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BSSC Paper Leak issue: तीनों शिफ्ट की परीक्षा करें रद्द, नहीं तो 2025 में अंजाम भुगतेंगे तेजस्वी

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Published : Jan 25, 2023, 8:47 PM IST

बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की मांग
बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की मांग

बीएसएससी अभ्यर्थियों ने तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने की मांग (Demand to cancel exam of all three shifts of BSSC) की है. अगर ऐसा नहीं होता है तो 30 जनवरी को बीएसएससी अभ्यर्थी सड़क पर उतरेंगे. अभ्यर्थियों ने कहा यदि तेजस्वी यादव ने कुछ एक्शन नहीं लिया तो 2025 के चुनाव में छात्रों की बॉलिंग पर एक बॉल भी नहीं खेल पाएंगे. पढ़ें पूरी खबर..

बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की मांग

पटना: बिहार में बीएसएससी सीजीएल तीन के अभ्यर्थियों ने सरकार को आखिरी चेतावनी दी है. अभ्यर्थियों ने कहा है कि 30 जनवरी तक तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द (Demand to cancel BSSC exam ) नहीं होती है, तो हजारों की तादाद में अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरेंगे और बीएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे. अभ्यर्थियों ने कहा कि वह सभी अब सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और सरकार की लाठी से डरने वाले नहीं हैं. पिछली बार अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर लाठी चल गई, लेकिन अब अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करेंगे.

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सरकार और आयोग के पास सिर्फ 29 जनवरी तक का समयः अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार और आयोग के पास मात्र 29 जनवरी रात तक का समय है. तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दें. छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि आयोग और प्रशासन की हठधर्मिता है कि छात्रों के हित में आयोग तीनों शिफ्ट की परीक्षा को रद्द नहीं कर रही. तीनों शिफ्ट की परीक्षा के क्वेश्चन सोशल मीडिया पर वायरल है और जब परीक्षा में जूता मौजा तक उतरवा लिया गया था. कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अंदर लेकर नहीं जा सकता था. क्वेश्चन पेपर परीक्षा हॉल में ही खुला, जैसा कि आयोग दावा कर रही है. परीक्षा हॉल से बाहर परीक्षार्थियों को प्रश्न ले जाने नहीं दिया, तो फिर प्रश्न सोशल साइट पर कैसे उपलब्ध है यही सवाल है.

कड़ी ठंड में तालिबानी समझकर किया लाठी चार्जः सौरव ने कहा कि आयोग भी मान रहा है कि परीक्षा के दौरान है क्वेश्चन पेपर बाहर गए हैं. ऐसे में जिस प्रकार क्वेश्चन बाहर गए हैं. सोशल साइट पर उसी प्रकार बाहर से बनकर क्वेश्चन आ सकते हैं और यह हुआ भी होगा. छात्र जब अपनी मांगों को लेकर 4 जनवरी को पटना की सड़कों पर उतरे तो छात्रों के ऊपर भीषण ठंड में प्रशासन ने इस प्रकार बर्बर लाठीचार्ज किया जैसे मानो यह छात्र नहीं होकर कोई कोई तालिबानी और पाकिस्तानी हो.

परीक्षा आयोग पर शिक्षा माफियाओं का कब्जाः छात्र नेता सोनू कुमार ने कहा कि यदि आयोग छात्रों से लड़ाई लड़ना चाहता है तो वह ध्यान से सुन ले कि छात्र पीछे नहीं हटेंगे और आयोग को एक न एक दिन उनकी बातें सुननी होगी. उन्होंने कहा कि अभी तक कहा जा रहा था कि मोतिहारी के एक सेंटर से परीक्षा का क्वेश्चन पेपर लिक हुआ, लेकिन अब पता चल रहा है कि गोपालगंज में भी हुआ है. इसी प्रकार सैकड़ों सेंटर हैं, जहां से क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है. बिहार के सभी परीक्षा आयोग और प्रशासन पर शिक्षा माफिया का बुरी तरह कब्जा हो चुका है.

