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गृह विभाग ने पुलिस को 3 महीने में लंबित मामलों को निबटाने का दिया निर्देश

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Published : Oct 14, 2021, 2:28 PM IST

बिहार गृह विभाग ने एससी एसटी, पोक्सो, एक्साइज एक्ट के तहत सभी लंबित मामलों को निपटाने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Home Department held a review meeting regarding pending case
Bihar Home Department held a review meeting regarding pending case

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) के गृह विभाग (Home Department) ने एससी एसटी एक्ट (SC ST Act), पोस्को एक्ट (POSCO Act) और एक्साइज एक्ट (Excise Act) के लंबित मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में गृह विभाग ने अगले तीन माह तक मिशन मोड में लंबित मामलों को निबटाने का निर्देश दिया है. इसमें भी ऐसे कुख्यात अपराधी जिन पर एक से अधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें प्राथमिकता देते हुए त्वरित सुनवाई कराने को कहा गया है.

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बात दें कि सभी जिलों के अभियोजन पदाधिकारियों, वरीय उप समाहर्ता (जिला विधि शाखा) विशेष लोक अभियोजक, मुख्यालय डीएसपी और अपर विशेष लोक अभियोजकों के साथ समीक्षा बैठक के बाद गृह विभाग ने इस बाबत विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है. इस दौरान एससी-एसटी एक्ट, पाक्सो एक्ट और एक्साइज एक्ट के लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई और लचर प्रदर्शन करने वाले जिलों को चिन्हित कर सुधार के निर्देश दिए गए हैं.

त्वरित सुनवाई के लिए सभी अभियोजकों को उपस्थित गवाहों की सूची के साथ न्यायालय में आवेदन देने और डे टू डे आधार पर वादों का विचारण करने का अनुरोध करने को कहा गया है. दरअसल गृह विभाग ने सभी विशेष अधिनियम के तहत अंतर्गत कार्यरत अभियोजक मामलों का त्वरित ट्रायल कराने का निर्देश दिया है. गृह विभाग के आरक्षी शाखा द्वारा लंबित मामलों को अगले 3 माह तक मिशन मोड में निपटाने का निर्देश दिया है.

बिहार सरकार के गृह विभाग के अनुसार, कुख्यात अपराधी जिन पर एक से अधिक मामले दर्ज हैं. उनसे संबंधित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर स्पीडी ट्रायल कराने का निर्देश दिया गया है. दरअसल, बिहार में एससी एसटी पोस्को को एक्साइज के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार स्पीडी ट्रायल के लिए सभी अभियोजकों को उपस्थित गवाहों की सूची के साथ कोर्ट में आवेदन देने तथा ए टू जेड आधार पर मामलों का ट्रायल कराने का अनुरोध न्यायालय से करने को कहा गया है.

दरअसल, ज्यादा से ज्यादा मामलों में अपराधी को सजा दिलाई जा सके और लंबित पड़े मामलों का समाधान किया जा सके. इसको लेकर गृह विभाग ने ऐसा निर्देश दिया है.

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