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पटना में धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस, चर्च में लगी रही लोगों की भीड़

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Published : Dec 25, 2022, 10:50 PM IST

पटना में बड़े क्रिसमस का (Christmas festival in Patna) त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. क्रिसमस को लेकर राजधानी पटना के बांकीपुर स्थित कैथोलिक चर्च में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ जुटी. पटना में गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली. जहां ईसाई धर्म को मानने वालों के साथ साथ हिंदू और मुस्लिम समाज के युवक और युवतियां भी काफी संख्या में प्रभु यीशु की प्रार्थना के लिए पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर..

युवक-युवतियों ने कैंडिल जलाकर की प्रेयर
युवक-युवतियों ने कैंडिल जलाकर की प्रेयर

पटना में क्रिसमस की धूम

पटना : राजधानी पटना के बांकीपुर स्थित कैथोलिक चर्च (Catholic Church located in Bankipur, capital Patna) में सुबह से भीड़ उमड़ पड़ी. युवक-युवतियों में खासा उत्साह देखा गया. चर्च के अंदर युवक और युवतियों प्रभु यीशु की प्रार्थना के लिए पहुंचे. प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को लेकर कैथोलिक चर्च में एक गौशाला का निर्माण किया गया था. जिसमें टोकरी में बाल्यावस्था में प्रभु यीशु की आकृति की तैयार की गई थी. लोग यहां कैंडल जलाने के बाद ही अंदर चर्च में जाकर प्रार्थना कर रहे थे.

चर्च में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ जुटी
चर्च में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ जुटी.

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प्रभु यीशु से मांगी खुशहाली : क्रिसमस को लेकर चर्च को आकर्षक तरीके से सजाया गया. चर्च में खूब सारे क्रिसमस ट्री और लाइटिंग की भी व्यवस्था की गई थी. कैंडल जलाने के बाद युवक और युवतियों ने बताया कि वह अमन प्रेम और भाईचारा की कामना किए हैं और घर परिवार में सुख समृद्धि और शांति की कामना किए हैं. कुछ लड़कियों ने बताया कि उन्होंने प्रभु यीशु से मांगा है कि माता-पिता स्वस्थ और खुशहाल रहें.

प्रभु यीशु का जन्म एक गौशाला में ही हुआ था
प्रभु यीशु का जन्म एक गौशाला में हुआ था.
कैंडल जलाने के बाद ही अंदर चर्च में जाकर प्रार्थना कर रहे थे.
कैंडल जलाने के बाद ही अंदर चर्च में जाकर प्रार्थना कर रहे थे.

" कैथोलिक चर्च के फादर अमल राज ने बताया कि ईसाई धर्म में ऐसी मान्यता है कि आज से 2022 ईसा पूर्व प्रभु यीशु जन्म लिए थे और इसी दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है. इसको लेकर चर्च को खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है वही एक अस्थाई गौशाला का निर्माण किया जाता है. जिसमें टोकरी में बाल्यावस्था मैं यीशु को दिखाया जाता है. प्रभु यीशु का जन्म एक गौशाला में ही हुआ था. इसलिए गौशाला का बहुत महत्व है. इसके अलावा इस दिन विशेष मिशा बलिदान प्रार्थना होती है. इस प्रार्थना के लिए सभी लोग अंतःकरण से शुद्ध होकर के पहुंचते हैं और प्रभु यीशु से कामना करते हैं कि उनके अंदर का ईर्ष्या द्वेष और नफरत मिट जाए. उन लोगों से जो कुछ भी गलत कार्य हुए हैं उसके लिए प्रभु क्षमा करें. इसके अलावा प्रभु यीशु के उपदेश सुनाए जाते हैं और फिर परम प्रसाद वितरण किया जाता है." -अमल राज, फादर, कैथोलिक चर्च

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