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लक्ष्य पूरा करने के लिए 14 साल की बच्ची को लगा दिया कोरोना टीका, डॉक्टर बोले- 'नहीं होगा कोई नुकसान'

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Published : Jan 24, 2022, 8:16 PM IST

Doctor opinion on corona vaccine to 14 year old girl
Doctor opinion on corona vaccine to 14 year old girl

बिहार के पश्चिम चंपारण में बच्चों को वैक्सीन (Vaccine to children in bihar) देने का लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में स्वास्थ्य कर्मियों ने एक 14 साल की बच्ची को टीका लगा दिया, जिससे दो घंटे तक उसकी तबीयत बिगड़ गई. हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे बच्ची को कोई नुकसान नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: 3 जनवरी से देशभर में 15 से 18 वर्ष के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान (Covishield To Children in bihar) शुरू हुआ है. इस टीकाकरण अभियान में बच्चों को कोरोना वैक्सीन के, कोवैक्सीन का टीका पड़ रहा है. बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में बिहार अब तक फिसड्डी रहा है. ऐसे में प्रदेश में कई जगहों पर स्वास्थ्य कर्मी बच्चों को पकड़ पकड़कर टीकाकृत कर रहे हैं. रविवार को पश्चिमी चंपारण का एक मामला सामने आया, जहां 14 वर्षीय एक बच्ची (Doctor opinion on corona vaccine to 14 year old girl) को स्वस्थ कर्मियों ने जबरन टीका लगा दिया.

पढ़ें- Covid-19 Vaccination In Bihar: टारगेट पूरा करने के लिए नाबालिग बच्चों को कर रहे Target

14 वर्षीय बच्ची को टीका दिए जाने पर क्या बच्ची के शरीर में कुछ दुष्प्रभाव हो सकता है. यह जानने के लिए हमने पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा से बात की. उन्होंने बताया कि, वैक्सीनेशन से बच्ची के शरीर में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि, यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और गलत है. वैक्सीनेशन को लेकर आईसीएमआर का जो कुछ दिशा निर्देश है, उसे अक्षरश: सभी स्वास्थ्य कर्मियों को पालन करना चाहिए. यह मामला सीधा सीधी आईसीएमआर के गाइडलाइन के उल्लंघन का है.

दरअसल 31 जनवरी तक प्रदेश के 83.46 लाख 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है और 24 जनवरी तक 50 फीसदी भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में स्वास्थ विभाग की तरफ से बच्चों के वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए विशेष जोर दिया गया है. इसी क्रम में 14 साल की बच्ची को भी टीका लगा दिया गया. बच्ची को को वैक्सीन का ही टीका पड़ा. लेकिन टीका लगने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद नजदीकी पीएचसी में 2 घंटे चिकित्सकों की निगरानी में रखना पड़ा. इस मामले को लेकर बच्ची के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. क्योंकि अभी 14 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है.

डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि, कोवैक्सीन का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल का स्टडी आ चुका है. जिस प्रकार चर्चाएं हैं आने वाले एक से डेढ़ महीने में स्वास्थ्य मंत्रालय 12 से 14 एज ग्रुप के बच्चों को भी टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल करने वाली है. ऐसे में बच्चे को टीका लगा है तो इससे कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होगा. जहां तक रही वैक्सीन लेने के बाद थोड़ी समय के लिए तबीयत बिगड़ने की बात तो, कुछ लोगों में वैक्सीन लेने के बाद हल्का साइड इफेक्ट देखने को मिलता है, जैसे कि थोड़े समय के लिए बॉडी पेन, वीकनेस, जहां वैक्सीन पड़ा है वहां मसल में दर्द इत्यादि. लेकिन यह काफी हल्का साइड इफेक्ट है और यह 1 से 2 दिन तक ही रहता है.

डॉ मनोज ने बताया कि यह मामला पूरी तरह आईसीएमआर की गाइडलाइन के उल्लंघन का है. बच्ची की उम्र अभी 14 वर्ष है और ऐसे में उसको टीका लगा दिया गया है. इस घटना का दुष्प्रभाव अभी यह दिख रहा है कि, कोविन पोर्टल पर बच्ची के वैक्सीनेशन का स्टेटस अपडेट नहीं होगा और ना अपलोड होगा. क्योंकि अभी 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन ही नहीं हो रहा है. बच्ची को वैक्सीन की पहली डोज की जानकारी पोर्टल पर अपडेट कराने में समस्या होगी. उन्होंने कहा कि, टीकाकरण में जो भी स्वास्थ्य कर्मी लगे हुए हैं उनसे वह अपील करेंगे कि, आईसीएमआर का जो कुछ भी गाइडलाइन है उसे आंख बंद कर पालन करें. रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही वैक्सीनेशन करें.

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