शाहनवाज हुसैन की नसीहत- 'इमाम-ए-हिंद हैं भगवान राम.., सोच-समझकर बोलें मांझी'

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Published : Sep 22, 2021, 7:08 PM IST

मांझी पर बोले शाहनवाज

जीतनराम मांझी के बयान के बाद बीजेपी के नेताओं ने कहा कि भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करना ठीक नहीं है. हमें सभी धर्म और देवी देवताओं का आदर करना चाहिए. कोई किसी के अस्तित्व को लेकर कुछ कहे ये ठीक बात नहीं है.

पटना: भगवान राम (Lord Ram) को लेकर एक बार फिर बिहार में सियासत (Bihar Politics) शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बयान के बाद बीजेपी (BJP) में बेचैनी है. यही वजह है कि प्रवक्ता से लेकर मंत्री तक मांझी पर हमलावर हो गए हैं. साथ ही हम प्रमुख को सोच समझकर बोलने की नसीहत दे रहे हैं. अब उद्योग मंत्री और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने इस बयान पर नसीहत देते हुए आपत्ति जतायी है.

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अब बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मांझी के बयान पर नसीहत दे डाली है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपनी-अपनी तरह से देवी देवताओं को मानने की स्वतंत्रता है. लेकिन हम हिंदुस्तान में हैं. हमें सभी धर्म और देवी देवताओं का आदर रखना चाहिए. कोई किसी के अस्तित्व को लेकर कुछ कहे ये ठीक बात नहीं है. उन्होंने कहा कि राम या रामायण को लेकर ऐसी बातें ठीक नहीं है. राम तो इमाम-ए-हिंद हैं.

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इससे पहले नाराज बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने भी कहा कि उनके माता-पिता ने राम के अस्तित्व को समझकर ही उनके नाम के साथ जीतन राम मांझी लगाया था. जब यह बात मांझी नहीं जानते हैं तो उनका नाम जीतन राक्षस मांझी होना चाहिए था. उन्होंने साफ-साफ कहा कि राम को लेकर मांझी ने जो बयान दिया है, वह गलत है.

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आपको बताएं कि मंगलवार को हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है. वहीं विवाद बढ़ने के बावजूद मांझी अपने उस बयान पर कायम हैं.

बुधवार को फिर मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'देखने का अपना-अपना नजरिया है. मैं अपने बयान पर एकदम कायम हूं. 100 नहीं 200 प्रतिशत कायम हूं. रामायण महाकाव्य है. उसमें बहुत सी सूक्तियां हैं. जैसे हितोपदेश में मूर्ख राजा के बेटे को कहानी कहकर नीति निरूपित किया गया है. उन्हें प्रकाण्ड विद्वान बनाया गया है. इसी हिस्से में रामायण है. रामायण में बहुत अच्छी-अच्छी बातें हैं. उन बातों को मानना चाहिए. किसी को नायक और नायिका बनाकर ये बातें कहीं गईं हैं.

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