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Patna News: बिहार में पहली बार विशाल वैदिक महासम्मेलन का आयोजन, खुलेगा संस्कृत विद्यालय

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Published : Aug 14, 2023, 9:17 AM IST

Updated : Aug 14, 2023, 9:57 AM IST

पटना में 17 अगस्त से विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जो 19 अगस्त तक चलेगा. इसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. महावीर मंदिर और महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्वाधान में ये सम्मेलन करवाया जा रहा है. इसकी जानकारी आचार्य किशोर कुणाल ने दी है. पढ़ें पूरी खबर..

विशाल वैदिक सम्मेलन
विशाल वैदिक सम्मेलन
पटना में विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन

पटना: बिहार में पहली बार महावीर मंदिर और महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्त्वावधान में 17 अगस्त से 19 अगस्त तक पटना के महाराणा प्रताप भवन में विशाल वैदिक सम्मेलन होने जा रहा है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का स्वायत्तशासी संस्थान महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन इस दिशा में तत्पर है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बंगाल और मणिपुर समेत 6 राज्यों के 125 वेद विद्यालय एवं लगभग 250 गुरु-शिष्य परम्परा की ईकाइयाँ भारतवर्ष में प्राचीन परम्परा को पुनर्जागृत करने के लिए पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें- Virat Ramayan Mandir : 20 जून से होगा विराट रामायण मंदिर का निर्माण- 'भव्यता में अयोध्या से कम नहीं'

विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन: महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बिहार की राजधानी पटना में पहली बार यह विशाल वैदिक सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. संस्थान की दृष्टि में यह क्षेत्रीय सम्मेलन है. इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बंगाल तथा मणिपुर इन छह राज्यों के लगभग 100 वैदिक गुरुओं के मुख से समवेत स्वर में वेद की सभी शाखाओं का सस्वर पाठ प्रतिदिन होगा. साथ ही, वेद के विशिष्ट विद्वान् अपना व्याख्यान देंगे.

शोभा यात्रा के साथ होगा शुभारंभ: 17 अगस्त को कार्यक्रम शुरुआत सुबह 8 बजे महावीर मंदिर से भव्य शोभा-यात्रा से शुभारंभ होगा और कदमकुआं रोड तथा नाला रोड होते हुए महाराणा प्रताप भवन तक जायेगी. इसके साथ वेद भगवान की सवारी रहेगी और रास्ते में सस्वर वेदपाठ भी होगा. इस शोभा-यात्रा के माध्यम से वेद के संदेशों का प्रचार किया जायेगा. रास्ते में जगह-जगह पर श्रद्धालुगण इस शोभा-यात्रा का स्वागत करेंगे. चारों वेदों का सस्वर पाठ होगा.

चारों वेदों का होगा पाठ: बिहार सहित छह राज्यों से पधारे सभी अध्यापक वेद की विभिन्न शाखाओं से चयनित अंश का सस्वर पाठ करेंगे. प्रत्येक दिन यह वेद पाठ दो सत्रों में होगा- प्रातःकाल 6:30 से 7:30 तक तीनों दिन पाठ चलेगा. दूसरा सत्र प्रथम दिन 2 बसे से साढ़े तीन बजे तक चलेगा, दूसरे दिन 10 बजे दिन से 11 बजे तक और तीसरे दिन 10 बजे से साढ़े 12 बजे तक होगा.

पटनावासियों के लिए वेद पाठ सुनने का मौका: ऋग्वेद की शाकल शाखा, यजुर्वेद की माध्यन्दिन, काण्व एवं तैत्तिरीय शाखा, सामवेद की कौथुम तथा राणायनीय शाखा एवं अथर्ववेद की शौनक तथा पैप्पलाद शाखा से परम्परानुसार वेद के मन्त्रों का पाठ होगा. प्रत्येक दिन दो बार वेद पारायण करने का कार्यक्रम है, जिसमें एक ही समय में अलग-अलग मंचों से अलग-अलग शाखाओं के वैदिक सस्वर पाठ करेंगे. किशोर कुणाल ने कहा की पटनावासियों के लिए वेद पाठ को अपने पारम्परिक रूप में सुनने का यह स्वर्णिम अवसर है.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन: 17अगस्त की सन्ध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा नाटक का आयोजन होगा. सन्ध्या में 6 बजे से महावीर मन्दिर ओर से मन्दिर के द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. साथ ही मन्दिर के द्वारा जनहित में संचालित संस्थाओं की झलक दिखाने वाली एक प्रस्तुति की जायेगी. इसी क्रम में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर के निर्माण की योजना तथा इससे सम्बन्धित जानकारी दी जायेगी. इसके बाद बिहार की गौरवगाथा पर एक हिन्दी कविता का पाठ भी होगा. साथ ही सन्ध्या में एकं गुरु शिष्य परंपरा पर नाटक का भी मंचन होगा.

