7 साल से कम सजा वाले मामलों में अपराधियों की गिरफ्तारी से क्यों बच रही बिहार पुलिस, जानें वजह

author img

By

Published : Apr 27, 2021, 7:33 PM IST

bihar Police avoiding arrest

कोरोना काल में बिहार पुलिस 7 साल से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी से बच रही है. अपराधियों को सिर्फ हिदायत या बांड भरवा कर छोड़ दिया जा रहा है.

पटना: कोरोना के मद्देनजर 7 साल से कम सजा वाले मामलों के आरोपियों की गिरफ्तारी से अभी बिहार पुलिस कहीं ना कहीं बच रही है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए राज्य पुलिस छापेमारी और गिरफ्तारी के दौरान एहतियात बरत रही है. पुलिस अनावश्यक गिरफ्तारी से भी कहीं ना कहीं बचती दिख रही है. लिहाजा गिरफ्तारी के ग्राफ में कमी देखने को मिल रही है.

यह भी पढ़ें- कोरोना को लेकर थोड़ी देर में CM नीतीश की अहम बैठक, ले सकते हैं कड़े फैसले

पुलिस की कार्यशैली में बदलाव
कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण ने बिहार पुलिस की कार्यशैली में बदलाव ला दिया है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हो गए हैं, लिहाजा मौजूदा वक्त में पुलिस छोटी-मोटी घटनाएं जैसे चोरी, छिनतई, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन के मामलों में गिरफ्तारी से बचती दिख रही है. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि गंभीर अपराध जैसे हत्या, लूट, डकैती आदि मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है.

देखें वीडियो

बांड भरवा कर छोड़ रही पुलिस
यानी कल तक जो बिहार पुलिस हर एक अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाने में विश्वास रखती थी और कार्रवाई करती थी, वही बिहार पुलिस इन दिनों कोरोना काल में 7 साल से नीचे की सजा के तहत आने वाले अपराध में शामिल अत्यधिक अपराधियों को सिर्फ हिदायत या बांड भरवा कर थाना स्तर पर ही छोड़ रही है.

यह भी पढ़ें- पटना: पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बन रहा 100 बेड का कोरोना अस्पताल

"सीआरपीसी की धारा 41 में कुछ वर्ष पहले यह संशोधन किया गया था कि 7 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा जाएगा. लेकिन कुछ मामलों में पुलिस गिरफ्तार करती है. केस से संबंधित रस्टीकेशन ऑफिसर को यह लिख कर देना होगा कि आखिर उसे क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं, उसके साथ अगर किसी भी अपराधी को थाने स्तर से ही छोड़ते हैं, तब भी उन्हें लिख कर देना होगा"- जितेंद्र कुमार, एडीजी

एडीजी ने बताया कि बिहार पुलिस ऐसे अपराधी जो कि बांड या नोटिस के आधार पर न्यायालय में अपनी उपस्थिति देता रहेगा, उस आधार पर उनसे बांड भी भरवाया जा रहा है. बिहार पुलिस क्वालिटेटिव गिरफ्तारी पर विश्वास रखती है. ऐसे अपराधी जिसके गिरफ्तारी से अपराध पर नियंत्रण हो, वैसे लोगों को गिरफ्तार किया जाता है.

"कोविड का दौर है, इसलिए पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अपनी रणनीति में थोड़े बदलाव किए हैं. हालांकि जो आदतन अपराधी हैं या जिसके बारे में केस की आईओ को लगता है कि यह शख्स सबूत के साथ छेड़खानी कर सकता है या गवाह को डरा धमका सकता है, वैसे अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएगी. वैसे लोगों की गिरफ्तारी को लेकर किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. वैसे अपराधी को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजने का निर्देश दिया गया है"- जितेंद्र कुमार, एडीजी

यह भी पढ़ें- 'ESIC अस्पताल बना भूत खाना, कर क्या रहे हैं नीतीश कुमार और मंगल पांडेय

अपराधियों का किया जा रहा कोरोना टेस्ट
एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि गृह विभाग और जेल प्रशासन के मुताबिक किसी भी महिला या पुरुष अपराधी को गिरफ्तार करने के बाद उनका कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही उन्हें जेल में भेजा जाता है. अगर वह पॉजिटिव आते हैं, तो उन्हें 14 दिनों के लिए जेलो में बने क्वारंटीन सेंटर में रखने के बाद ही सामान्य कैदियों के साथ रखा जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.