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Opposition Unity: 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक, इससे पहले ही जेपी सेनानी को लेकर भिड़े पक्ष-विपक्ष

बिहार में जेपी सेनानी को लेकर भाजपा ने विपक्षी पर निशाना साधा. जयप्रकाश नारायण ने जिसके खिलाफ जिंदगी भर संघर्ष किया, आज सेनानी उसी से जाकर गले मिल रहे हैं. वहीं, राजद के प्रवक्ता ने भी इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 3, 2023, 8:10 PM IST

जेपी सेनानी को लेकर भाजपा ने विपक्षी पर निशाना साधा

पटनाः संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण ने 70 के दशक में केंद्र के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था. केंद्र की सत्ता बदल गई थी. एक बार फिर नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. विपक्षी दलों की एकजुटता से पहले जेपी के अनुयाई आपस में जेपी सेनानी को मिलने वाले पेंशन को लेकर भिड़ गए हैं. बता दें कि 12 जून को विपक्षी दलों की पटना में बैठक होने वाली है. इसी बीच पेंशन को लेकर मुद्दा उठ गया है.

यह भी पढ़ेंः PM Narendra Modi के पटना आने की खबरों पर बोले तेजस्वी- 'लोकतंत्र में किसी को कहीं भी आने-जाने का हक'

जेपी सेनानियों से पेंशन सरेंडर करने की अपीलः सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बैठक को लेकर नेताओं से लगातार बातचीत भी कर रहे हैं. कांग्रेस के साथ तमाम दलों की एकजुटता भाजपा के लिए परेशानी का सबब है. भाजपा ने तमाम जेपी सेनानियों को घेरा है. जानकारी हो की बिहार सरकार जेपी सेनानी को पेंशन देती है. भाजपा को छोड़ तमाम जेपी के शिष्यों ने कांग्रेस के साथ गलबहिया कर ली है. वैसी स्थिति में भाजपा हमलावर है. तमाम जेपी सेनानियों से पेंशन सरेंडर करने के लिए मुहिम चलाने की तैयारी में है.

"जेपी आंदोलन और कांग्रेस विरोध के नाम पर जो लोग राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं, वह जेपी के सिद्धांतों से भटक गए हैं. और जिनके खिलाफ जयप्रकाश नारायण ने जिंदगी भर संघर्ष किया आज उन्हीं से गले मिल रहे हैं. वैसे लोगों को तुरंत जेपी सेनानी पेंशन त्याग करना चाहिए. भाजपा इसके खिलाफ मुहिम चलाएगी.''- विजय सिन्हा, बीजेपी विधायक दल के नेता


जेपी सिद्धांतों से भटकी भाजपाः जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे राजद नेता और पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि "हम लोग जेपी के बताए सिद्धांतों पर चल रहे हैं. उस समय भी केंद्र की निरंकुश सत्ता के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था और आज भी केंद्र की निरंकुश सत्ता के खिलाफ आंदोलन की तैयारी है. लोगों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए हैं. भाजपा के लोग जेपी के सिद्धांतों से भटक गए हैं. उन्हें पहले जेपी सेनानी पेंशन का परित्याग करना चाहिए."


सभी ने जेपी के सिद्धांतों को भुलायाः इधर, इस मुद्दा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रदर्शनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि "सियासत में अब सिद्धांत की जगह नहीं रह गई है. नेता सुविधा की राजनीति करते हैं. जेपी के नाम पर रोटी तो सभी सकते हैं, लेकिन उनके सिद्धांतों को दोनों ही गठबंधन के लोगों ने भुला दिया है."

जेपी सेनानी को लेकर भाजपा ने विपक्षी पर निशाना साधा

पटनाः संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण ने 70 के दशक में केंद्र के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था. केंद्र की सत्ता बदल गई थी. एक बार फिर नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. विपक्षी दलों की एकजुटता से पहले जेपी के अनुयाई आपस में जेपी सेनानी को मिलने वाले पेंशन को लेकर भिड़ गए हैं. बता दें कि 12 जून को विपक्षी दलों की पटना में बैठक होने वाली है. इसी बीच पेंशन को लेकर मुद्दा उठ गया है.

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जेपी सेनानियों से पेंशन सरेंडर करने की अपीलः सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बैठक को लेकर नेताओं से लगातार बातचीत भी कर रहे हैं. कांग्रेस के साथ तमाम दलों की एकजुटता भाजपा के लिए परेशानी का सबब है. भाजपा ने तमाम जेपी सेनानियों को घेरा है. जानकारी हो की बिहार सरकार जेपी सेनानी को पेंशन देती है. भाजपा को छोड़ तमाम जेपी के शिष्यों ने कांग्रेस के साथ गलबहिया कर ली है. वैसी स्थिति में भाजपा हमलावर है. तमाम जेपी सेनानियों से पेंशन सरेंडर करने के लिए मुहिम चलाने की तैयारी में है.

"जेपी आंदोलन और कांग्रेस विरोध के नाम पर जो लोग राजनीति के शिखर पर पहुंचे हैं, वह जेपी के सिद्धांतों से भटक गए हैं. और जिनके खिलाफ जयप्रकाश नारायण ने जिंदगी भर संघर्ष किया आज उन्हीं से गले मिल रहे हैं. वैसे लोगों को तुरंत जेपी सेनानी पेंशन त्याग करना चाहिए. भाजपा इसके खिलाफ मुहिम चलाएगी.''- विजय सिन्हा, बीजेपी विधायक दल के नेता


जेपी सिद्धांतों से भटकी भाजपाः जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे राजद नेता और पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि "हम लोग जेपी के बताए सिद्धांतों पर चल रहे हैं. उस समय भी केंद्र की निरंकुश सत्ता के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था और आज भी केंद्र की निरंकुश सत्ता के खिलाफ आंदोलन की तैयारी है. लोगों के मूलभूत अधिकार छीन लिए गए हैं. भाजपा के लोग जेपी के सिद्धांतों से भटक गए हैं. उन्हें पहले जेपी सेनानी पेंशन का परित्याग करना चाहिए."


सभी ने जेपी के सिद्धांतों को भुलायाः इधर, इस मुद्दा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रदर्शनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि "सियासत में अब सिद्धांत की जगह नहीं रह गई है. नेता सुविधा की राजनीति करते हैं. जेपी के नाम पर रोटी तो सभी सकते हैं, लेकिन उनके सिद्धांतों को दोनों ही गठबंधन के लोगों ने भुला दिया है."

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