Bihar Politics: नीतीश कुमार को चौतरफा घेरने की रणनीति में बीजेपी, उपेंद्र कुशवाहा पर डाल रही डोरे?

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Published : Jan 22, 2023, 7:41 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Patna News जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी और जदयू के नेता इस मामले पर खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में जुटी हुई है.

उपेंद्र कुशवाहा पर बीजेपी की नजर

पटना: नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद से बीजेपी हमलावर है और नीतीश कुमार को घेरने का कोई भी मौका छोड़ नहीं रही (BJP in strategy to surround CM Nitish) है. पहले से ही बीजेपी के फोल्डर में चिराग पासवान और आरसीपी सिंह हैं. अब बीजेपी की नजर उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) पर है, जो इन दिनों जदयू से नाराज चल रहे हैं. जदयू में बहुत दिनों तक रहेंगे इसकी संभावना कम लग रही है. ऐसे में बीजेपी 2024 के लिए उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार के विरोध में उतार सकती है और कुशवाहा वोट बैंक का लाभ उठा सकती है. इसीलिए बीजेपी उपेंद्र कुशवाहा पर डोरे डाल रही है.

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उपेंद्र कुशवाहा पर बीजेपी की नजर: बिहार में चुनाव में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है. बीजेपी आरसीपी सिंह को अपने साथ जोड़कर नीतीश कुमार के कुर्मी वोट बैंक को डैमेज करने की कोशिश कर रही है. चिराग पासवान भी बीजेपी के फोल्डर में ही दिखते हैं. ऐसे में दलित वोट बैंक खासकर पासवान वोट का लाभ मिल सकता है तो वहीं कुशवाहा वोट बैंक पर भी बीजेपी की नजर है. सम्राट चौधरी को पहले ही बीजेपी ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया है और अब उपेंद्र कुशवाहा पर डोरे डाल रही है.

बीजेपी के नेताओं ने कुशवाहा से की मुलाकात: उपेंद्र कुशवाहा जदयू में जिस उम्मीद से पार्टी को शामिल कराए थे, वह प्राप्त होता दिख नहीं रहा है. ऐसे में उनके बहुत दिनों तक जदयू के साथ बने रहेंगे, इसकी संभावना कम है. दिल्ली में हॉस्पिटल में उपेंद्र कुशवाहा से बीजेपी के कुछ नेताओं के मिलने पर कई तरह के कयास भी लगने लगे हैं. मिलने वाले में बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर भी थे. इस मामले को लेकर उन्होंने अपना बयान दिया है.

"उपेंद्र कुशवाहा वरिष्ठ साथी रहे हैं. लंबे समय तक गठबंधन के साथ भी रहे हैं. अस्वस्थ होने की जानकारी मिली तो हालचाल लेने हम लोग चले गए. यदि कोई राजनीतिक मायने उसका निकाले तो हम लोग रोक नहीं सकते हैं. नीतीश कुमार तो खुद अपने मकड़जाल में घिरे हुए हैं. आरजेडी के लोग तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं और जो स्क्रिप्ट दे रहे हैं, वही मंत्री बोल रहे हैं. अब उनके लोग बेगाने हो रहे हैं, तो हम लोग क्या कर सकते हैं."- संजय टाइगर, प्रवक्ता, बीजेपी

"2015 में भी नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश बीजेपी की ओर से हुई थी. 52 सभा प्रधानमंत्री ने किया था लेकिन बीजेपी चारों खाने चित हो गयी. उपेंद्र कुशवाहा अस्वस्थ थे. बीजेपी के लोग मिलने गए और इस पर कोई कयास लगाता है तो पूरी तरह गलत है. सम्राट अशोक को लेकर बीजेपी का जो रवैया रहा है, भला उपेंद्र कुशवाहा कैसे उनके साथ जा सकते हैं."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू

"उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में लगातार दरकिनार किया जा रहा है. जितने आयोजन हो रहे हैं, पोस्टर से भी गायब दिख रहे हैं. नीतीश कुमार लगातार उनकी उपेक्षा कर रहे हैं. बीजेपी के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ी है. अब अस्पताल में भर्ती थे तो केवल बीजेपी के लोग ही मिलने गए. जदयू के लोग इस डर से नहीं गए कि उन्हें रॉन्ग बॉक्स में कहीं ना डाल दिया जाए. उपेंद्र कुशवाहा के कारण कुशवाहा वोट बैंक पर सेंध लग सकता है, जिसका लाभ बीजेपी को हो सकता है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ

नीतीश को घेरने में जुटी बीजेपी: उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी रालोसपा को जिस मकसद से जदयू में विलय करवाए थे. अब उन्हें कहीं पूरा होता दिख नहीं रहा है और इसलिए पिछले दिनों लगातार उन्होंने जो बयान दिया उसके कारण भी चर्चा में रहे. बीजेपी पहले ही जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को अपने फोल्डर में रखी हुई है. चिराग पासवान भी नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार बोलते रहे हैं और बीजेपी के साथ हैं. अब उपेंद्र कुशवाहा पर भी बीजेपी की नजर है. यानी चारों तरफ से नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश बीजेपी कर रही है.

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