ETV Bharat / state

50 चचरी पुल बिहार के विकास का दिखा रहा आईना, जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं लोग

author img

By

Published : Nov 5, 2020, 8:01 PM IST

बिहार मौजूदा समय में अपने कंक्रीट पुलों के नेटवर्क के लिए जाना जाता है, लेकिन मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के अंतर्गत आने वाले 70 गांव में रहने वाले लोगों को आज भी एक अदद पक्का पुल नसीब नहीं हो पाया है.

muzaffarpur
muzaffarpur

मुजफ्फरपुरः बिहार में विधानसभा चुनाव अंतिम दौर में है. नीतीश सरकार लगातार विकास के मुद्दे पर जनता से वोट की अपील कर रही है. जिले के औराई विधानसभा क्षेत्र में पुल नहीं होने की वजह से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. हालात यह है कि औराई की एक पंचायत से दूसरे पंचायत पहुंचने में ही 1 से 2 घंटे लग जाते हैं. स्थानीय चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं.

50 से अधिक चचरी पुल
दरअसल मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के सैकड़ों गांव तक पहुंचने के लिए आज भी चचरी पुल ही एकमात्र सहारा है. आज के आधुनिक दौर में भी औराई प्रखंड में एक दो नहीं बल्कि 50 से अधिक चचरी पुल इस इलाके में रहने वाली एक बड़ी आबादी के लिए किसी लाइफ लाइन से कम नहीं है. इसके सहारे ही यहां की दर्जनों पंचायत एक दूसरे से आजादी के कई दशक के बाद भी जुड़े हुए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि इस प्रखंड के लोग अब चचरी पुल को ही अपनी नियत ही समझ बैठे हैं.

देखें रिपोर्ट

बारिश में टूट जाता है संपर्क
औराई प्रखंड के लोग इस खतरनाक और जर्जर पुल की सुविधा का लाभ भी महज 5 महीने ही उठा पाते हैं. बारिश शुरू होने के साथ ही उनका यह संपर्क का जरिया भी टूट जाता है. इसके साथ ही इलाके के दर्जनों पंचायतों का संपर्क पूरी तरह प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से टूट जाता है.

muzaffarpur
चचरी पुल

राजनेता हर साल चुनाव में इलाके की समस्या को हल करने का वादा करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं वह इस इलाके को भूल जाते हैं. आज स्थिति यह है कि पूरे ब्लॉक में 52 चचरी पुल अभी भी मौजूद है. ऐसे में किसी दल के नेता ने इस क्षेत्र की समस्या पर ध्यान नहीं दिया.- ग्रामीण

टोल टैक्स की वसूली
गौरतलब है कि बिहार मौजूदा समय में अपने कंक्रीट पुलों के नेटवर्क के लिए जाना जाता है, लेकिन मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के अंतर्गत आने वाले 70 गांव में रहने वाले लोगों को आज भी एक अदद पक्का पुल नसीब नहीं हो पाया है. ऐसे में यहां बांस से बनने वाली चचरी पुल ही लोगों के लिए लाइफ लाइन है. इस इलाके में बांस के चचरी पुल का भी निर्माण स्थानीय ठेकेदार पिछले कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं. जो इस पुल बनाने की एवज में जनता से टोल टैक्स की वसूली भी करते हैं.

muzaffarpur
लोगों के लिए सहारा बना चचरी पुल

खोखले साबित हो रहे दावे
बिहार की मौजूदा सरकार सूबे के किसी भी कोने से राजधानी पहुंचने के लिए 5 घंटे समय लगने का दावा करती है. वहीं औराई प्रखंड में यह दावा खोखला साबित होता नजर आता है. जनता के बीच इस बात को लेकर काफी आक्रोश है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.