देश भर के बड़े विद्वान होंगे शामिल: भारत की प्राचीन वैदिक संस्कृति और उसकी प्रासंगिकता की इस झांकी को नालंदा महाविहार से आये हुए अध्यापक और वहां के छात्र प्रस्तुत करेंगे. तीन दिनों के इस विशाल वैदिक सम्मेलन में देश के जाने-माने वैदिक विद्वान सम्बन्धित विषयों पर अपना व्याख्यान देंगे. इनमें डॉ देवीसहाय पाण्डेय, डॉ युगल किशोर मिश्र, डॉ. प्रफुल्ल कुमार मिश्र तथा डा. बेंकटरत्नम् सम्मिलित होंगे.

30 से अधिक ग्रंथों के रचयिता हैं देवीसहया पांडे: सबसे खास अयोध्या निवासी 84 वर्षीय डॉ देवीसहाय पाण्डेय दीप 30 से अधिक ग्रंथों के रचयिता है. इन्होंने चारों वेदों की व्याख्या की है, जिनमें ऋग्वेद पांच खण्डों में चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित है. शेष तीन वेद प्रकाशनाधीन हैं. साथ ही वेद-जिज्ञासुओं के लिए वेद विभा यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रतिदिन वेदमन्त्रों की सरल व्याख्या प्रसारित कर रहे हैं.

महावीर मंदिर बहुत जल्द खोलेगा संस्कृत विद्यालय: आचार्य किशोर कुणाल ने पटना के निकट दानापुर में महावीर मन्दिर की ओर से एक वेद विद्यालय खोले जाने की घोषणा भी की है. इसकी विस्तृत रूपरेखा महर्षि सांदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के प्रतिनिधियों और सम्मेलन में आनेवाले संस्कृत के विद्वानों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि पटना के महावीर मंदिर के सदस्य के द्वारा जगह जमीन दी गई है. विचार है उसी जगह पर संस्कृत विद्यालय खोली जाएगी. जहां पर छात्र संस्कृत व्याकरण वेद का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं.

पटना में विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन

पटना: बिहार में पहली बार महावीर मंदिर और महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्त्वावधान में 17 अगस्त से 19 अगस्त तक पटना के महाराणा प्रताप भवन में विशाल वैदिक सम्मेलन होने जा रहा है. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का स्वायत्तशासी संस्थान महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन इस दिशा में तत्पर है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बंगाल और मणिपुर समेत 6 राज्यों के 125 वेद विद्यालय एवं लगभग 250 गुरु-शिष्य परम्परा की ईकाइयाँ भारतवर्ष में प्राचीन परम्परा को पुनर्जागृत करने के लिए पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ें- Virat Ramayan Mandir : 20 जून से होगा विराट रामायण मंदिर का निर्माण- 'भव्यता में अयोध्या से कम नहीं'

विशाल वैदिक सम्मेलन का आयोजन: महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बिहार की राजधानी पटना में पहली बार यह विशाल वैदिक सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. संस्थान की दृष्टि में यह क्षेत्रीय सम्मेलन है. इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बंगाल तथा मणिपुर इन छह राज्यों के लगभग 100 वैदिक गुरुओं के मुख से समवेत स्वर में वेद की सभी शाखाओं का सस्वर पाठ प्रतिदिन होगा. साथ ही, वेद के विशिष्ट विद्वान् अपना व्याख्यान देंगे.

शोभा यात्रा के साथ होगा शुभारंभ: 17 अगस्त को कार्यक्रम शुरुआत सुबह 8 बजे महावीर मंदिर से भव्य शोभा-यात्रा से शुभारंभ होगा और कदमकुआं रोड तथा नाला रोड होते हुए महाराणा प्रताप भवन तक जायेगी. इसके साथ वेद भगवान की सवारी रहेगी और रास्ते में सस्वर वेदपाठ भी होगा. इस शोभा-यात्रा के माध्यम से वेद के संदेशों का प्रचार किया जायेगा. रास्ते में जगह-जगह पर श्रद्धालुगण इस शोभा-यात्रा का स्वागत करेंगे. चारों वेदों का सस्वर पाठ होगा.

