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बकाया वेतन भुगतान नहीं होने से नाराज स्वास्थ्यकर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया धरना प्रदर्शन

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Published : Oct 14, 2022, 9:10 PM IST

अनुमंडल अस्पताल तारापुर में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को पांच माह से बकाया वेतन नहीं मिला है. कर्मियों ने नाराज होकर काम बंद कर दिया. मई माह से ही वेतन लंबित पड़ा है। वेतन नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति चरमरा गई है. यदि कार्य बहिष्कार के बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो हमलोग सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

स्वास्थ्यकर्मियों
स्वास्थ्यकर्मियों

मुंगेर (तारापुर): बिहार के अनुमंडल अस्पताल तारापुर के कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने बकाया वेतन को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर कार्य का बहिष्कार किया. अस्पताल में आवश्यक सेवा को छोड़कर अन्य सभी चिकित्सीय सेवा बाधित रहा. धरना पर बैठे चिकित्सक डॉ मदन कुमार पाठक, डॉ बिंदु कुमारी, जीएनएम कुमारी रूप रॉय, एएनएम निशा कुमारी, रंजू देवी, संगीता देवी, पुष्पा देवी, फार्मासिस्ट सुधांशु कुमार सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि चालू वर्ष के मई माह से ही वेतन लंबित पड़ा है.

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आश्वासन के बाद नहीं मिला वेतन : अस्पताल के कर्मचारियों ने किरानी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां का किरानी कुछ कार्यालय काम करना ही नहीं चाहता है. जिसके कारण वेतन लंबित होता है. जिला पदाधिकारी मुंगेर को एक ज्ञापन पिछले माह के 27 सितंबर को सौंपकर उनसे लंबित वेतन को भुगतान करने का अनुरोध किया गया था. जिला पदाधिकारी के द्वारा वेतन भुगतान कराये जाने को लेकर मौखिक आश्वासन दिया गया था. इसके बावजूद अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया. 14 अक्टूबर को कार्य बहिष्कार किये जाने की लिखित सूचना जिला पदाधिकारी महोदय को 10 अक्टूबर को दिया गया था. सूचना दिये जाने के बाद भी जिलाधिकारी के द्वारा किसी प्रकार का साकारात्मक कदम नहीं उठाया गया,जो दु:खद है.

ये हैं मांंगें: एरियर, मातृत्व अवकाश, प्रत्येक माह 01 से 05 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाय. अविलंब मई 2022 से वर्तमान माह तक का वेतन भुगतान किया जाय. विभिन्न प्रकार के बकाये वेतन का भुगतान अविलंब किया जाय.

कैदी का नहीं हुआ कोरोना जांच : इधर तारापुर पुलिस द्वारा लाए गए कैदी का कोरोना जांच करने से अस्पताल कर्मी ने मना कर दिया. इतना ही नहीं अस्पताल के स्थापना कार्यालय में कार्य कर रहे क्लर्क को बाहर कर जीएनएम ने कार्यालय के दरवाजे पर ताला जड़ दिया. वहीं इलाज कराने अस्पताल आये नंदन कुमार ने बताया कि बेटी को तेज बुखार है, लेकिन सभी डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. अब निजी क्लिनिक में ही जाकर उपचार करना होगा.

"पत्नी को दिखाने आये थे, लेकिन चिकित्सक के हड़ताल पर बैठे होने से नहीं दिखा पाए."- उदय राजहंस, मरीज के परिजन

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