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केरल : परिवार वालों का एयर इंडिया पर फूटा गुस्‍सा, कार्यालय के बाहर शव रखकर प्रदर्शन - Kerala Family protests

Kerala Family Protests, केरल की एक महिला अपने पति को अंतिम बार इसलिए नहीं देख पाई क्यों कि एयर इंडिया केबिन क्रू के सदस्य हड़ताल पर थे. वहीं शव मिलने के बाद मृतक के परिजनों ने शव को एयर इंडिया कार्यालय के सामने रख दिया और मौन खड़े हो गए. उनका कहना था कि वह न्याय मिलने तक संघर्ष करेंगे.

The family kept the dead body outside the Air India office and stood silently
परिवारवाले एयर इंडिया कार्यालय के बाहर शव रखकर मौन खड़े हो गए (IANS)
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By IANS

Published : May 16, 2024, 3:56 PM IST

Updated : May 16, 2024, 4:01 PM IST

तिरुवनंतपुरम : एयर इंडिया केबिन क्रू के अचानक हड़ताल पर जाने से केरल की एक महिला अपने पति को आखिरी बार नहीं देख सकी. गुरुवार सुबह तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर महिला के पति राजेश (39) का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं इस घटना से गुस्साए परिवार वालों ने एयर इंडिया के कार्यालय पर शव रखकर प्रदर्शन किया. अमृता 8 मई को अपने बीमार पति एन. राजेश से मिलने के लिए यहां हवाई अड्डे पर पहुंची थीं. उनके पति दिल का दौरा पड़ने के बाद मस्कट के एक अस्पताल में भर्ती थे.

एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू की हड़ताल शुरू होने के बाद वह अपने पति से आखिरी बार नहीं मिल पाईं. मस्कट पहुंचने की कई कोशिशों के बावजूद वह जाने में असफल रहीं और सोमवार को राजेश का निधन हो गया. गुरुवार सुबह राजेश का शव उनके रिश्तेदारों को हवाई अड्डे पर सौंप दिया गया. गुस्साए परिवार वाले शव को सीधे तिरुवनंतपुरम में एयर इंडिया एसएटीएस के कार्यालय पर ले गए. शव को कार्यालय के सामने रखकर राजेश के परिवार वाले मौन होकर खड़े हो गए.

अमृता के चाचा ने नम आंखों से बताया कि अगर एयर इंडिया के अधिकारियों ने कोई व्यवस्था की होती, तो शायद उनकी पत्नी अपने पति के साथ होती और उनकी जान बच सकती थी. उनके पिता एयर इंडिया एसएटीएस के कार्यालय के अंदर बैठ गए और कहा कि किसी भी अधिकारी ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है. उनके पिता ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि एयर इंडिया की इस हड़ताल में कोई भूमिका नहीं है. मैं तब तक यहीं बैठा रहूंगा जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता.'

महिला के चाचा ने कहा, 'हम अपना विरोध जारी रखेंगे. राजेश की मौत के लिए एयर इंडिया पूरी तरह जिम्मेदार है. अमृता को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए. 5 और 3 साल के दो बच्‍चों के पिता राजेश परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे. अमृता नर्सिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा है. वे किराये के मकान में रहते हैं. परिवार को एयर इंडिया द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए.' अमृता के परिवार ने एयरलाइन के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का फैसला किया है और राजेश के शव के साथ विरोध प्रदर्शन पहला कदम है. राजेश मस्कट के एक स्कूल के प्रशासन विभाग में कार्यरत थे. 7 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 13 मई को उनका निधन हो गया.

ये भी पढ़ें - पति को आखिरी बार नहीं देख सकी महिला, एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों की हड़ताल बनी वजह

तिरुवनंतपुरम : एयर इंडिया केबिन क्रू के अचानक हड़ताल पर जाने से केरल की एक महिला अपने पति को आखिरी बार नहीं देख सकी. गुरुवार सुबह तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर महिला के पति राजेश (39) का शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं इस घटना से गुस्साए परिवार वालों ने एयर इंडिया के कार्यालय पर शव रखकर प्रदर्शन किया. अमृता 8 मई को अपने बीमार पति एन. राजेश से मिलने के लिए यहां हवाई अड्डे पर पहुंची थीं. उनके पति दिल का दौरा पड़ने के बाद मस्कट के एक अस्पताल में भर्ती थे.

एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू की हड़ताल शुरू होने के बाद वह अपने पति से आखिरी बार नहीं मिल पाईं. मस्कट पहुंचने की कई कोशिशों के बावजूद वह जाने में असफल रहीं और सोमवार को राजेश का निधन हो गया. गुरुवार सुबह राजेश का शव उनके रिश्तेदारों को हवाई अड्डे पर सौंप दिया गया. गुस्साए परिवार वाले शव को सीधे तिरुवनंतपुरम में एयर इंडिया एसएटीएस के कार्यालय पर ले गए. शव को कार्यालय के सामने रखकर राजेश के परिवार वाले मौन होकर खड़े हो गए.

अमृता के चाचा ने नम आंखों से बताया कि अगर एयर इंडिया के अधिकारियों ने कोई व्यवस्था की होती, तो शायद उनकी पत्नी अपने पति के साथ होती और उनकी जान बच सकती थी. उनके पिता एयर इंडिया एसएटीएस के कार्यालय के अंदर बैठ गए और कहा कि किसी भी अधिकारी ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है. उनके पिता ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि एयर इंडिया की इस हड़ताल में कोई भूमिका नहीं है. मैं तब तक यहीं बैठा रहूंगा जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता.'

महिला के चाचा ने कहा, 'हम अपना विरोध जारी रखेंगे. राजेश की मौत के लिए एयर इंडिया पूरी तरह जिम्मेदार है. अमृता को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए. 5 और 3 साल के दो बच्‍चों के पिता राजेश परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे. अमृता नर्सिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा है. वे किराये के मकान में रहते हैं. परिवार को एयर इंडिया द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए.' अमृता के परिवार ने एयरलाइन के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का फैसला किया है और राजेश के शव के साथ विरोध प्रदर्शन पहला कदम है. राजेश मस्कट के एक स्कूल के प्रशासन विभाग में कार्यरत थे. 7 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 13 मई को उनका निधन हो गया.

ये भी पढ़ें - पति को आखिरी बार नहीं देख सकी महिला, एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों की हड़ताल बनी वजह

Last Updated : May 16, 2024, 4:01 PM IST
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