"आयोग और प्रशासन की हठधर्मिता है कि छात्रों के हित में आयोग तीनों सिफ्ट की परीक्षा को रद्द नहीं कर रही. तीनों शिफ्ट की परीक्षा के क्वेश्चन सोशल मीडिया पर वायरल है और जब परीक्षा में जूता मोजा तक उतरवा लिया गया था कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अंदर लेकर नहीं जा सकता था क्वेश्चन पेपर परीक्षा हॉल में ही खुला आयोग जैसा की दावा कर रहा है और परीक्षा हॉल से बाहर परीक्षार्थियों को क्वेश्चन पेपर ले जाने नहीं दिया गया तो फिर क्वेश्चन सोशल साइट पर कैसे उपलब्ध है" - सौरव कुमार, छात्र नेता

30 जनवरी को आर-पार की होगी लड़ाईः उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को उन लोगों ने अल्टीमेटम का ज्ञापन सौंप दिया है कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करें, नहीं तो 30 जनवरी को अभ्यर्थी बीएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे और अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. तब अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर निकले हुए हैं तो वह गुहार करेंगे कि 900000 अभ्यर्थी के हित में न्याय कीजिए और उनकी समस्या का समाधान कीजिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2024 में भी चुनाव है और 2025 में भी चुनाव है. युवा वर्ग सबक सिखा देगा.

जिस कलम से नौकरी देना था वह कलम कहां गईः उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी आगाह करेंगे कि सत्ता में आने से पहले अपने कैबिनेट में पहले कलम से 10 लाख रोजगार देने की बात करते थे, तो आज क्या हुआ. अगर कलम खो गया है तो अभ्यर्थी अपने पास चार चार कलम लेकर चलते हैं. उन्हें दे दिया जाएगा. अभ्यर्थियों के ऊपर लाठीचार्ज हुआ तब भी उनका कोई बयान नहीं आया और अभ्यर्थियों के मामले पर अब तक उनका कोई बयान नहीं आया है. उन्होंने कहा कि सभी अभ्यर्थी अपने हक की लड़ाई के लिए एकजुट है और अब 30 जनवरी को आर पार की लड़ाई के मूड में उतरेंगे सरकार संज्ञान ले ले.

खत्म हो रही उम्मीद: अभ्यर्थी शैलेश कुमार ने बताया कि वह एक पैर से दिव्यांग है और 8 साल के बाद यह वैकेंसी आई थी. बड़ी शिद्दत से तैयारी किए थे और तैयारी के लिए वह 8 से 10 घंटे लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई करते थे. परीक्षा हुई तो उनका पेपर अच्छा गया. उन्हें उम्मीद थी कि 110 से 120 के बीच अंक आ जाएगा, लेकिन जब परीक्षा देकर बाहर निकले और पता चला कि क्वेश्चन सोशल मीडिया पर घूम रहे है. तब से वह काफी हतोत्साहित हो गए हैं. क्योंकि उन्हें पता चल गया कि पेपर लीक हो गया है. एक जगह से भी पेपर लीक हुआ होगा तो सेटिंग कराने वाले छात्र बिना मेहनत के 125 से 130 अंक लाकर क्वालीफाई कर जाएंगे और वह लोग छूट जाएंगे.

पेपर लीक होने से टूट जाता है मनोबलः शैलेश ने कहा कि घर से बड़ी मुश्किल से अभिभावक पैसा भेजते हैं पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए. एक तो वैकेंसी नहीं आती है और जो वैकेंसी आती है तो पेपर लीक हो जाता है. इससे उन लोगों का मनोबल काफी टूट गया है. यह बातें कहते कहते शैलेश की आंखें डबडबा गई. अपनी भावनाओं को रोकते हुए उन्होंने कहा कि वह सरकार से यही कहेंगे कि सरकार उन लोगों के साथ न्याय करे, क्योंकि उन लोगों की उम्र भी अब खत्म हो रही है और बेरोजगारी का दंश बहुत परेशान करने लगा है.

"एक पैर से दिव्यांग हैं और 8 साल के बाद यह वैकेंसी आई थी. बड़ी शिद्दत से तैयारी किए थे और तैयारी के लिए वह 8 से 10 घंटे लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई करते थे. परीक्षा हुई तो उनका पेपर अच्छा गया और उन्हें उम्मीद था कि 110 से 120 के बीच अंक आ जाएगा लेकिन जब परीक्षा देकर बाहर निकले और पता चला कि क्वेश्चन सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं. घर से बड़ी मुश्किल से अभिभावक पैसा भेजते हैं पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए. एक तो वैकेंसी नहीं आती है और जो वैकेंसी आती है तो पेपर लीक हो जाता है इससे उन लोगों का मनोबल काफी टूट गया है" -शैलेश कुमार, बीएसएससी अभ्यर्थी

