ETV Bharat / state

'विशेष दर्जे' की मांग पर JDU का यू-टर्न, RJD ने कहा-'पलटी मारना CM नीतीश की पुरानी आदत'

author img

By

Published : Sep 28, 2021, 8:35 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 11:01 PM IST

विशेष दर्जा
विशेष दर्जा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बिहार को विशेष दर्जा (Special Status) देने की मांग पर यू-टर्न ले लिया है. अब वो मोदी सरकार (Modi Government) से विशेष राज्य की जगह विशेष मदद की मांग कर रहे हैं, जिस पर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना: विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अब यू-टर्न ले लिया है. पिछले डेढ़ दशक से नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग (Special Status) को जोरदार ढंग से उठाते रहे हैं. जदयू इसे चुनाव के समय बड़ा मुद्दा बनाती रही है. इसे लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया और केंद्र को भेजा गया था.

ये भी पढ़ें- अब 'विशेष दर्जे' की मांग नहीं... नीतीश के मंत्री बोले- 16 साल से मांग करते-करते थक गए

नीतीश कुमार ने एक करोड़ हस्ताक्षर भी करवाए और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को दिया था. यही नहीं पटना से दिल्ली तक आंदोलन चलाया गया था. अब जब केंद्र और बिहार दोनों जगह एनडीए की सरकार है, तो नीतीश कुमार ने अचानक यू-टर्न ले लिया है और विशेष राज्य की मांग की जगह विशेष मदद की मांग कर रहे हैं. इस पर अब बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है. विशेषज्ञ कहते हैं कि नीतीश कुमार को पता है जो मापदंड हैं उसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना नहीं है और इसलिए बीजेपी के साथ विशेष मदद पर ही बातचीत के बाद नीतीश कुमार ने यू-टर्न लिया है.

देखें रिपोर्ट

दरअसल, देश के आदिवासी बहुल इलाके सीमावर्ती और पर्वतीय दुर्गम इलाके वाले राज्य के साथ बेहद गरीब और पिछले राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है. वर्तमान में 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है इसमें मणिपुर, मेघालय, असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. जम्मू कश्मीर को भी विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था.

ये भी पढ़ें- CM नीतीश कुमार की JDU ने PM मोदी से की मांग, बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

राज्य की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है. केंद्र अपने विवेक, मांग और जरूरत के अनुसार किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का फैसला करता रहा है. देश में सबसे पहले 1969 में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने 3 राज्यों असम, नागालैंड और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया था. उसके बाद सात अन्य राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया. 2011 में उत्तराखंड को भी विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ.

ETV BHARAT GFX
ETV BHARAT GFX

विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्र सरकार 90 फीसदी अनुदान के रूप में फंड देती है. शेष 10 फीसदी रकम पर कोई ब्याज नहीं लगता है, बिहार को वर्तमान में 30 फीसदी राशि अनुदान के रूप में मिलती है, शेष 70 फीसदी केंद्र का कर्ज होता है. हर साल केंद्र सरकार अपने प्लान बजट का 30 फीसदी रकम विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को देती है. इसके अलावा ऐसे राज्यों को इनकम टैक्स, एक्साइज और कस्टम में भी बड़ी छूट मिलती है, जिसके कारण औद्योगिकीकरण तेजी से होता है.

ये भी पढ़ें- जब UP में OBC वोट बैंक पर पहले से BJP का 'कब्जा', तो सहयोगी कैसे कर पाएंगे मनमाफिक समझौता?

नीतीश कुमार का यह मानना रहा है कि बिहार में औद्योगिकीकरण नहीं होने के पीछे बड़ा कारण विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलना है और इसके कारण जो छूट मिलती है वह छूट बिहार को नहीं मिल रही है और उद्योग नहीं लग रहे हैं. दूसरा झारखंड के अलग होने के बाद बिहार के पास प्राकृतिक संसाधन नहीं के बराबर बचे हैं और इसे भी एक बड़ा कारण विशेष राज्य के दर्जे को लेकर दिया जाता रहा है. तीसरा जो सबसे महत्वपूर्ण कारण बिहार के बड़े हिस्से में हर साल बाढ़ से तबाही होती है और यह बाढ़ अंतरराष्ट्रीय नदियों के कारण आती है. इसके कारण यहां से बड़ी संख्या में लोग दूसरे जगह पलायन करते हैं.

ETV BHARAT GFX
ETV BHARAT GFX

केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी उस समय भी बिहार की मांग को सुना नहीं गया और अब केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए जो मापदंड तैयार किए हैं उसमें बिहार फिट नहीं बैठता है. एएन सिन्हा शोध संस्थान के विशेषज्ञ प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है कि भले ही विशेष मदद की मांग की जा रही है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य की मांग छोड़नी नहीं चाहिए.

ये भी पढ़ें- बिहार को फिसड्डी बताने वाले 'नीति आयोग की रैंकिंग' पर सरकार ने जताई आपत्ति, भेजा मेमोरेंडम

''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब लगा होगा कि विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है. उन्हें पता है कि जो मापदंड हैं उसमें बिहार फिट नहीं बैठता है, इसलिए विशेष सहायता ही केंद्र से ले ली जाए और संभवत: केंद्र से इस पर बातचीत भी हुई हो. इसी कारण नीतीश कुमार ने यू-टर्न ले लिया है. हालांकि, अभी देखना है कि केंद्र से यदि इस पर समझौता हुआ है तो केंद्र किस तरह से मदद करता है. विशेष सहायता में जब तक सेवन सिस्टर्स राज्यों को जो विशेष राज्य में छूट मिल रही है, खासकर टैक्स में अगर वह बिहार को नहीं मिलेगी, तब तक खास लाभ होने वाला नहीं है.''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

ETV BHARAT GFX
ETV BHARAT GFX

नीतीश कुमार के यू-टर्न लेने पर बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है, जहां आरजेडी हमलावर है और नीतीश कुमार पर यह आरोप लगा रही है कि वो सत्ता के लिए पलटी मारने के लिए जाने जाते हैं. वहीं, बीजेपी का कहना है कि बिहार को केंद्र लगातार विशेष मदद करता रहा है और हम लोगों की प्रतिबद्धता बिहार का विकास है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के लिए फिलहाल जवाब देना मुश्किल हो रहा है, लेकिन उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम लोग लगातार बिहार के विकास में लगे हुए हैं और केंद्र से भी मदद मिल रही है.

Last Updated :Sep 28, 2021, 11:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.