होली में जमीन पर अधूरी रह गई तैयारी.. आसमान में खाक छानते रहे ड्रोन और हेलीकॉप्टर, 41 की मौत से उठे सवाल

author img

By

Published : Mar 21, 2022, 10:13 PM IST

बिहार में जहरीली शराब से मौत

ये सच है कि बिहार में शराबबंदी लागू है और ये भी सच है कि बिहार में जहरीली शराब से मौत (Death due to Poisonous Liquor in Bihar) हो रही हैं. जमीन पर पुलिस खाक छान रही है आसमान में ड्रोन उड़ रहा है. आबकारी विभाग हेलीकॉप्टर से उड़ान भर रहा है. इतनी कवायदों के बावजूद गली गली दरवाजे-दरवाजे शराब की डिलीवरी हो रही है.

पटना: बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. बिहार में कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है.

ये भी पढ़ें- होली में धड़ल्ले से बिकी बिहार में शराब.. 72 घंटे में अब तक 41 लोगों की संदिग्ध मौत

'अ'पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.

भागलपुर में 22 लोगों की संदिग्ध मौत: भागलपुर जिले में 22 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. जिले में विश्विद्यालय थाना क्षेत्र और नवगछिया के भवानीपुर ओपी थाना क्षेत्र में शराब से ज्यादातर मौतें हुईं हैं. दर्जनभर से ज्यादा लोग यहां बीमार हैं. जहरीली शराब से मौत और दर्जनों लोग के बीमार होने की सूचना से पूरे इलाके में अभी भी खलबली मची हुई है. प्रशासन ये जानने में जुटा है कि इतनी संख्या में हुई मौत की असल वजह जहरीली शराब है या कुछ और?

बांका में 13 लोगों की संदिग्ध मौत: बांका में भी 13 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. परिवार वालों की मानें तो इनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. वहीं पुलिस और प्रशासन की टीम ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में जांच की है. प्रशासन की टीम ने पाया कि मौतों की वजह बीमारी है. प्रशासन ने दावा किया है कि ये सभी मौतें बीमारी की वजह से हुईं हैं. खुद प्रशासन की टीम ने मरने वालों के घर पहुंचकर जानकारी इकट्ठा की है. सवाल इस बात का है कि यही प्रशासन जब किसी की मौत होती है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार करती है, लेकिन इस मामले में अपनी इंटरनल रिपोर्ट पर भरोसा करके ये कह दिया कि मौत बीमारी से हुई है. फिर सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के जांच का आधार 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट' है या 'इंटरनल सर्वे'?

मधेपुरा में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

सिवान में 3 लोगों की संदिग्ध मौत: वहीं, सिवान में भी तीन लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत बताई जा रही है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे गांव और छोटपुर गांव के ग्रामीणों ने खरीदकर जहरीली शराब का सेवन किया था. परिवार वालों का आरोप है कि इन सभी की मौत की वजह जहरीली शराब ही है. सिवान में एक मृतक की पत्नी सिंगरीया देवी मीडिया को बोतल दिखाकर बता रही है कि मेरे पति की मौत इस बोतल की शराब पीने से हुई है. वृद्ध महिला ने कहा कि उल्टी हुई, फिर पेट दर्द हुआ, फिर मौत हो गई. पर बार-बार कुरेदने के बाद भी शराब का नाम लेने से डर रही है. इस केस में भी प्रशासन कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा है. अभी भी दो लोगों का इलाज जारी है.

बिहार में पूर्ण शराब बंदी कानून को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने ट्वीट कर नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि ''डबल इंजन सरकार के प्रयास से शराबबंदी वाले बिहार में विगत दो दिन में जहरीली शराब के कारण 37 लोग और मारे गए. विगत छः महीनों में 200 से अधिक मौतें हो चुकी है. मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन भ्रष्ट और विफल है. किसी अधिकारी पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई? ये बस ड्रोन/हेलीकॉप्टर उड़ायेंगे.''

  • ड़बल इंजन सरकार के प्रयास से शराबबंदी वाले बिहार में विगत दो दिन में जहरीली शराब के कारण 37 लोग और मारे गए।

    विगत छः महीनों में 200 से अधिक मौतें हो चुकी है। मुख्यमंत्री, सरकार व प्रशासन भ्रष्ट और विफल है।

    किसी अधिकारी पर कभी कोई कारवाई नहीं हुई? ये बस ड्रोन/हेलिकॉप्टर उड़ायेंगे

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

''सरकार केवल नाटक कर रही है. दो दिनों के अंदर 37 लोगों की मौत हुई है. पिछले 6 महीनों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. सरकार केवल ड्रोन और हेलीकॉप्टर कर रही है. आज तक एक भी बड़े पदाधिकारी के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर सकी है. बिहार में सरकार शराबबंदी का दिखावा करती है. सरकार के संरक्षण में शराब का अवैध कारोबार चल रहा है जिसका नतीजा है कि जहरीली शराब से लोगों की मौतें हो रही है.''- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता

