ETV Bharat / state

70 साल के नीतीश के सामने होंगे दो युवा बिहारी, 2 सीटों पर उपचुनाव में किसका दिखेगा दम

चिराग पासवान (Chirag Paswan) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच बढ़ती नजदीकी से बिहार में एक नयी राजनीति की शुरुआत की संभावना जतायी जा रही है. इससे पहले चिराग पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को जोर का झटका दे चुके हैं. अब कयास लगाये जा रहे हैं कि यदि चिराग-तेजस्वी साथ आ जाते हैं तो विधानसभा की 2 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में नीतीश को फिर झटका लग सकता है. पढ़ें रिपोर्ट...

chirag
chirag
author img

By

Published : Jul 12, 2021, 12:49 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 8:09 PM IST

पटना: वक्त के साथ बिहार की राजनीतिक परिस्थिति भी बदल गई है. एक समय था जब चुनावी मैदान में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का मुकाबला उनके ही समकक्ष लालू प्रसाद यादव और राम विलास पासवान से हुआ करता था. लेकिन अब आरजेडी और एलजेपी की बागडोर युवा हाथों में आ गई है. नीतीश कुमार को अब तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) से सीधे लड़ाई करनी है. पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने अकेले अपनी छाप भी छोड़ी है. लेकिन अब चिराग भी महागठबंधन में आ जाते हैं तो 70 साल के नीतीश कुमार को चुनावी अखाड़े में युवा चुनौती से भिड़ना होगा.

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू (JDU) तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई. विधानसभा चुनाव के परिणाम में देखा गया कि चिराग पासवान के चलते नीतीश कुमार को भारी नुकसान हुआ है. इस पूरे खेल में सबसे बड़ा फायदा राष्ट्रीय जनता दल को हुआ. अब राजद चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कोशिश में है. इसी बीच अगले कुछ दिनों में बिहार की 2 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. दोनों सीटें जदयू के विधायकों के निधन से खाली हुई हैं. ऐसे में चिराग एक बार फिर नीतीश की टेंशन बढ़ाने वाले हैं.

ये भी पढ़ें: नई राजनीति की ओर बिहार: चिराग-तेजस्वी की दिल्ली में हो सकती है मुलाकात

मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट जदयू नेता मेवालाल चौधरी के निधन से खाली हुई है जबकि दरभंगा जिले की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट जदयू नेता शशिभूषण हजारी के निधन से खाली हुई है. विधानसभा चुनाव में काफी कम सीटे मिलने से जदयू पहले ही बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. 2 विधायकों के निधन से जदयू को बड़ा झटका लगा है. इन दोनों सीटों के लिए अगले 6 महीने में उपचुनाव होगा. विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब नतीजों के लिए चिराग पासवान को ही जिम्मेदार माना गया था. अब चिराग पासवान और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की नजदीकी खास तौर पर नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ाने वाली है.

टेंशन इसलिए कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही नीतीश कुमार लगातार अपना कुनबा मजबूत करने में लगे हैं. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बसपा के एकमात्र विधायक को जदयू में शामिल करवाया. वहीं, लोजपा (LJP) संसदीय दल में टूट के लिए भी नीतीश कुमार को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. लेकिन विधानसभा का गणित देखें तो महागठबंधन और एनडीए के बीच ज्यादा अंतर नहीं है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: चिराग पासवान से मिले RJD नेता श्याम रजक, क्या 'बंगले' में 'लालटेन' जलाने की है तैयारी?

जिन 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें मुंगेर की तारापुर सीट पर मेवालाल चौधरी को 36.93% वोट मिले थे जबकि राजद प्रत्याशी दिव्या प्रकाश को 32.80 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं, लोजपा की मीना देवी तीसरे नंबर पर रही थीं. उन्हें 6.45% वोट मिले थे.
दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट की बात करें तो जदयू के शशिभूषण हजारी को 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में 39.55% वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के अशोक कुमार को 34.26% और लोजपा की पूनम कुमारी को 9.79% वोट मिले थे.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

वोट प्रतिशत के हिसाब से भी देखें तो अगर महागठबंधन में चिराग की लोजपा की एंट्री हो जाती है तो आगामी विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर महागठबंधन जदयू पर भारी पड़ेगा. चिराग की आशीर्वाद यात्रा भी एक बड़ा फैक्टर है. इसके सहारे वे रामविलास पासवान की विरासत पर लोगों की सहानुभूति से अपना हक जता रहे हैं. वैसे भी इतिहास देखें तो जब-जब बिहार में उप चुनाव हुए हैं, बीजेपी और जदयू को मुंह की खानी पड़ी है.

