पटना: सीमांचल में जनसंख्या वृद्धि दर पर पूर्व एमएलसी ने कहा कि सब घुसपैठिए के कारण हुआ है. बिहार के अन्य हिस्सों में मुस्लिमों की जनसंख्या वृद्धि दर इतनी अधिक नहीं है. उन्होंने कहा कि सीमांचल में जनसंख्या वृद्धि कैसे हो सकती है. यह बांग्लादेशी घुसपैठिए के कारण ही बढ़ी है.
जनसंख्या वृद्धि प्रदेश के दूसरे इलाके से अधिक
1991 के पहले बिहार में मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर से कम रहता था. लेकिन 1991 के बाद यह राष्ट्रीय स्तर से लगातार बढ़ता गया.
वर्ष | बिहार | देश |
1961-71 | 30.34% | 31.2 % |
1971- 81 | 28.91% | 30.8 % |
1981- 91 | 28.32% | 32.92% |
1991- 2001 | 35.48% | 29.3 % |
2001- 2011 | 27.95% | 24.64% |
मुस्लिमों ने नहीं माना फैमिली प्लानिंग
बीजेपी के पूर्व एमएलसी हरेंद्र पांडे का कहना है कि बिहार में सीमांचल में मुस्लिमों की जनसंख्या 2001 से 2011 के बीच देश में सबसे अधिक रहा और यह तब हुआ, जब समाजवादी पृष्ठभूमि के लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि बिहार के नालंदा, औरंगाबाद, गया और अन्य जिलों में मुस्लिमों की आबादी उतनी नहीं थी. जितनी सीमांचल इलाकों में है. यह लॉजिक सही नहीं है. सीमांचल में मुस्लिमों ने फैमिली प्लानिंग को नहीं माना, तो अन्य जिलों में भी मुस्लिमों ने नहीं माना होगा. लेकिन जनसंख्या वृद्धि साफ बताता है कि अब भारतीय मुसलमान नहीं है, बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं.
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1991 से 2011 के बीच
सुपौल- 42. 65%
पूर्णिया- 44. 14%
कटिहार- 39.8 4%
मधेपुरा- 42. 6 5 %
सहरसा- 48.4 6 %
'सूची उपलब्ध कराएं'
हालांकि जदयू की तरफ से बार-बार इससे इनकार किया जाता रहा है कि सीमांचल में घुसपैठिए हैं. पार्टी के मुस्लिम चेहरा और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा यदि किसी के पास कोई सूची है तो उपलब्ध कराएं. लेकिन बीजेपी की ओर से कई नेता कह चुके हैं कि सीमांचल में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं. अब बीजेपी के पूर्व एमएलसी हरेंद्र पांडे ने आंकड़े के साथ इस बात को रखा है.