''ये बहुत ही दुखद घटना है. राज्य सरकार, भारतीय जनता पार्टी और हमारा गठबंधन इसके लिए काफी चिंतित है. राज्य सरकार की तरफ से लोगों को जागृत करने के लिए सारे पहल किए जा रहे हैं. जहरीली शराब गांव देहात में अभी भी बनाई जा रही है. लगातार पुलिस की छापेमारी हो रही है, लोग पकड़े जा रहे हैं. लेकिन लोग अभी भी सजग नहीं हो रहे हैं. जिसके कारण इस तरह की घटनाएं घट रही हैं. बिहार में शराबबंदी सफल हो इसके लिए सरकार काम कर रही है. जहरीली शराब पीकर लोगों की मौतें हो रही है, यह चिंताजनक है. इसके लिए सरकार लोगों को लगातार जागरूक करने का काम कर रही है.''- विनोद शर्मा, भाजपा प्रवक्ता

''ये बहुत ही दुखद मामला है. जब जब होली आती है, तब तब अनेकों लोग जहरीली शराब पीकर मर जाते हैं. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी बार-बार कहा करते थे कि मुख्यमंत्री जी आप समीक्षा बैठक करके इसकी समीक्षा कीजिए कि कैसे लोगों की जान बच सके, ताकि जो नकली शराब बिहार में आ रही है वो रुक सके. लेकिन, मुख्यमंत्री लगातार कह रहे हैं कि हम ड्रोन के द्वारा हेलीकॉप्टर के द्वारा प्रचार और प्रसार कर रहे हैं. मेरा तो ये कहना है कि जहरीली शराब से सिर्फ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लोग मर रहे हैं. नौकरशाह की भूमिका संदिग्ध है, अगर अधिकारी शराबबंदी पर ईमानदारी से काम करें तो शराबबंदी सफल हो सकती है.''- विजय यादव, पार्टी प्रवक्ता

''होली आपसी भाईचारे का त्योहार होता है, लेकिन अब जिस तरीके से लोगों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं, वो काफी दुखद है काफी निंदनीय है. वहां का प्रशासन सघन जांच कर रहा है. लेकिन, मौत का जो सही कारण है वो निकलकर नहीं आ पाया है. अभी कुछ भी कहना कि मौत किस वजह से हुई है जल्दबाजी होगी. प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रही है. पूरे मामले में जो कोई भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.''- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता

'नासूर बन गई है शराबबंदी': वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि शराबबंदी के एक तरफ जहां फायदे है, तो वहीं दूसरी तरफ ये नासूर बन गया गया है. शराबबंदी के बाद जिस तरीके से शराब बेची जा रही है. बड़े बड़े लोग इस गैंग में शामिल हैं. आपको पता होगा कि मुख्यमंत्री जब एक कार्यक्रम में मंच पर थे तो बिहार सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि शराबबंदी के बाद हर जिले में माफिया तैयार हो गए हैं. परिणाम ये है कि एक अंतराल के बाद मौत का सिलसिला शुरू हो जाता है.

''होली के समय चुपके से हर जगह शराब पहुंच जा रहा है, कई जगह शराब बनाया जा रहा है. सरकार कभी भी जहरीली शराब से मौत को मानने को तैयार नहीं होती है. सरकार के नुमाइंदे भी कहते हैं कि मौत बीमारी से हुई है. लेकिन, मृतकों के परिजनों से पता चलता है कि मृतक ने पहले शराब पी है, फिर उसकी मौत हो जाती है. हैरानी की बात तो ये है कि सरकार ने पोस्टमॉर्टम तक नहीं करवाया है. जिससे की मौत की वजह का पता लगाया जा सके. ये बहुत बड़ा खेल है. शराबबंदी कानून की अधिकारियों ने ही हवा निकाल कर रख दी है. अधिकारी अगर सख्ती से शराबबंदी कानून लागू करवाएंगे, तो जहरीली शराब से मौत का मामला इतने बड़े पैमाने पर सामने नहीं आएगा.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार

तमाम कवायदों के बावजूद शराब की डिलीवरी: होली से पहले बिहार में शराबबंदी को लेकर प्रशासन ने चाक चौबंद बंदोबस्त कर रखे थे. पुलिस आसमान से ड्रोन और हेलिकॉप्टर के जरिए शराब माफियाओं पर नजर रखने का दावा करती रह गई. लेकिन, ना तो जमीन पर पुलिस कुछ कर पाई औरा ना ही आसमान से हेलिकॉप्टर या ड्रोन नजर रख पाया. नतीजा ये हुआ कि अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन इस मामले में पुष्टि करने से बचता दिख रहा है.

'मदिरा प्रेमी' खोज लेते हैं पीने का तरीका: सच्चाई ये है कि मदिरा प्रेमियों को तो बस पीने से मतलब होता है. आप लाख कानून बना दीजिए, वो तरीका खुद खोज लेते हैं. बिहार में खुलेआम शराब बिकनी बंद हो गई तो क्या, पड़ोसी देश नेपाल और फिर दूसरे राज्यों जैसे यूपी और झारखंड से इनकी पूर्ति होने लगी है. पड़ोस के राज्यों से सटे लोग केवल पीने के लिए दो-तीन घंटे के सफर से नहीं हिचकते हैं. यही नहीं, चोरी-छिपे शराब को राज्य में लाने का खेल भी खूब हो रहा है. एक पूरा नेटवर्क तैयार हो गया है, जो आपकी डिमांड पूरी कर देगा. आपको बस अपनी जेब ढिली करने की जरूरत है. पीने-पिलाने वाले शौकीन लोगों के घरों में स्टॉक भी जमा है. खत्म हुआ तो दूसरी खेप आ जाती है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.