हक की लड़ाई लड़ेंगे छात्रः छात्र सुजीत कुमार ने कहा कि आयोग यदि 30 जनवरी से पहले तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने को लेकर फैसला ले लेती है तो छात्र परीक्षा की तैयारी में लग जाएंगे. यदि ऐसा नहीं होता है तो वह सभी आंदोलन करेंगे. अपनी हक की लड़ाई के लिए वह लोग अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करेंगे. सुजीत ने कहा कि जब वह लोग परीक्षा देने गए तो उन लोगों का जूता मोजा उतरवा लिए गए और परीक्षा केंद्र पर जैमर की व्यवस्था थी.

जब पेपर बाहर आया तो अंदर भी हल होकर गया होगाः आयोग भी मानता है कि परीक्षा शुरू होने की एक घंटा बाद क्वेश्चन का फोटो बाहर गया है. तो ऐसे में सवाल है कि जब परीक्षा सेंटर से क्वेश्चन बाहर जा सकता है तो वहां क्वेश्चन को सॉल्व करके उसका आंसर पहुंच भी सकता है. अगर आंसर आ गया तो 50 से 60 क्वेश्चन को रंगने में 10 मिनट भी समय नहीं लगेगा और मेधावी छात्र 110 से 115 नंबर के कटऑफ पर फंस जाएंगे और जिन लोगों ने सेटिंग की है वह 125 से अधिक अंक लाकर क्वालिफाई कर जाएंगे.


परीक्षा की विश्वसनीयता पर उठने लगा सवालः सुजीत ने कहा कि जब बहाली आई तो बड़ी उम्मीद थी कि लंबे समय के बाद बहाली आई है. वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करे. उन्होंने 8 से 10 घंटे कई महीनों तक निरंतर पढ़ाई की और परीक्षा भी उनका अच्छा गया. लेकिन जब क्वेश्चन पेपर बाहर लीक हो गया तब से उनका पढ़ाई से मनोबल टूटने लगा है. बिहार के विभिन्न आयोगों द्वारा ली जाने वाली परीक्षा की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं. हर परीक्षा में पेपर लीक होता है. इससे पहले जब बीएसएससी ने परीक्षा ली थी, उस समय भी पेपर लीक हुआ था.

युवा शक्ति का एक बाॅल नहीं खेल सकेंगे तेजस्वीः सुजीत ने कहा कि उन्हें बेरोजगारी का दंश बहुत परेशान करता है. आज खुद को युवाओं का नेता होने का दावा करने वाले तेजस्वी यादव छात्रों के ऊपर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा हो या क्वेश्चन पेपर लीक का मामला कुछ नहीं बोलते हैं. छात्रों नौजवानों के मुद्दे पर बात करने के लिए उनके पास समय नहीं है लेकिन समय-समय पर कभी क्रिकेट खेलते हुए वीडियो डालते हैं तो कभी बैडमिंटन खेलते हुए वीडियो डालते हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ध्यान से सुन ले की यदि अभी भी वह छात्रों के हित में खड़े नहीं हुए तो उनके पास समय कम है और 2 साल के बाद 2025 के चुनाव में छात्र जब अपनी बॉलिंग करेंगे तो एक बॉल नहीं खेल पाएंगे और उन्हें छात्रों और नौजवानों के शक्ति का अंदाजा लगेगा.


"बेरोजगारी का दंश बहुत परेशान करता है और आज खुद को युवाओं का नेता होने का दावा करने वाले तेजस्वी यादव छात्रों के ऊपर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा हो या क्वेश्चन पेपर लीक का मामला कुछ नहीं बोलते हैं. छात्रों नौजवानों के मुद्दे पर बात करने के लिए उनके पास समय नहीं है लेकिन समय-समय पर कभी क्रिकेट खेलते हुए वीडियो डालते हैं तो कभी बैडमिंटन खेलते हुए वीडियो डालते हैं. तेजस्वी यादव ध्यान से सुन ले की यदि अभी भी वह छात्रों के हित में खड़े नहीं हुए तो उनके पास समय कम है और 2 साल के बाद 2025 के चुनाव में छात्र जब अपनी बॉलिंग करेंगे तो एक बॉल नहीं खेल पाएंगे"- सुजीत कुमार, बीएसएससी अभ्यर्थी

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