चारों वेदों का होगा पाठ: बिहार सहित छह राज्यों से पधारे सभी अध्यापक वेद की विभिन्न शाखाओं से चयनित अंश का सस्वर पाठ करेंगे. प्रत्येक दिन यह वेद पाठ दो सत्रों में होगा- प्रातःकाल 6:30 से 7:30 तक तीनों दिन पाठ चलेगा. दूसरा सत्र प्रथम दिन 2 बसे से साढ़े तीन बजे तक चलेगा, दूसरे दिन 10 बजे दिन से 11 बजे तक और तीसरे दिन 10 बजे से साढ़े 12 बजे तक होगा.

पटनावासियों के लिए वेद पाठ सुनने का मौका: ऋग्वेद की शाकल शाखा, यजुर्वेद की माध्यन्दिन, काण्व एवं तैत्तिरीय शाखा, सामवेद की कौथुम तथा राणायनीय शाखा एवं अथर्ववेद की शौनक तथा पैप्पलाद शाखा से परम्परानुसार वेद के मन्त्रों का पाठ होगा. प्रत्येक दिन दो बार वेद पारायण करने का कार्यक्रम है, जिसमें एक ही समय में अलग-अलग मंचों से अलग-अलग शाखाओं के वैदिक सस्वर पाठ करेंगे. किशोर कुणाल ने कहा की पटनावासियों के लिए वेद पाठ को अपने पारम्परिक रूप में सुनने का यह स्वर्णिम अवसर है.

सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन: 17अगस्त की सन्ध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा नाटक का आयोजन होगा. सन्ध्या में 6 बजे से महावीर मन्दिर ओर से मन्दिर के द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. साथ ही मन्दिर के द्वारा जनहित में संचालित संस्थाओं की झलक दिखाने वाली एक प्रस्तुति की जायेगी. इसी क्रम में निर्माणाधीन विराट रामायण मन्दिर के निर्माण की योजना तथा इससे सम्बन्धित जानकारी दी जायेगी. इसके बाद बिहार की गौरवगाथा पर एक हिन्दी कविता का पाठ भी होगा. साथ ही सन्ध्या में एकं गुरु शिष्य परंपरा पर नाटक का भी मंचन होगा.

देश भर के बड़े विद्वान होंगे शामिल: भारत की प्राचीन वैदिक संस्कृति और उसकी प्रासंगिकता की इस झांकी को नालंदा महाविहार से आये हुए अध्यापक और वहां के छात्र प्रस्तुत करेंगे. तीन दिनों के इस विशाल वैदिक सम्मेलन में देश के जाने-माने वैदिक विद्वान सम्बन्धित विषयों पर अपना व्याख्यान देंगे. इनमें डॉ देवीसहाय पाण्डेय, डॉ युगल किशोर मिश्र, डॉ. प्रफुल्ल कुमार मिश्र तथा डा. बेंकटरत्नम् सम्मिलित होंगे.

30 से अधिक ग्रंथों के रचयिता हैं देवीसहया पांडे: सबसे खास अयोध्या निवासी 84 वर्षीय डॉ देवीसहाय पाण्डेय दीप 30 से अधिक ग्रंथों के रचयिता है. इन्होंने चारों वेदों की व्याख्या की है, जिनमें ऋग्वेद पांच खण्डों में चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित है. शेष तीन वेद प्रकाशनाधीन हैं. साथ ही वेद-जिज्ञासुओं के लिए वेद विभा यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रतिदिन वेदमन्त्रों की सरल व्याख्या प्रसारित कर रहे हैं.

महावीर मंदिर बहुत जल्द खोलेगा संस्कृत विद्यालय: आचार्य किशोर कुणाल ने पटना के निकट दानापुर में महावीर मन्दिर की ओर से एक वेद विद्यालय खोले जाने की घोषणा भी की है. इसकी विस्तृत रूपरेखा महर्षि सांदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के प्रतिनिधियों और सम्मेलन में आनेवाले संस्कृत के विद्वानों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि पटना के महावीर मंदिर के सदस्य के द्वारा जगह जमीन दी गई है. विचार है उसी जगह पर संस्कृत विद्यालय खोली जाएगी. जहां पर छात्र संस्कृत व्याकरण वेद का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं.

Last Updated : Aug 14, 2023, 9:57 AM IST
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