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रहम करो सरकार! खाने-पीने की चीज महंगी होने से लोग परेशान, कहा- 'GST पर होना चाहिए पुनर्विचार'

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Published : Jul 20, 2022, 12:55 PM IST

पैकेटबंद और लेबल वाले वस्तुओं की कीमतें (New GST Rate) बढ़ गईं हैं. इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया गया है. इनमें दही, लस्सी, आटा, दाल और अनाज शामिल हैं. 25 किलो से कम वाले पैकेट पर जीएसटी लागू किया गया है. इसपर पटना बिहटा के उपभोक्ताओं ने कहा कि महंगाई से परेशान थे अब तो सरकार ने कमर ही तोड़ दी.

GST Imposed On Food Items For First Time
GST Imposed On Food Items For First Time

पटना: आजादी के बाद पहली बार अनाज पर जीएसटी (GST Imposed On Food Items For First Time) लगाया गया है. साथ ही दूध से बने कई पदार्थ पर जीएसटी लगाया गया है. राजधानी पटना से सटे बिहटा (Bihta) में भी दही लस्सी, छाछ, चावल और आटा की कीमत बढ़ गयी है. खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों से लोगों में खासा रोष है. बिहटा के लोगों का कहना है कि देश में महंगाई बढ़ रही है और उसी समय में अनाज सहित अन्य सामानों को GST के अंतर्गत लाना उचित नहीं है. सरकार को खाद पदार्थों पर जीएसटी लगाने से पहले एक बार पुनः सोचना चाहिए.

पढ़ें- कई खाद्य वस्तुओं को GST के दायरे में लाए जाने पर मंगल पांडे का बयान- 'GST काउंसिल का है फैसला'

'GST पर पुनर्विचार करे सरकार': इधर खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगने के बाद गृहणी पूनम देवी ने कहा कि सरकार ने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाया है. इससे हमारे घर के बजट पर काफी असर पड़ेगा. वहीं दुकानदारों का कहना है कि जिस रेट में सामान आएगा उसी रेट में बेचेंगे. वहीं स्थानीय भी सरकार से एक बार फिर से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं.

"रोजाना खाने पीने के सामान हम लोग लिया करते थे अब सीमित करना होगा. साथ ही घर के बजट को लेकर सोचना पड़ेगा. आम परिवार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा."- पूनम देवी, गृहणी

"हमलोग क्या करेंगे जो रेट में सामान आएगा उस रेट में सामान लोगों को बेचेंगे लेकिन सरकार को इस पर सोचना चाहिए कि खाद्य पदार्थ पर जीएसटी लगाकर आम लोगों को काफी परेशानी होगी. खासकर मिडिल क्लास परिवार इससे काफी प्रभावित होगा इसलिए सरकार को इस फैसले पर एक बार जरूर सोचना चाहिए."- चंदन कुमार,ऑर्बिट सुपर मार्केट के मालिक

"इस सरकार से पहले भी महंगाई से हम लोग मर रहे थे और खाद्य पदार्थ पर जीएसटी लगाकर और महंगाई से लोगों को मारने का काम इस वर्तमान की सरकार कर रही है. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जहां खाद्य पदार्थ पर 5% जीएसटी लगाकर अब लोगों को बेचा जाएगा. सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए क्योंकि इससे मिडिल क्लास परिवार को दिक्कत होगी."- पंकज कुमार, स्थानीय

इन सामानों पर GST लागू: गौरतलब है कि पैकेटबंद और लेबल वाले खाद्य पदार्थ मसलन आटा, दालें और अनाज सोमवार से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गए हैं. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा, जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है.

पहले इन सामानों पर नहीं लगता था जीएसटी: अब बैंक चेक पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. दही, लस्सी, बटर मिल्क, पनीर, चावल, गेहूं, सरसों, ओट्स, गुड़, नेचुरल शहद पर पांच फीसदी जीएसटी देना होगा. इसके साथ ही अस्पतालों की बात करें तो पांच हजार रु. से अधिक महंगे कमरे पर पांच फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. वहीं होटल की बात करें तो एक हजार रु. से कम वाले कमरों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. सोलर, वाटर हीटर पर 12 फीसदी जीएसटी (पहले पांच फीसदी लगता था) और एलईडी लैंप, लाइट्स पर 18 फीसदी जीएसटी (पहले 12 फीसदी लगता था). पैकेटबंद और लेबल वाले वस्तुओं की कीमतें (New GST Rate) बढ़ गईं हैं. इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया गया है. इनमें दही, लस्सी, आटा, दाल और अनाज शामिल हैं. 25 किलो से कम वाले पैकेट पर जीएसटी लागू किया गया है.

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