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नवादा में अभ्रक का अवैध खनन, जेसीबी को किया गया जब्त

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Published : Dec 19, 2022, 10:42 PM IST

नवादा में अभ्रक का अवैध खनन
नवादा में अभ्रक का अवैध खनन

नवादा में अभ्रक का अवैध खनन के दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर एक जेसीबी मशीन जब्त कर लिया. जेसीबी को जब्त करने के दौरान स्थानीय लोगों को काफी विरोध झेलना पड़ा.

नवादाः बिहार के नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत स्थित सुदूरवर्ती जंगली इलाका कुंभियातरी गांव में अवैध अभ्रक खनन में लगे जेसीबी मशीन जब्त (JCB seized In Nawada During Illegal Mining Of Mica ) किया गया है. रजौली के वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की है. अवैध अभ्रक खनन में लगे जेसीबी मशीन को जब्त कर रजौली वन परिसर में रखा गया है.

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"वन प्रमंडल नवादा के वन संरक्षण पदाधिकारी संजीव रंजन के निर्देश पर कार्रवाई की गई है. रजौली वन क्षेत्र में लगातार वन विभाग की टीम गश्त करती है. इसी क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर कुंभियातरी जंगल में अवैध अभ्रक उत्खनन में लगे जेसीबी मशीन को जब्त किया गया है."-मनोज कुमार, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी

वन विभाग की टीम देख भागे मजदूरः हालांकि वन विभाग की टीम को दूर से देखकर खनन करने वाले मजदूर व कारोबारी भागने में सफल रहे. वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने बताया कि जब्त मशीन के मालिक का पता लगाया जा रहा है. फिलहाल प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. उन्होंने बताया कि मशीन जब्त करने के बाद लाने के दौरान ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं की ओर से विरोध किया जा रहा है. यही नहीं जहां-तहां पानी एवं गड्ढा कर जेसीबी मशीन नहीं लाने देने को लेकर अड़चनें पैदा करने का प्रयास किया गया था.

5 रुपये में खरीदकर 300 किलो बेचते हैं अभ्रकः बताते चलें कि रजौली वन क्षेत्र में अभ्रक खनन ( (Illegal Mining Of Mica In Nawada) ) कागजों में तो बंद है. लेकिन सवैयाटांड़ पंचायत में आज भी दर्जनों अभ्रक खदान संचालित किए जा रहे हैं. जहां पर प्रत्येक दिन मजदूरों के द्वारा अभ्रक चुनने का कार्य किया जाता है. जिसे बाद में माफियाओं के दलालों के द्वारा अभ्रक खरीद कर कोडरमा सहित बंगाल तक पहुंचाया जाता है. मजदूरों से यह दलाल 5 से 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से अभ्रक का खरीद करते हैं. यही अभ्रक बाजार में 200 से 300 रुपये प्रति किलो तक बेचा जाता है. छापेमारी टीम में रजौली पूर्वी वन क्षेत्र के वनपाल राजकुमार पासवान के साथ वनरक्षी और केयरटेकर मौजूद थे.

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