पटनाः बिहार के पूर्व मंत्री एवं बिहार हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह (Narendra singh) और बिहार किसान संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को संयुक्त रुप से पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम ने उन्होंने सीएम से निवेदन किया है कि कोरोना महामारी के इस दौर में राज्य के खेतिहर, मजदूर और किसानों की रक्षा करने की गुहार लगाई है.
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'पक्ष-विपक्ष मिलकर करें काम'
इस पत्र में पूर्व मंत्री ने कहा है कि वे सरकार के प्रयासों को नकार नहीं रहे हैं. लेकिन अकेले इसका मुकाबला करना मुश्किल है. आलोचनाओं से ऊपर उठकर यह जनता की सेवा करने का वक्त है. बिहार के लोग इस महामारी में सिर्फ अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की अनुपलब्धता का ही दंश नहीं झेल रहे हैं बल्कि भूख, प्यास और अभाव के संकटों से भी जूझ रहे हैं. इस स्थिति में पक्ष और विपक्ष के मिलकर काम करने से लोकतांत्रिक परंपराएं मजबूत होगी.
खेतिहर, मजदूर और किसानों का बुरा हाल
पत्र में आगे कहा गया है कि राजनीतिक दलों के अलावा बहुत सारे संगठन हैं, जो इस विपदा के समय में काम भी कर रहे हैं, उनसे भी संपर्क और समन्वय जरूरी है. इसी तरह कई एनजीओ, किसान और श्रमिक संगठन और जेपी आंदोलनकारियों का समूह भी है, जिनकी सेवा ली जा सकती है. सच्चाई यही है कि अच्छे-अच्छे घरों का बुरा हाल है. इसलिए मुख्यमंत्री जी, आज सबसे बुरी स्थिति में खेतिहर, मजदूर और किसान हैं. सबसे दुखद यह है कि जो सामान या खाद्यान्न गांव में पैदा होकर शहर जा रहे हैं, वह सस्ता और कौड़ी के मोल और जो सामान शहर से गांव आ रहा हैं वह महंगा. कालाबाजारी चरम पर है. पीएम ने घोषणा की है कि हर हाल में किसानों को एमएसपी दिया जाएगा. यह घोषणा पूरी तरह जुमला साबित हो रही है. बिहार में आप एमएसपी सुनिश्चित कराएं.
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जयप्रकाश नारायण की दी उपमा
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 1967 के भीषण सूखा और अकाल की याद दिलाई गई है. कहा है कि 1967 के कहा गया कि उस समय बिहार में सरकार अकाल का सामना करने में विफल साबित हुई थी. लेकिन तब हमारे बीच हमारे नेता लोकनायक जयप्रकाश थे. उन्होंने तत्काल बिहार स्टेट रीलिफ कमेटी की स्थापना की और खुद मैदान में उतर गए थे। तभी लोगों की जान बची थी.