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NDA में LJP रामविलास की वापसी? चिराग पासवान ने बताया, वो एनडीए का हिस्सा हैं या नहीं

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Published : Jul 18, 2022, 9:35 AM IST

Updated : Jul 18, 2022, 10:34 AM IST

रविवार को एनडीए सांसदों की मॉक ड्रिल बैठक में शामिल होने के बावजूद एक बार फिर से चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने यह दावा किया कि वो एनडीए में शामिल नहीं हैं और चुनाव आने पर ही यह फैसला करेंगे कि उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) किस पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी. पढ़ें पूरी खबर...

चिराग पासवान की एनडीए में वापसी
चिराग पासवान की एनडीए में वापसी

पटना/नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की प्रैक्टिस करने के लिए रविवार को संसद भवन परिसर में एनडीए सांसदों को मॉक ड्रिल बैठक (Mock drill presidential elections) के लिए बुलाया गया था. इस बैठक में भाजपा और उसके सभी सहयोगी दलों के सांसद पहुंचे थे. बैठक में शामिल होने वाले सांसदों में से सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम चिराग पासवान (Chirag paswan attended nda all party meeting) का रहा जो वर्तमान में अपने आपको एनडीए का हिस्सा नहीं बताते हैं.

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चिराग पासवान की एनडीए में वापसी?: एनडीए सांसदों की बैठक में शामिल होने के बाद बाहर आए चिराग पासवान ने कहा कि समाज की सबसे वंचित वर्ग ( अनुसूचित जनजाति ) की महिला देश की सर्वोच्च कुर्सी की दावेदार हैं और कल (सोमवार) को उसके लिए मतदान होगा तो हमने भी उनका समर्थन किया है और चुनाव के प्रक्रिया की जानकारी के बारे में बताने के लिए आज की यह बैठक (एनडीए सांसदों की) बुलाई गई थी लेकिन जब चिराग पासवान से यह पूछा गया कि आप एनडीए सासंदों की बैठक में शामिल होकर आए हैं, तो क्या आप अभी एनडीए का हिस्सा हैं ? तो इस सवाल का जवाब ना में देते हुए उन्होने कहा कि, एक बैठक में शामिल होने से यह कतई नहीं माना जाए कि मैं इस गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हूं.

संगठन और जनाधार को मजबूत करने में जुटा हूं: चिराग ने आगे कहा कि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) पूरी तरह से अपने संगठन और जनाधार को मजबूत करने में लगी हुई है. उन्होने कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोक सभा चुनाव और 2025 का बिहार विधान सभा चुनाव गठबंधन करके ही लडेगी लेकिन किसके साथ गठबंधन करेगी , इसका खुलासा वे चुनाव के समय ही करेंगे. उन्होने कहा कि आज की तारीख में वो न तो एनडीए के साथ है , न ही यूपीए के साथ है और न ही महागठबंधन के साथ. हालांकि इसके साथ ही उन्होने उपराष्ट्रपति पद के लिए भी एनडीए उम्मीदवार को ही वोट देने का ऐलान किया.

चिराग एक जमाने में अपने पिता द्वारा बनाई गई पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उसके संसदीय दल के नेता हुआ करते थे. 2020 में बिहार में हुए विधान सभा चुनाव में अपने आपको मोदी का हनुमान बताते हुए नीतीश कुमार की वजह से चिराग ने एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ा और बुरी तरह से हार गए. चुनावी नतीजे सामने आने के बाद कम सीटों के बावजूद नीतीश कुमार भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए और उसके बाद चिराग पासवान की मुश्किलें बढ़ती चली गई. चिराग पासवान पर पार्टी को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी और संसदीय दल दोनों पर ही अपना अधिकार जमा लिया. पारस गुट को ही लोकसभा में असली लोजपा के रूप में मान्यता मिली और वर्तमान में पशुपति पारस एनडीए के घटक दल के नेता के तौर पर मोदी सरकार में मंत्री हैं. हालांकि चुनाव आयोग के फैसले के बाद पशुपति पारस और चिराग पासवान, दोनों के राजनीतिक दल का नाम बदल गया है. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस, वर्तमान में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो वहीं चिराग पासवान ने अपनी नई पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी ( रामविलास) रखा है.

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Last Updated :Jul 18, 2022, 10:34 AM IST
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