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Muzaffarpur News: विरोध के बाद CS ने अपना फैसला पलटा, नहीं हटाए जाएंगे बहाल संविदा स्वास्थ्यकर्मी

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Published : Jun 18, 2021, 12:51 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 2:19 PM IST

कोरोना संक्रमण काल (Corona Pandemic) के दौरान संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों को मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन (Muzaffarpur Civil Surgeon) ने हटाने को लेकर पत्र जारी किया था. जिसके बाद आज सुबह स्वास्थ्यकर्मी सदर अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे थे. कड़े विरोध को देखते हुए मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन ने अपना फैसला पलट दिया है.

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मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन (Muzaffarpur Civil Surgeon) ने अपने फैसला पलट दिया है. उन्होंने कुछ दिनों पहले संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियों (Health Worker) को पद से हटाने को लेकर पत्र जारी किया था. जिसके बाद आज सुबह सदर अस्पताल (Sadar Hospital) पहुंच कर हंगामा करने लगे थे. स्वास्थ्यकर्मियों के भारी विरोध को देखते हुए सिविल सर्जन ने फैसला वापस लिया. सिविल सर्जन के विरोध में स्वास्थ्यकर्मी सुबह से ही हंगामा कर रहे हैं.

पुलिस ने किया बल प्रयोग
बता दें कि, आज सुबह स्वास्थ्यकर्मी नौकरी छीन जाने के विरोध में अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. आक्रोशित कर्मियों ने सदर अस्पताल के मेन गेट को बंद कर दिया था. मौके पर पहुंची पुलिस को आक्रोश का सामना करना पड़ा. इस दौरान सड़क जाम से यातायात पूरी तरह बाधित रहा. वहीं, पुलिस ने भी आक्रोशित स्वास्थ्यकर्मियों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तीतर-बीतर करने की कोशिश की.

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नियुक्ति के समय धांधली के लगे थे आरोप
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को देखते हुए सदर अस्पताल में संविदा के आधार पर स्वास्थ्यकर्मियों (Contract Health Workers) की बहाली हुई थी. इस बहाली को लेकर धांधली के आरोप भी लगे थे. मामला के तूल पकड़ने पर डीएम ने जांच के आदेश दिये थे.

हटाये गये संविदाकर्मी पहुंचे अस्पताल
मामले की जांच चल ही रही थी. सिविल सर्जन ने आदेश जारी कर संविदा पर नियुक्त सभी कर्मियों को हटा दिया था. नौकरी से हटाये जाने की जानकारी मिलते ही संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मी शुक्रवार सुबह तड़के सदर अस्पताल पहुंच गये और हंगामा करने लगे.

'कोरोना काल के समय हमने जान पर खेलकर काम किया'
इस मौके पर इन स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि जब कोरोना काल चल रह था. तब हमने अपनी सेवाएं दी है. लोगों की गाली-बात सुनकर भी हमने काम किया है. आज हमें यह हमारे किये का यह सिला मिल रहा है.

'हमें बीच हटाने की जरूरत कहां से आयी. हम लोग उस समय बाहर निकले जब नीतीश कुमार और पीएम मोदी घर में रहने की अपील कर रहे थे. अगर सीएस ने धांधली की है तो उन्हें हटाये. समय से पहले हमें क्यों हटाया जा रहा है'.- स्वास्थ्यकर्मी

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सिविल सर्जन ने साधी चुप्पी
वहीं, इस मामले पर सिविल सर्जन एस.के. चौधरी ने चुप्पी साध ली है. सिविल सर्जन ने पत्र जारी कर लिखा, 'कोरोना संक्रमण कम हुआ है जिसके मद्देनजर बहाली को निरस्त किया जाता है'.

जुलाई तक था कार्यकाल
मालूम हो कि कोरौना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर पिछले दिनों जिला स्तर पर सिविल सर्जन के नेतृत्व में जिला स्वास्थ्य विभाग ने 780 पदों के लिए नियोजन किया था. जिनका नियोजन हुआ उन्हें सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक काम पर लगाया गया.

जानकारी के अनुसार इन कर्मियों का कार्यकाल जुलाई तक था. इस बीच बहाली के नाम पर रिश्वत लेने का ऑडियो वायरल होने के बाद गठित जांच कमेटी की अनुशंसा के आलोक में डीएम के आदेश पर सिविल सर्जन ने हटा दिया.

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Last Updated :Jun 18, 2021, 2:19 PM IST
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