओं का मानना है कि अभी बिहार में नीतीश कुमार और एनडीए पर हमला करने वाला युवा चेहरा नहीं है. इसके अलावा नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रस्तावित महा अभियान के लिए उसे ऐसे युवा नेताओं की जरूरत है, जिसे जनता पहचानती हो. साथ ही वह बेबाकी से अपनी बात रखता हो.

कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि छात्र नेता के तौर पर कन्हैया को संगठन का अनुभव है. आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ उनका भाषण नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाता है. कन्हैया भूमिहार जाति से आते हैं. कांग्रेस कन्हैया के जरिये इस जाति को दोबारा अपने साथ जोड़ना चाहती है. अभी बिहार का भूमिहार वोटर बीजेपी के साथ माने जाते हैं. इन कारणों के कारण ही कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

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