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जदयू में 'मनभेद'.. ललन और आरसीपी सिंह के बीच घमासान से बढ़ेगी पार्टी की मुश्किलें!

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Published : Jan 30, 2022, 5:57 PM IST

उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले जदयू के अंदर घमासान मचा है. पार्टी दो खेमें में बंटती दिखने लगी है. ललन सिंह और आरसीपी सिंह में मनभेद की स्थिति है, जिससे पार्टी को नुकसान भी पहुंच रहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

आरसीपी सिंह और ललन सिंह
आरसीपी सिंह और ललन सिंह

पटनाः बिहार में प्रमुख सत्ताधारी दल जदयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. जबसे आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बने हैं, जदयू में खेमेबाजी साफ दिख रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बहाने ललन सिंह ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) को टारगेट करने की पूरी कोशिश की लेकिन आरसीपी सिंह के जवाबी हमले के बाद पार्टी नेताओं की स्थिति असहज हो गई है. जदयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) के लगातार बयानबाजी के बाद आरसीपी सिंह ने साफ चेतावनी दी है कि दाएं-बाएं ना करें. जनता ने 2025 तक काम करने का अवसर दिया है, काम करने दें. जदयू के शीर्ष नेताओं के घमासान पर राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि पार्टी को इससे आने वाले दिनों में बड़ा नुकसान हो सकता है.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आरसीपी सिंह को बीजेपी से तालमेल के लिए अधिकार दिया गया था. बीजेपी से तालमेल नहीं हुआ और ललन सिंह को हमला करने का मौका मिल गया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू ने 26 सीटों का अभी ऐलान किया है. 20 उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है. स्टार प्रचारकों की सूची में भी आरसीपी सिंह का नाम शामिल नहीं था लेकिन आरसीपी सिंह के तेवर के बाद पार्टी की तरफ से सफाई दी गई कि आरसीपी सिंह भी यूपी में प्रचार करेंगे.

राजनीति के जानकार साफ बता रहे हैं कि जदयू के अंदर जबरदस्त घमासान मचा है. केंद्र में मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से ही ललन सिंह नाराज हैं. हालांकि पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी को कम करने का कोशिश जरूर की है, लेकिन उनकी नाराजगी आरसीपी सिंह से है जो खुद मंत्री बन गए. हालांकि आरसीपी सिंह ने लंबे समय तक मुंह नहीं खोला था लेकिन लगातार हमला होने के बाद जिस प्रकार से आरसीपी सिंह की तरफ से रिएक्शन आए हैं, साफ है कि जदयू के अंदर तकरार और बढ़ेगा.

'जदयू के दो शीर्ष नेताओं के बीच तकरार मनभेद साफ दिख रहा है. इसका असर उत्तर प्रदेश चुनाव पर तो पड़ेगा ही, आने वाले दिनों में बिहार में भी पार्टी पर पड़ सकता है.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

'अब जदयू में पर्दे से सब कुछ बाहर आ गया है और कभी भी कुछ भी हो सकता है. पार्टी ताश के पत्ते की तरह ढह सकती है.' -मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

'यह जदयू का अंदरूनी मामला है. सीएम नीतीश कुमार की नजर दोनों नेताओं पर होगी और रास्ता जरूर निकाल लेंगे. गठबंधन पर बिहार में इसका कोई असर नहीं होगा.' -विनोद शर्मा, प्रवक्ता बीजेपी

जदयू के दो शीर्ष नेताओं के बीच घमासान के कारण पार्टी का कोई भी नेता और प्रवक्ता कुछ भी बोलने से बच रहा है. फिलहाल जदयू में चल रहे घटनाक्रम पर एक नजर डालें. ललन सिंह इसलिए नाराज हैं कि आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बन गए, उन्हें नहीं बनाया गया. आरसीपी सिंह की नाराजगी इसलिए है कि उनके लोगों को ललन सिंह एक-एक कर साइडलाइन कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में एंट्री से भी आरसीपी सिंह खुश नहीं हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह ने सभी प्रकोष्ठ को भंग कर दिया था, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बनने के कारण गठन नहीं हो सका है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की खेमेबाजी के कारण पार्टी के अंदर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. ललन सिंह विशेष राज्य के दर्जे को लेकर विशेष अभियान चला रहे हैं और अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर निशाना भी साथ रहे हैं. ललन सिंह के साथ उपेंद्र कुशवाहा इस प्रकार से बयान दे रहे हैं, बीजेपी नेताओं में भी नाराजगी है. दूसरी तरफ आरसीपी सिंह बीजेपी के नजदीक जाते दिख रहे हैं.

आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाते हैं और हमेशा नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं. ललन सिंह भी नीतीश कुमार के चेहते में से रहे हैं, लेकिन जानकार कहते हैं कि नीतीश ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते हैं. एक तरफ पार्टी को मजबूत करने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच में घमासान मचा है. इससे पार्टी के अंदर ही उहापोह की स्थिति है और पार्टी को नुकसान भी पहुंच सकता है.

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