चौटाला की रैली में नीतीश नहीं जायेंगे, BJP ने JDU के निर्णय का किया स्वागत

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Published : Sep 12, 2021, 12:06 PM IST

Ram Sagar Singh

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 25 सितंबर को आयोजित ओमप्रकाश चौटाला की रैली में शामिल नहीं होंगे. भाजपा ने सीएम के इस फैसले का स्वागत किया है. राम सागर सिंह ने कहा कि चौटाला की रैली में फुंके हुए कारतूस जुट रहे हैं.

नई दिल्ली/पटना: बिहार भाजपा (BJP) के प्रवक्ता डॉक्टर राम सागर सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने हरियाणा के जींद में ओमप्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) की होने वाली रैली में जाने से इनकार कर दिया है. हम लोग नीतीश के निर्णय का स्वागत करते हैं.

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राम सागर सिंह ने कहा, 'नीतीश इस रैली में नहीं जा रहे हैं. इस पर ओमप्रकाश ने कहा है कि नीतीश भाजपा से विद्रोह करने की साहस नहीं जुटा पाए. मैं कहना चाहता हूं कि जो लोग जेल जाते हैं और बेल पर रहते हैं वहीं साहस जुटा पाते हैं. चौटाला खुद जेल से छूटकर आए हैं. इसलिए उनमें बहुत साहस है. नीतीश पर कभी कोई केस नहीं हुआ, न कभी जेल गए, इसलिए वह रैली में जाने का साहस नहीं जुटा पाए.

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"ओमप्रकाश की रैली में जितने भी दल के नेता जुट रहे हैं वो सब जनता द्वारा रिजेक्ट किए हुए हैं. ये लोग फुंके हुए कारतूस हैं, तीसरा मोर्चा बना नहीं पाएंगे. बनाएंगे भी तो बिखर जाएगा. सभी दल अपने-अपने राज्य में हाशिये पर हैं. बीजेपी से इनमें से कोई भी दल टकरा नहीं सकता. जनता मजबूती से पीएम मोदी के साथ खड़ी है."- डॉक्टर राम सागर सिंह, भाजपा प्रवक्ता

बता दें कि पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल चौधरी की जयंती पर 25 सितंबर को आयोजित रैली के जरिये 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद की जा रही है. इसे पहले ही झटका लग गया है. रैली में मुलायम सिंह यादव, शरद पवार, एचडी देवेगौड़ा, ममता बनर्जी, प्रकाश सिंह बादल, जयंत चौधरी सहित कई विपक्षी दलों के नेता आएंगे. नीतीश ने दिल्ली में चौटाला से मुलाकात की थी और रैली में आने के लिए न्योता स्वीकार कर लिया था.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि नीतीश इस रैली में नहीं जा रहे हैं. वह कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी में लगे हुए हैं. बच्चों में वायरल बुखार फैल गया है. बिहार में बाढ़ आया हुआ है. नीतीश बिहार में कामकाज करेंगे, बाहर नहीं जाएंगे. दरअसल, जातीय जनगणना, पेगासस जासूसी विवाद और कृषि कानूनों पर जदयू की राय विपक्षी दलों के राय के करीब थी. इससे भाजपा में नाराजगी है. नीतीश भाजपा से और ज्यादा टकराव के मूड में फिलहाल नहीं हैं. क्योंकि जदयू को पता है कि बीजेपी अगर कोई बड़ा निर्णय लेती है तो जदयू बिहार की सत्ता से बाहर हो सकती है. बिहार में बीजेपी के 74 और जदयू के 43 विधायक हैं. बीजेपी के दम पर नीतीश सीएम हैं.

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