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मिशन 2024 की तैयारी में जुटी बीजेपी : बिहार में नीतीश बेअसर या असरदार? बड़ी चुनौती के लिए कौन तैयार

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Published : Jan 7, 2023, 6:22 PM IST

Updated : Jan 7, 2023, 7:17 PM IST

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बिहार में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए महागठबंधन और बीजेपी कमर कस चुकी है. बीजेपी जहां जमीनी स्तर पर उतरकर चुनावी मोड में काम कर रही है तो वहीं महागठबंधन के 7 दलों का फोकस यात्राओं पर है. नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर हैं तो वहीं सहयोगी दल कांग्रेस भी बिहार में भारत जोड़ो यात्रा कर रही है. ऐसे में बीजेपी बूथ स्तर पर 7 दलों को घेरने के लिए जमीन पर काम कर रही है. पढ़ें Bihar Politics News-

बिहार नीतीश बेअसर या असरदार?

पटना : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी बिहार में शुरू हो गई है. सूबे में नीतीश कुमार समाधान यात्रा (Nitish Kumar Samadhan Yatra in Bihar) कर रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से भी भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो गई है. महागठबंधन खेमा फिलहाल यात्रा पर ही फोकस कर रहा है. तो दूसरी तरफ बीजेपी ने लोकसभा सीट वाइज तैयारी शुरू कर चुकी है. बिहार में कमजोर सीटों की पहचान करके उसके लिए विशेष रणनीति तैयार कर रही है. बीजेपी के दिग्गज नेता कमजोर सीट पर जनसभा भी शुरू कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी की तैयारियों से महागठबंधन खेमे की चुनौती बढ़ गई है. जबकि महागठबंधन को 7 दलों की एकजुटता और नीतीश कुमार के चेहरे पर भरोसा है.

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महागठबंधन यात्राओं पर ही फोकस: नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद बिहार में 7 दलों की सरकार है. महागठबंधन खेमा इसे अपनी मजबूती मानता है. महागठबंधन की तरफ से दावा भी हो रहा है कि सभी 40 सीट इस बार जीतेंगे. लेकिन, महागठबंधन की तरफ से अभी यात्राओं के अलावा लोकसभा सीट की तैयारी कहीं दिख नहीं रही है. लेकिन, दूसरी तरफ बीजेपी ने बिहार में 40 में से 35 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. 5 सीट अपने सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है.

बीजेपी कमजोर सीट पर शुरू कर चुकी है काम: सबसे बड़ी बात यह है कि 35 में से 22 सीटों पर बीजेपी विशेष नजर रख रही है. महागठबंधन के समीकरण के हिसाब से 10 सीटों को भारतीय जनता पार्टी अपने लिए कमजोर मान रही है. इन सीटों में नवादा, किशनगंज, वैशाली, मुंगेर, कटिहार, सुपौल, पूर्णिया, गया, बाल्मीकिनगर और झंझारपुर पर विशेष रणनीति तैयार कर रही है. इसमें कुछ सीट सीमांचल की हैं. जहां, अमित शाह ने जनसभा की थी और अभी हाल ही में वैशाली सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सभा की है.

पन्ना कमेटी की तैनाती पर बीजेपी का जोर: बीजेपी ने लोकसभा क्षेत्रों में एक प्रभारी सहित 7 विस्तारक मंडल अध्यक्ष और सभी बूथों पर पन्ना प्रमुख की नियुक्ति भी कर दी है. बिहार में 1100 मंडलों में मंडल अध्यक्ष काम कर रहे हैं. वहीं, 77259 बूथों में से 60108 पर पन्ना कमेटी बनाए हैं. बीजेपी की तैयारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मार्च तक पन्ना कमेटी के गठन का काम पूरा कर लिया जाएगा. लोकसभा सीट वाइज तैयारी पर बीजेपी फोकस कर रही है, तो महागठबंधन खेमा फिलहाल यात्राओं पर ही पूरा जोर लगा रहा है.


