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Bihar Budget Session 2023 : आर्थिक सर्वेक्षण पेश, शिक्षा में सुधार.. स्वास्थ्य में 11 गुना खर्च में वृद्धि

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Published : Feb 27, 2023, 7:46 PM IST

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश

Bihar Budget Session 2023 बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Bihar finance minister Vijay Kumar Choudhary) ने सदन में आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के मोर्चे पर बिहार ने काफी तरक्की की है. साथ ही विकास के मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है. पढ़ें पूरी खबर

पटना: बिहार विधानमंडल का सोमवार को बजट सत्र प्रारंभ हो गया. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार तेजी से विकास कर रहा है और देश भर में विकास इंडेक्स के मामले में राज्य के मामले में बिहार तीसरे नंबर पर है. जो दो राज्य आगे हैं. उनमें आध्र प्रदेश की विकास दर 11.43 फीसदी और राजस्थान 11.4 फीसदी है, जिसका अंतर कम है.

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विकास के पथ पर आंध्र और राजस्थान से आगे बिहार : विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 2021-22 में आर्थिक विकास के मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे स्थान पर है. पिछले वित्त वर्ष में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर 10.98 प्रतिशत रही जो देश के सभी राज्यों में तीसरी सर्वोच्च वृद्धि दर है. उन्होंने बताया कि 21-22 में प्रति व्यक्ति आय 6400 बढ़ा है. केंद्र की योजनाओं में पैसे नहीं मिल रहे हैं, हमें अपने संसाधन से योजना पूरा करना पड़ता है. कई योजनाओं में केन्द्रांश घटा दिए है और केंद्रांस घटाने के बावजूद भी समय पर पैसे नहीं मिल रहे हैं.

बिहार देश का अपेक्षाकृत कम आय वाला राज्य : वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार देश का अपेक्षाकृत कम आय वाला राज्य है. त्वरित अनुमान के अनुसार 2021-22 में राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 6,75,448 करोड़ रुपए और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 4,28,065 करोड़ था. वहीं, 2021-22 में राज्य का निवल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 6,14431 करोड़ और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 382,274 करोड़ था.

सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान : बिहार का प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 54,383 रुपए और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 34,465 रुपए था. प्राथमिक क्षेत्र के अंदर सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान करने वाले दो उप क्षेत्र 'पशुधन' और 'मत्स्याखेट एवं जलकृषि हैं जिनकी वृद्धि दरें 2017-18 और 2021-22 के बीच क्रमश: 9.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत रही हैं. हालांकि खनन एवं उत्खनन क्षेत्र में भी 90 प्रतिशत की उच्च दर से वृद्धि हुई है. विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य जनोपयोगी सेवाएं में 2017-18 और 2021-22 के बीच 14.5 प्रतिशत की उच्च दर से वृद्धि हुई.

पटना, बेगूसराय और मुंगेर.. सबसे समृद्ध जिले : सकल राज्य घरेलू उत्पाद में प्रमुख क्षेत्रों के हिस्से के लिहाज से देखें, तो 2021-22 में प्राथमिक क्षेत्र का हिस्सा 2020-21 के 21.4 प्रतिशत से थोड़ा घटकर 21.2 प्रतिशत रह गया. वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद के लिहाज से 38 जिलों की रैंकिंग में तीन सबसे समृद्ध जिले पटना, बेगूसराय और मुंगेर हैं. दूसरी ओर, तीन सबसे गरीब जिले शिवहर, अररिया और सीतामढ़ी हैं.

बिहार में रोड का घनत्व बढ़ा : वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में रोड का घनत्व बढ़ा है. प्रति हजार किलो मीटर वर्ग किमी 3167 है. सरकार काफी रफ्तार से सड़कों का निर्माण करा रही है. स्वास्थ के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. शिक्षा में भी बेहतर सुधार हुआ है. 16 वर्ष में स्वास्थ्य में 11 गुना खर्च में वृद्धि हुई है. शिक्षा में 8 गुना खर्च बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री चौधरी मंगलवार को विधानसभा में 2023-24 का बजट पेश करेंगे.

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