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Bihar Budget Session : पढ़िये, 20 दिनों तक सदन में क्या किये आपके विधायकों ने!

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Published : Apr 5, 2023, 7:58 PM IST

बजट सत्र
बजट सत्र

बिहार विधानसभा का बजट सत्र 20 दिनों तक चला. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई. इस बजट सत्र में 5 विधेयक को पास कराया गया. वित्तीय वर्ष 2023- 24 का बजट भी पास कराया गया. पहली बार गृह विभाग के बजट पर चर्चा नहीं हुई और ना ही सरकार का उत्तर हुआ. इस बार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष का जबरदस्त हंगामा हुआ. बजट सत्र में इस बार बिहार गीत से समापन कर एक नई परंपरा की शुरुआत की गई.

बजट सत्र का लेखा जोखा.

पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी थी. अधिकांश प्रश्नों के उत्तर सदन में लायी गयी, लेकिन हंगामे के कारण कई प्रश्नों के उत्तर पर चर्चा नहीं हो सकी. बड़ी संख्या में ध्यान कर्षण का उत्तर सदन में नहीं हो सका. अंतिम दिन गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा ही नहीं हो पायी. बीजेपी के सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया. बजट सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण भी हुआ और बिहार का वर्ष 2023 -24 का बजट भी पेश हुआ.

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गिलोटिन में डालाः कई विभागों के बजट पर चर्चा भी हुई तो वहीं कई विभागों के बजट को गिलोटिन में डाल दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि गृह विभाग के बजट पर सरकार ने चर्चा नहीं कराई और ना ही सरकार की तरफ से उत्तर आया. कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने से सरकार भागती रही. जवाब देने से बचने के लिए ही गृह विभाग के बजट को सरकार ने गिलोटिन में डाल दिया. अंतिम दिन बाल कल्याण योजना के लिए बजट के साथ जेंडर बजट और परिणाम बजट भी सदन पटल पर रखा गया.

बजट सत्र की मुख्य बातें.
बजट सत्र की मुख्य बातें.

पक्षपात के आरोपः बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते रही. बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, निलंबन वापस लेना पड़ा. बीजेपी का कहना है कि वे लोग चाहते थे कि सदन की कार्यवाही सकारात्मक ढंग से चले, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करती रही. जवाब देने से भागती रही. लखेंद्र पासवान ने कहा कि निलंबन तो वापस होना ही था क्योंकि वे जनहित के मुद्दे उठा रहे थे. बीजेपी के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही अंतिम दिन समाप्त होने से पहले राष्ट्रीय गीत नहीं गाये जाने पर भी विरोध दर्ज कराया.

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उत्तर पर जताया असंतोषः माले के विधायक सुदामा प्रसाद का कहना है हम लोगों के प्रश्नों का उत्तर सकारात्मक ढंग से नहीं हुआ. हम लोग क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदन में आते हैं लेकिन उसका सही ढंग से निराकरण नहीं होता है. इसके कारण जनता में भी आक्रोश हम लोगों के प्रति बढ़ता है. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हम लोग तो सदस्यों के उत्तर लेकर सदन में आते थे लेकिन बीजेपी के सदस्य और विशेषकर नेता प्रतिपक्ष जिस प्रकार से बार-बार उठ कर अव्यवस्था पैदा करते थे, इसके कारण उत्तर नहीं हो पाया. वहीं कांग्रेस के सदस्य राजेश राम ने कहा कि इस बार का बजट सत्र इसलिए भी खास रहा क्योंकि बजट का आकार बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि उनके कई सवालों का उत्तर हुआ.

कार्यवाही पर एक नजर: विधानसभा की कार्यवाही 27 फरवरी से शुरू हुई थी. कुल 22 बैठकें होनी थी लेकिन 7 मार्च और 10 मार्च को छुट्टी कर दिए जाने के कारण सदन की कार्यवाही नहीं हुई. इसीलिए सदन की कुल बैठक 20 दिन ही हो पायी. बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान के निलंबन का मामला भी चर्चा में रहा तो वहीं अंतिम दिन बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शल से बाहर निकाले जाने का मामला भी सुर्खियां बटोरा. विधानसभा की कार्यवाही राष्ट्रगान से जरूर शुरू हुई, लेकिन समापन पहली बार बिहार गीत से हुआ. राष्ट्रीय गीत से समापन नहीं किए जाने पर बीजेपी की तरफ से आपत्ति भी जताई गई.

"हम लोग तो सदस्यों के उत्तर लेकर सदन में आते थे लेकिन बीजेपी के सदस्य और विशेषकर नेता प्रतिपक्ष जिस प्रकार से बार-बार उठ कर अव्यवस्था पैदा करते थे, इसके कारण उत्तर नहीं हो पाया"- श्रवण कुमार, मंत्री

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