पटना: वक्त के साथ बिहार की राजनीतिक परिस्थिति भी बदल गई है. एक समय था जब चुनावी मैदान में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का मुकाबला उनके ही समकक्ष लालू प्रसाद यादव और राम विलास पासवान से हुआ करता था. लेकिन अब आरजेडी और एलजेपी की बागडोर युवा हाथों में आ गई है. नीतीश कुमार को अब तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) से सीधे लड़ाई करनी है. पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने अकेले अपनी छाप भी छोड़ी है. लेकिन अब चिराग भी महागठबंधन में आ जाते हैं तो 70 साल के नीतीश कुमार को चुनावी अखाड़े में युवा चुनौती से भिड़ना होगा.

बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू (JDU) तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई. विधानसभा चुनाव के परिणाम में देखा गया कि चिराग पासवान के चलते नीतीश कुमार को भारी नुकसान हुआ है. इस पूरे खेल में सबसे बड़ा फायदा राष्ट्रीय जनता दल को हुआ. अब राजद चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कोशिश में है. इसी बीच अगले कुछ दिनों में बिहार की 2 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. दोनों सीटें जदयू के विधायकों के निधन से खाली हुई हैं. ऐसे में चिराग एक बार फिर नीतीश की टेंशन बढ़ाने वाले हैं.

ये भी पढ़ें: नई राजनीति की ओर बिहार: चिराग-तेजस्वी की दिल्ली में हो सकती है मुलाकात

मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट जदयू नेता मेवालाल चौधरी के निधन से खाली हुई है जबकि दरभंगा जिले की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट जदयू नेता शशिभूषण हजारी के निधन से खाली हुई है. विधानसभा चुनाव में काफी कम सीटे मिलने से जदयू पहले ही बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. 2 विधायकों के निधन से जदयू को बड़ा झटका लगा है. इन दोनों सीटों के लिए अगले 6 महीने में उपचुनाव होगा. विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब नतीजों के लिए चिराग पासवान को ही जिम्मेदार माना गया था. अब चिराग पासवान और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की नजदीकी खास तौर पर नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ाने वाली है.

टेंशन इसलिए कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही नीतीश कुमार लगातार अपना कुनबा मजबूत करने में लगे हैं. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बसपा के एकमात्र विधायक को जदयू में शामिल करवाया. वहीं, लोजपा (LJP) संसदीय दल में टूट के लिए भी नीतीश कुमार को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. लेकिन विधानसभा का गणित देखें तो महागठबंधन और एनडीए के बीच ज्यादा अंतर नहीं है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: चिराग पासवान से मिले RJD नेता श्याम रजक, क्या 'बंगले' में 'लालटेन' जलाने की है तैयारी?

जिन 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें मुंगेर की तारापुर सीट पर मेवालाल चौधरी को 36.93% वोट मिले थे जबकि राजद प्रत्याशी दिव्या प्रकाश को 32.80 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं, लोजपा की मीना देवी तीसरे नंबर पर रही थीं. उन्हें 6.45% वोट मिले थे.
दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट की बात करें तो जदयू के शशिभूषण हजारी को 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में 39.55% वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के अशोक कुमार को 34.26% और लोजपा की पूनम कुमारी को 9.79% वोट मिले थे.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

वोट प्रतिशत के हिसाब से भी देखें तो अगर महागठबंधन में चिराग की लोजपा की एंट्री हो जाती है तो आगामी विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर महागठबंधन जदयू पर भारी पड़ेगा. चिराग की आशीर्वाद यात्रा भी एक बड़ा फैक्टर है. इसके सहारे वे रामविलास पासवान की विरासत पर लोगों की सहानुभूति से अपना हक जता रहे हैं. वैसे भी इतिहास देखें तो जब-जब बिहार में उप चुनाव हुए हैं, बीजेपी और जदयू को मुंह की खानी पड़ी है.

Last Updated : Jul 12, 2021, 8:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.