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बिहार की किसान चाची pm मोदी के मेक इन इंडिया को कर रहीं साकार, मिलेगा पद्म श्री अवार्ड

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Published : Feb 28, 2019, 9:04 PM IST

किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सम्मानित कर चुके हैं.

राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची

मुजफ्फरपुरः जिले की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा. वह फूले नहीं समा रही हैं. आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का तातां लगा हुआ है.

अपने पुराने दिनों को याद करके उनके आखों से आंसू छलक पढ़े. जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थीं तो उन्हें और उनके परिवार के लोगों को समाज के बहुत ताने भी सुनने पड़े थे. जो हंस कर सह लेती थीं. आज वही पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही हैं. किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल हैं.

संवाददाता से बात करती राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची

लालू प्रसाद ने किया था पुरस्कृत
1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही हैं. सबसे पहले 2003 में किसान चाची को कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया था. 2007 में किसान श्री का सामान मिला. किसान चाची के अचार की महानायक अमिताभ बच्चन ने भी तारीफ कर चुके हैं. किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं.

kisan chachi
राजकुमारी देवी के बनाए हुए आचार

साइकिल पर बेचा आचार
मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोग चाची के नाम से जानते हैं. राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी. अपनी गरीबी को देखा तो उन्होंने घर की दहलीज से बाहर कदम रखकर खेती करनी शुरू की. अपने खेत में पपीते उगाए. उन पपीतों से अचार बनाया. उन आचारों को साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया. समाज के लोग ताने देने लगे. नतीजा यह हुआ कि उनके अपने ही लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे.

kisan chachi
राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची

चाची का क्या है कहना
पद्म श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है. किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है. सरकार के पास बहुत प्रपोजल है. इस पर भी काम होना चाहिए. मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को उचित मंच पर जरूर उठाऊंगी.

Intro:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं


Body:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं


Conclusion:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं
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