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पटना: विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गांवों का होगा 'मॉडल विलेज' के रूप में विकास

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Published : Aug 8, 2019, 4:42 PM IST

बिहार के विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांव के विकास के लिए लागू होगी पार्यावरण पंचामृत योजना

बिहार के विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गांव को विकसित करने और उन्हें मॉडल का रूप देने के लिए राज भवन की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जिसमें बिहार के विश्वविद्यालयों को 'पर्यावरण पंचामृत योजना' के तहत गांवों को विससित और एडवांस बनाना होगा.

पटना: राजभवन की ओर से बिहार के विश्वविद्यालयों में जल्द ही पर्यावरण पंचामृत योजना लागू किए जाएंगे. इसके तहत गोद लिए गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करना है. पहले साल में इस योजना को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय को 20-20 लाख रुपए दिए जाएंगे. जीरो बजट खेती और क्लाइमेट-स्मार्ट खेती से किसानों को लाभ देने की दिशा में हर एक विश्वविद्यालय को कार्य करना होगा. योजना का हर गांव को जल संकट से उबारने के लिए जल संचयन और पौधारोपण पर खास फोकस करने का उद्देश्य है. यह गांव में गंदा पानी साफ कराने का प्लान्ट भी लगाएगा.

विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गांव बनेंगे 'मॉडल विलेज'

विश्वविद्यालयों को देना है पूरा ब्यौरा
सभी विश्वविद्यालयों से गोद लिए गांव की सूची 15 अगस्त तक मांगी गई है, साथ ही कार्ययोजना भी देने को कहा गया है. ग्रामीणों में आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए कैसे कार्य करेंगे इस बारे में ब्यौरा देना जरूरी है. कुलाधिपति का स्पष्ट आदेश है कि उन गांवों को एक मॉडल गांव के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

पटना न्यूज, पर्यावरण पंचामृत योजना, बिहार में गांव का विकास
कुलाधिपति कार्यालय

गांव को मॉडल का रूप देना है प्राथमिकता
गौरतलब है कि बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गांवों को विकसित करना, उन्हें मॉडल का रूप देना और शिक्षा स्वास्थ्य से जुड़े तमाम चीजों की जागरूकता फैलाना इस योजना की पहली प्राथमिकता होगी.

Intro:बिहार के विश्वविद्यालयों में लागू होगा पर्यावरण पंचामृत योजना
राज्यभवन द्वारा नोटिफिकेशन हुआ जारी


Body:राजभवन की ओर से बिहार के विश्वविद्यालयों में जल्द ही पर्यावरण पंचामृत योजना लागू किए जा रहे हैं, इसके तहत गोद लिए गांव में मॉडल के रूप में विकसित करना है, पहले साल में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय को 20- 20 लाख रुपए दिए जाएंगे जीरो बजट खेती तथा climate-smart खेती से किसानों को लाभ देने की दिशा में हर एक विश्वविद्यालय को कार्य करना होगा, जल संकट से उबारने के लिए गोद लिए गांव में जल संचयन एवं पौधारोपण पर खास फोकस करना होगा यह गांव में गंदा पानी साफ कराने का संयंत्र भी लगाएंगे


Conclusion:सभी विश्वविद्यालयों से गोद लिए गांव की सूची 15 अगस्त तक मांगी गई है, साथ ही कार्ययोजना भी देने को कहा गया है, ग्रामीणों में जिवकोपार्जन , स्वास्थ्य शिक्षा, और डिजिटल ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए कैसे कार्य करेंगे इस बारे में भी ब्यौरा देना अनिवार्य हैं, कुलाधिपति का स्पष्ट आदेश है कि उक्त गांव को एक मॉडल गांव के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
गौरतलब है कि बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांव को विकसित करना और उन्हें मॉडल का रूप देना, जहां शिक्षा स्वास्थ्य से जुड़े तमाम चीजों को जागरूकता करना पहली प्राथमिकता होगी


नोट:-प्रेस रिलीज पर आधारित खबर
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