ETV Bharat / state

Bihar Hooch Tragedy: बोले सुशील मोदी- 'जेल में बंद 25 हजार लोगों को सरकार करे रिहा, 3.61 लाख मुकदमे भी हों वापस'

author img

By

Published : Apr 18, 2023, 4:26 PM IST

Updated : Apr 18, 2023, 4:55 PM IST

Bihar Hooch Tragedy
Bihar Hooch Tragedy

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने प्रेस कॉफ्रेंस करके बिहार में 'शराबबंदी कानून पर सवाल उठाए हैं. उन्होंंने मांग की है कि 25 हजार लोगों को रिहा किया जाए. पिछले 6 साल का हवाला देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि 6 साल में एक भी व्यक्ति की जहरीली शराब मामले में कोई सजा नहीं हुई है. इन वर्षों में आज तक स्पेशल कोर्ट का गठन भी नहीं हुआ.

सुशील मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिमांड

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार ने एक और यू-टर्न लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के फैसले को भाजपा के दबाव में किया गया फैसला करार दिया है. सुशील मोदी ने शराबबंदी मामले में पीड़ितों को आम माफी देने की मांग भी की है. सुशील कुमार मोदी और राज्यसभा सांसद सह पूर्व उप मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जेल में बंद 25 हजार लोगों को रिहा किया जाए. शराबबंदी से जुड़े 3 लाख 61 हजार मुकदमे वापस लिया जाए. आंखों की रोशनी गंवा चुके लोगों को भी दो लाख का मुआवजा मिले. सभी 500 परिवारों को ब्याज सहित मुआवजा मिले.

ये भी पढ़ें- Motihari Hooch Tragedy: मोतिहारी में जहरीली शराब से अबतक 40 की मौत, 27 की पुष्टि


सरकार ने स्वीकारा जहरीली शराब से मौत की बात: सरकार 300 मामलों में 196 मृत्यु की बात स्वीकार कर रही है. सरकार 2019- 2020 में शून्य मृत्यु की बात कह रही है. भाजपा के अनुसार मरने वालों की संख्या 500 से ज्यादा है. Bihar Prohibition Excise Act 2016 की धारा 42 में 4 लाख मुआवजा का प्रावधान है. इसी धारा में गंभीर रूप से बीमार को 2 लाख रुपया तथा अन्य पीड़ित को 20 हजार रुपया का प्रावधान है. सुशील मोदी ने कहा कि जिनकी आंखें चली गई या जहरीली शराब पीने से विकलांग हो गए उन्हें भी 2 लाख रुपया का मुआवजा मिलना चाहिए. मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में पोस्टमार्टम, चिकित्सा प्रमाण पत्र, शराब विक्रेता का नाम आदि जैसी शर्तें नहीं होनी चाहिए. मुआवजे का भुगतान विलंब से करने के कारण ब्याज सहित मुआवजा दिया जाए. बिहार के अंदर फिलहाल शराबबंदी मामले में 3.61 लाख प्राथमिकी दर्ज है. 25000 लोग जेलों में बंद हैं. 5 लाख 17 हजार गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

25 हजार लोगों को तत्काल रिहा करे सरकार: जो लोग बिहार के जिलों में बंद है उसमें 90% एससी/एसटी/इबीसी हैं. सरकार को आम माफी का ऐलान कर, सभी मुकदमे वापस लेना चाहिए. जेलों में बंद 25 हजार से ज्यादा लोगों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए. शराब मामले में गिरफ्तार लोगों को अलग जेल में रखा जाए. किसी माफिया को आज तक सजा नहीं. 6 वर्षों में जहरीली शराब की घटनाओं के लिए दोषी एक भी व्यक्ति को सजा नहीं दी गई. सुशील मोदी ने कहा कि 2016 में 19 मृत्यु के पश्चात सजा प्राप्त लोगों को पटना उच्च न्यायालय ने मुक्त कर दिया. आजतक स्पेशल कोर्ट का गठन नहीं किया गया. सीएम स्पीडी ट्रायल की बात करते रहे हैं?

बिहार में नाम मात्र की शराबबंदी: बिहार में शराबबंदी पूर्णरूपेण विफल है. केवल नाम मात्र की शराबबंदी रह गई है. 'शराबबंदी की मरी लाश' को सरकार ढो रही है. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी मामले में जो लोग भी गिरफ्तार किए गए हैं उन्हें कुख्यात कैदियों के साथ नहीं रखा जाना चाहिए. उनके लिए अलग व्यवस्था की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ऐसा कह चुकी है. भाजपा नेता ने कहा कि 6 वर्षों में जहरीली शराब की घटनाओं के लिए दोषी एक ही व्यक्ति को सजा नहीं दी जा सकती है. 2016 में 19 मौत के पश्चात सजा प्राप्त होने वाले लोगों को पटना उच्च न्यायालय ने मुक्त कर दिया आज तक राज्य में स्पेशल कोर्ट की गठन नहीं की जा सकती है. शराबबंदी पूर्णरूपेण विफल साबित हुई है. केवल नाम मात्र की शराबबंदी है. शराबबंदी बिहार में मरी लाश की तरह है जिसे सरकार ढो रही है.

Last Updated :Apr 18, 2023, 4:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.