महागठबंधन के 7 दल में सीटों का बंटवारा टेढ़ी खीर: महागठबंधन खेमा की परेशानी सात दलों के बीच सीट का बंटवारा भी है. हालांकि अभी चुनाव में समय है. लेकिन, बीजेपी जिस प्रकार से तैयारी कर रही है उसके कारण महागठबंधन कैसे मुकाबला करेगा यह एक बड़ी चुनौती बनने वाली है. फिलहाल जदयू के पास 16 लोकसभा सीट है और कांग्रेस के पास एक लोकसभा सीट दूसरी तरफ बीजेपी के पास 17 लोकसभा सीट और चिराग पासवान के पास 1 सीट है. वहीं पारस गुट के पास 5 लोकसभा सीट है.

बिहार में सीट बंटवारे पर बीजेपी ले चुकी है फैसला: बिहार में 40 लोकसभा सीटों को लेकर महागठबंधन में किसके पास कितनी सीट होगी अभी इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है. क्योंकि आरजेडी के पास अभी एक भी लोकसभा सीट नहीं है. लेकिन, विधानसभा में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. सीटों को लेकर महागठबंधन खेमे में संशय बना हुआ है. आने वाले दिनों में सीटों पर दावेदारी शुरू होगी तो दूसरी तरफ बीजेपी सीटों को लेकर फैसला ले चुकी है और उसी के हिसाब से तैयारी कर रही है.

''बीजेपी रिजल्ट आने के बाद से ही फिर से चुनाव तैयारी में लग जाती है. लेकिन, जनता पर हम लोगों को भरोसा है. क्योंकि जनता नीतीश कुमार के काम पर विश्वास करती है. इसलिए चुनौती हम लोगों के लिए नहीं बीजेपी के लिए है. महागठबंधन की ताकत के सामने एक 2 सीट भी बचा ले यही बीजेपी के लिए बड़ी बात होगी''- परिमल राजा, प्रवक्ता जेडीयू

बिहार में नीतीश बेअसर या असरदार? : बीजेपी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी का कहना है महागठबंधन के साथ दलों के बावजूद गोपालगंज और कुढ़नी का रिजल्ट सबके सामने है. मोकामा में भी नीतीश कुमार का कोई प्रभाव नहीं चला है. बिहार में नीतीश कुमार अब अप्रसांगिक हो गए हैं. इसलिए महागठबंधन से बिहार में बीजेपी को कोई चुनौती नहीं मिलने वाली है. वहीं आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि बिहार में विपक्षी एकजुटता के लिए जो सत्ता का बदलाव हुआ है, उससे पूरे देश में संदेश गया है.

''महागठबंधन के बावजूद गोपालगंज और कुढ़नी का रिजल्ट सबके सामने है. मोकामा में भी नीतीश का कोई असर नहीं रहा. बिहार में नीतीश कुमार प्रासंगिक नहीं रहे. इसलिए महागठबंधन की तरफ से भारतीय जनता पार्टी को कोई चुनौती नहीं मिलने वाली है.''- सम्राट चौधरी, नेता विपक्ष, विधान परिषद, बिहार


बीजेपी और महागठबंधन दोनों के लिए बड़ी चुनौती: बीजेपी के मुकाबले महागठबंधन की क्या तैयारी है? ना तो इसका जवाब जदयू नेता के पास है और ना ही आरजेडी नेता के पास. महागठबंधन के सातों दलों के साथ एकजुटता बनाए रखना भी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक होगा. सातों दलों के साथ लोकसभा सीट का बंटवारा आसान नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने का अभियान बिहार विधानसभा के बजट सत्र के बाद शुरू करने की बात कही है. लेकिन, बीजेपी नीतीश कुमार को बिहार में ही घेरने में लगी है. ऐसे में भले ही महागठबंधन की तरफ से 40 सीट जीतने का दावा किया जा रहा है लेकिन नीतीश कुमार के लिए बिहार में 16 लोकसभा सीट और कांग्रेस को 1 सीट बचाए रखना बड़ी चुनौती होगी.

Last Updated :Jan 7, 2023, 7:17 PM IST
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