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उफान पर गंगा: पटना में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, घाटों की नहीं हो रही निगरानी

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Published : Aug 9, 2021, 3:35 PM IST

बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंगा (Ganga River) महानंदा और कोसी नदी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर ऊपर है.

उफान पर गंगा
उफान पर गंगा

पटना: केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार बिहार में बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा नदी, महानंदा और कोसी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है. वहीं, राजधानी पटना समेत अन्य इलाकों में गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल से 97 सेंटीमीटर अधिक है. गांधी घाट पर वार्निंग लेवल 47.60 मीटर है और डेंजर लेवल 48.60 मीटर है, जबकि वर्तमान में वाटर लेवल 49.57 मीटर है.

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बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं, जिससे लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है. राजधानी पटना में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल और डेंजर लेवल क्रॉस कर चुका है. पटना के कृष्णा घाट और गांधी घाट के पथ-वे पर भी गंगा का पानी चढ़ चुका है. गंगा नदी डेंजर लेबल से लगभग 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं हैं. गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है. पटना जिले के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं. प्रति 2 घण्टे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से जल की वृद्धि हो रही है. जबकि 24 घण्टे पहले प्रति 3 घण्टे में 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी.

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वहीं, पटना जिला प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आ रही है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के बावजूद भी अब तक गांधी घाट, कृष्णा घाट, समेत किसी भी घाट पर ऐहतियात के तौर पर कोई सुरक्षा नहीं है. जान हथेली पर रखकर बच्चें अठखेलियां कर रहे हैं. तेज धार में सभी नियमों को ताक पर रखकर नाव भी खुलेआम चलाई जा रही हैं. नाव पर लोग पटना के घाटों से मस्ती करते हुए हाजीपुर दियरा तक जा रहे हैं और फिर दियरा से मस्ती करते हुए पटना आ रहे हैं. जो बेहद ही चिंताजनक है. खासकर के सुदूर ग्रामीण इलाके से पटना पढ़ने-लिखने आए छात्र इस तरह का रिस्क ले रहे हैं. जिसमें भारी संख्या में युवतियां और महिलाएं भी शामिल हैं.

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बता दें कि किसी भी घाट पर SDRF या NDRF की एक भी टीम नहीं है. यहां तक कि डेंजर जोन में बैरिकेडिंग भी नहीं की गयी है. ऐसे में घाटों पर निगरानी के लिए समय रहते कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई तो जनहानि होने की आशंका है.

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