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बिहार में अफसरशाही है, ईगो के कारण अधिकारी पूरा नहीं करते प्रोटोकॉलः विधानसभा सदस्य

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Published : Mar 4, 2022, 5:55 PM IST

बिहार में अफसरशाही
बिहार में अफसरशाही

बिहार विधानसभा में अफसरशाही का मुद्दा उठाया गया. सदन में सभी सदस्य एकजुट दिखे. सभी दल के विधायकों ने कहा कि शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम में हमें नहीं बुलाया जाता है. इस पर बीजेपी मंत्री ने कहा कि सारे अफसर ऐसा नहीं करते हैं.

पटनाः बिहार विधानसभा में अफसरशाही का मुद्दा (Bureaucracy Issue Raised in Bihar Assembly) उठाया गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने कहा कि उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में भी हमें नहीं बुलाया जाता है. इस मुद्दे पर विधानसभा में सभी सदस्य एकजुट दिखे. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने भी कहा, मामला गंभीर है. सभी सदस्यों से जुड़ा हुआ है. ऐसे मुख्यमंत्री ने प्रोटोकॉल पालन करने का अधिकारियों को पहले ही साफ निर्देश दे रखा है.

उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि सरकार की मंशा साफ है. विधायकों को सम्मान मिले. बिहार सरकार के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि कुछ लोग गलत होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी अधिकारी एक जैसा करते हैं. अब सब बच्चे तो तेज नहीं हो सकते, कुछ बुद्धू भी होते हैं.

बिहार में अफसरशाही पर सदस्यों का बयान

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विधानसभा अध्यक्ष ने भी किया हस्तक्षेपः बिहार विधानसभा में आज एक बार फिर से माननीयों के सम्मान का मामला गूंजा. क्या सत्ता पक्ष और क्या विपक्ष, इस मुद्दे पर सभी की पीड़ा एक जैसी दिखी. सभी दल के विधायकों ने कहा कि शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम में हमें नहीं बुलाया जाता है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने भी हस्तक्षेप किया, उपमुख्यमंत्री से कहा कि इस मामले को देखिए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इसको लेकर गंभीर है और इसलिए लगातार पत्र भी सरकार जारी करती रही है कि प्रोटोकॉल का पालन किया जाए. विधानसभा से बाहर निकलने पर भी बीजेपी और कांग्रेस के विधायक ने अपनी पीड़ा बताई.

आईएएस और आईपीएस को यदि प्रोटोकॉल नहीं पता है, तो इस पर क्या कर सकते हैं. वे तो हैदराबाद से ट्रेनिंग लेकर आते हैं. सरकार लगातार पत्र जारी कर रही है लेकिन अधिकारियों को इगो प्रॉब्लम है. इसी कारण विधायक और सांसद को जो प्रोटोकॉल मिलना चाहिए, वह नहीं दे रहे हैं. -अरुण शंकर प्रसाद, विधायक, बीजेपी

अफसरशाही बिहार में हावी है. यही कारण है कि उद्घाटन और शिलान्यास जैसे कार्यक्रमों में भी हम लोगों को बुलाया नहीं जाता है. लेकिन हम लोग मुख्यमंत्री से मिलकर लोगों की समस्याओं के बारे में उन्हें बताते हैं और कई बार निर्माण भी हो जाता है. उद्घाटन भी हो जाता है लेकिन हम लोगों को पता नहीं चलता. -प्रतिमा कुमारी, विधायक, कांग्रेस

तेज और भुसकोल छात्र से की तुलनाः इस मामले में बिहार सरकार के बीजेपी मंत्री रामप्रीत पासवान का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सभी अधिकारी ऐसा करते हैं. कुछ अधिकारी जरूर करते हैं और उनके लिए ही सरकार पत्र जारी किया जाता है. अब सब बच्चे तो तेज नहीं हो सकते कुछ तो भुसकोल होंगे.

विधायक लगातार उठाते रहे हैं मामलाः विधानसभा सभा में पहले भी माननीयों के सम्मान का मामला उठ चुका है. सरकार के स्तर से भी कई पत्र पिछले साल जारी की गई थी. मुख्यमंत्री के बैठक में भी विधायक इस मामले को उठाते रहे हैं. मुख्यमंत्री की तरफ से भी साफ कहा जाता रहा है कि अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन करेंगे लेकिन उसके बावजूद विधायकों का दर्द कम नहीं हो रहा है.

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