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सिवान के इस 'सिंघम' से थर्राते हैं UP के अपराधी, अब तक कर चुके हैं 500 एनकाउंटर

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Published : Jan 25, 2022, 6:40 PM IST

ADG Law and Order Prashant kumar
ADG Law and Order Prashant kumar

गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) पर उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant kumar) को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (President Police Medal) प्रदान किया जाएगा. आइए विस्तार से जानते हैं एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के बारे में.

पटना/लखनऊ: गणतंत्र दिवस (Republic day 2022) पर उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant kumar) को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (President Police Medal) प्रदान किया जाएगा. यह पुरस्कार मेरठ में 18 फरवरी 2020 को एक लाख के इनामी बदमाश शिव शक्ति नायडू को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के उपलक्ष्य में दिया जा रहा है. आइए जानते हैं एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के बारे में.


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मेरठ जोन में किया था 500 से अधिक एनकाउंटर
तीन बार वीरता और 4 बार राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाले प्रशांत कुमार रियल लाइफ के सिंघम से कम नही हैं. अपराधियों पर खौफ का पर्याय बन चुके प्रशांत कुमार ने मेरठ ज़ोन में एडीजी रहते 'एनकाउंटर ट्रेन' चलाकर 500 से ज्यादा मुठभेड़ कर 700 अपराधियों को गिरफ्तार किया था. जुलाई 2017 को प्रशांत कुमार को मेरठ जोन का एडीजी बनाकर भेजा गया था. यह वह वक्त था जब मेरठ में अपराध की बाढ़ आई हुई थी. बेखौफ अपराधी खुलेआम हथियार लहराते हुए संगीन वारदातों को अंजाम दे रहे थे. बढ़ते अपराध के चलते खौफजदा आम आदमी घर से बाहर निकलने से भी कतराने लगा था. उस दौरान कुख्यात संजीव जीवा, कग्गा गैंग, मुकीम काला, सुशील मूंछू, अनिल दुजाना, विक्की त्यागी, सुन्दर भाटी, साबिर जैसे अपराधी सक्रिय थे. इनके खौफ से व्यापारी, आम लोग पश्चिमी यूपी छोड़ कर जाने लगे थे. तब सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रशांत कुमार को मेरठ भेजा और एक के बाद एक एनकाउंटर से अपराधियों के घुटने कांपने लगे थे.

बिहार के IPS प्रशांत ने किया है MBA
प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अफसर हैं. उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था. आईपीएस बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था. बतौर IPS प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था. हालांकि 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से शादी के बाद वह यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए.

26 मई 2020 को एडीजी कानून व्यवस्था पद पर तैनात हुए
प्रशांत यूपी के सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, अयोध्या, बाराबंकी और सहारनपुर में कप्तान रहे. गाजियाबाद में तैनाती के दौरान उनके नेतृत्व में जिले की पुलिस ने 150 से ज्यादा अपराधियों के एनकाउंटर किये थे. प्रशांत जहां भी गए वहां अपराधी टारगेट पर रहे. 26 मई 2020 को एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर तैनात होने के बाद मेरठ से निकल कर एनकाउंटर ट्रेन पूरे प्रदेश में दौड़ पड़ी और जरायम की दुनिया के बेताज बादशाहों को जड़ से उखाड़ फेंकने के अभियान तेज हो गया.

तीसरी बार मिल रहा है वीरता के लिए पुलिस पदक
पश्चिमी यूपी व दिल्ली में अपराध की दुनिया में टॉप लिस्ट में अपना नाम लिखवा चुके शिवशक्ति नायडू को प्रशांत कुमार ने मेरठ ज़ोन के एडीजी रहते खुद मोर्चा सम्भालते हुए एनकाउंटर में मार गिराया था. यहीं नहीं इस एनकाउंटर में जवाबी कार्रवाई में प्रशांत कुमार को भी गोली लगने से बची थी. प्रशांत की बुलेट फ्रूफ जैकेट में गोली धंसने से उनकी जान बच सकी थी. इसी वीरता के लिए इस बार एक बार फिर उन्हें पुलिस पदक दिया गया है. इससे पहले गौतमबुद्धनगर में 25 मार्च 2018 को डेढ़ लाख के इनामी बदमाश श्रवण को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने पर 2021 में प्रशांत कुमार को पुलिस पदक प्रदान किया गया था. वहीं, 2020 में प्रशांत कुमार को एक लाख के इनामी बदमाश रोहित व पचास हजार के इनामी बदमाश राकेश यादव को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने पर भी वीरता के लिए राष्ट्रपति की ओर से पुलिस पदक प्रदान किया गया था.

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