ETV Bharat / state

भतीजा 'डाल-डाल' तो चाचा 'पात-पात', कुछ यूं चल रही है 'बंगले' पर कब्जे की लड़ाई

author img

By

Published : Jun 19, 2021, 9:57 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 2:38 PM IST

Fight between Pashupati Paras and Chirag paswan
चिराग पासवान और पशुपति पारस

चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच चल रही जंग में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अहम हैं. चिराग ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई तो पशुपति ने कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया और नई टीम की घोषणा कर दी.

पटना: LJP में दो फाड़ के बाद अब पार्टी पर कब्जे की जंग चल रही है. बंगला (लोजपा का चुनाव चिह्न) किसका होगा इसपर चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) और भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच घमासान मचा है. दोनों के गुट एक दूसरे को फर्जी और अपने को असली बता रहे हैं. इस जंग में सबकी नजर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर है.

यह भी पढ़ें- चिराग को 'हाथ' का साथः भक्त चरण दास ने कहा, लोजपा छोड़ गए नेताओं का नहीं कोई जनाधार

पटना में गुरुवार को लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई और पार्टी के नव नियुक्त संसदीय दल के नेता पशुपति पारस को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. पारस गुट इस बैठक को असंवैधानिक बता रहा है. चिराग पासवान ने रविवार को दिल्ली स्थिति अपने आवास पर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.

देखें वीडियो

राष्ट्रीय कार्यकारिणी को पशुपति ने किया भंग
चिराग की बैठक होती और उसमें कार्यकारिणी के सदस्य कोई फैसला करते इससे पहले ही शनिवार को पशुपति पारस ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भंग कर दिया. लगे हाथ उन्होंने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा भी कर दी. पशुपति ने इसमें चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, सुनीता शर्मा, चंदन सिंह, प्रिंस राज, संजय सराफ, रामजी सिंह और विनोद नागर को रखा है.

यह भी पढ़ें- पशुपति पारस ने भंग की LJP की सभी कमिटी, नई टीम में इन भरोसेमंदों को दी बड़ी जिम्मेदारी

चिराग की बैठक में शामिल होने वाला पार्टी में नहीं रहेगा
पशुपति ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग हो गई है. चिराग की बैठक के संबंध में उन्होंने कहा, "मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हो गया हूं. अब जिसके द्वारा जो भी बैठक बुलाई जाएगी वह संवैधानिक नहीं होगी. जो लोग उस बैठक में शामिल होंगे वे पार्टी के सदस्य नहीं माने जाएंगे."

राष्ट्रीय कार्यकारिणी का है महत्‍व
स्वर्गीय रामविलास पासवान की विरासत पर कब्‍जे को लेकर बेटे चिराग पासवान और भाई पशुपति पारस के बीच चल रहे घमासान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का अहम महत्व है. मामला चुनाव आयोग में है. दोनों गुट के अपने-अपने दावे हैं. दो साल से पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची अपडेट नहीं हुई है. जानकारों का मानना है कि चुनाव आयोग में यह बात महत्वपूर्ण हो सकती है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों की बहुमत किसके पक्ष में है.

चिराग ने बुलाई है बैठक
चिराग पासवान ने रविवार को लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. चिराग पासवान गुट की ओर से 65 सदस्यों के समर्थन का दावा किया जा रहा है. पार्टी के प्रवक्ता संजय पासवान का कहना है कि हमारे साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 65 सदस्यों का समर्थन है. लोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद अशरफ ने कहा, "हमारे साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का समर्थन है. चिराग पासवान ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.

यह भी पढ़ें- चिराग पासवान ने बुलाई LJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, रविवार को दिल्ली में होगा मंथन

"पार्टी के संविधान के मुताबिक दो ही स्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाया जा सकता है. एक तो उनकी आकस्मिक निधन हो जाए और दूसरा वह स्वेच्छा से स्वयं पद त्याग कर दे. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पार्टी के अध्यक्ष के आदेश पर पार्टी के प्रधान महासचिव बुलाते हैं. पार्टी के किसी सदस्य के घर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर स्वयं निर्णय ले लेना असंवैधानिक है."- मोहम्मद अशरफ, राष्ट्रीय प्रवक्ता, लोजपा

लोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद अशरफ.

"दोनों ओर से दावे किए जा रहे हैं. पशुपति पारस भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बहुमत का दावा कर रहे हैं. चिराग पासवान भी बहुमत का दावा कर रहे हैं. मामले में अंतिम फैसला चुनाव आयोग को करना है. चुनाव आयोग दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला करेगा."- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

चुनाव आयोग करेगा फैसला
चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों अपना-अपना दावा लेकर चुनाव आयोग के पास गए हैं. पारस का दावा है कि पटना में 17 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. बैठक के आधार पर अध्यक्ष के रूप में मान्यता दी जाए. वहीं, आयोग के सामने चिराग ने लोजपा पर स्वामित्व की अपनी दावेदारी पेश की है. चिराग का कहना है कि 2019 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. पांच साल के लिए जिम्मेवारी सौंपी थी. बीच में कोई कैसे बदलाव कर सकता है.

Fight between Pashupati Paras and Chirag paswan
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

कब क्या हुआ

  • 13 जून: लोजपा के 5 सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता चुना. उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का दायित्व सौंपा. राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया गया.
  • 14 जून: लोकसभा सचिवालय ने चिराग की जगह पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुने जाने की अधिसूचना जारी की.
  • 15 जून: चिराग ने लोजपा के पांच सांसदों (पशुपति पारस, चंदन सिंह, चौधरी महबूब अली कैसर, प्रिंस राज और वीणा सिंह) को पार्टी से बाहर निकाल दिया. दूसरी ओर पशुपति पारस गुट ने सूरजभान को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया.
  • 16 जून: चिराग ने प्रिंस की जगह राजू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
  • 17 जून: पशुपति पारस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए.
  • 18 जून: पशुपति पारस ने पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर की सभी कमेटियों और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया. नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी.
Last Updated :Jun 20, 2021, 2:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.