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'जो भगवान राम का नहीं.. वो किसी का नहीं.., राजनीति करनी है तो माफी मांगे मांझी'

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Published : Sep 22, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 10:54 AM IST

बिहार के पूर्व CM जीतनराम मांझी के राम और रामायण को लेकर दिए गए बयान पर बिहार एनडीए में महाभारत छिड़ता दिख रहा है. बीजेपी जहां खुले तौर पर मांझी के बयान की मुखालफत कर रही है. वहीं अब अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी मांझी के बयान पर आपत्ति जताये हुए माफी की मांग की है.

चक्रपाणी ने मांझी से माफी की मांग की
चक्रपाणी ने मांझी से माफी की मांग की

पटना/नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की ओर से भगवान राम (Lord Ram) के अस्तित्व पर सवाल उठाने के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) गरमा गई है. बीजेपी (BJP) समेत अन्य दलों ने जहां कड़ा ऐतराज जताया है, वहीं अब देशभर के हिंदू संगठन भी उनके बयान पर नाराजगी जता रहे हैं. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि पूर्व सीएम मांझी द्वारा भगवान श्री राम के अस्तित्व को अस्वीकार करना निंदनीय है. जीतन राम मांझी को श्री राम भक्त हिंदुओं से तुरंत माफी मांगनी चाहिए.

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स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि जीतन राम मांझी ने जिस तरह से भगवान राम के अस्तिव को नकारने का पाप किया है, वो काफी निंदनीय है. मैं उन्हें काफी सम्मान देता हूं, लेकिन उन्होंने हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. राम भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचायी है. हिन्दू समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.

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'एक बार कांग्रेस ने भी भगवान राम के अस्तित्व को नकारा था. कांग्रेस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर भगवान राम को काल्पनिक चरित्र बताया था. आज कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. मांझी को ये समझना चाहिए कि जो अपने अस्तित्व को नहीं बचाना चाहता है वह भगवान राम पर अपनी टिप्पणी करे. जो भगवान राम का नहीं, वह किसी का नहीं है. इस देश में रहना है तो भगवान राम का सम्मान करना होगा. जीतन राम मांझी खुद एक हिंदू होते हुए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.' :-स्वामी चक्रपाणि महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय हिंदू महासभा

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स्वामी चक्रपाणी महाराज ने कहा कि इस देश में रहकर बहुसंख्यकों की भावनों को ठेस पहुंचा रहे हैं. आखिरकार जीतन राम मांझी इस तरह का बयान देकर किसे प्रभावित करना चाहते हैं. उन्हें कौन वोट देगा. इस तरह के बयानों से उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. आने वाले चुनावों में उनके इस बयान का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. अभी भी वक्त है उनसे अनुरोध करता हूं कि अगर उन्होंने भूलवश या नशे में रहते हुए ऐसा बयान दिया है तो अपना बयान वापस लेते हुए हिंदू भक्तों से माफी मांगे.

आपको बताएं कि मंगलवार को हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्री राम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है. वहीं विवाद बढ़ने के बावजूद मांझी अपने उस बयान पर कायम हैं.

बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा, 'देखने का अपना-अपना नजरिया है. मैं अपने बयान पर एकदम कायम हूं. 100 नहीं 200 प्रतिशत कायम हूं. रामायण महाकाव्य है. उसमें बहुत सी सूक्तियां हैं. जैसे हितोपदेश में मूर्ख राजा के बेटे को कहानी कहकर नीति निरूपित किया गया है. उन्हें प्रकाण्ड विद्वान बनाया गया है. इसी हिस्से में रामायण है. रामायण में बहुत अच्छी-अच्छी बातें हैं. उन बातों को मानना चाहिए. किसी को नायक और नायिका बनाकर ये बातें कहीं गईं हैं.'

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Last Updated :Sep 23, 2021, 10:54 AM IST
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