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Madhubani Newsमधुबनी में पंचायत सेवक को डीएम ने किया सेवा से बर्खास्त

पंडोल प्रखंड के तत्कालीन पंचायत सेवक रमेश कुमार सिंह को डीएम ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. उनपर पर न्यायालय में उपस्थित होने हेतु नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति नहीं लेने का दोषी पाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 31, 2023, 10:48 PM IST

मधुबनी : बिहार के मधुबनी में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा (Madhubani District Magistrate Arvind Kumar Verma) ने पंचायत सेवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. पंचायत सेवक रमेश कुमार सिंह न्यायालय में उपस्थित होने हेतु नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति नहीं लेने, बिना सूचना के अनुपस्थित रहने, प्रभार नहीं सौंपने, नियंत्री पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में कार्रवाई की है.पंचायत सेवक के बर्खास्तगी को लेकर जिला के अधिकारियों में हड़कंप मच गई.

ये भी पढ़ें : madhubani news: नेपाल से मधुबनी पहुंची देव शिला यात्रा, जय श्री राम के नारों से गुंजायमान रहा इलाका

डीएम ने किया था शोकॉज: बताते चलें कि पंडोल प्रखंड के तत्कालीन पंचायत सेवक रमेश कुमार सिंह न्यायालय में उपस्थित होने हेतु नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति नहीं लेने, बिना सूचना के अनुपस्थित रहने, प्रभार नहीं सौंपने, नियंत्री पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने और सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करने हेतु आरोप गठित करते हुए जिला पदाधिकारी ने शोकॉज किया गया था.

बर्खास्तगी से कर्मचारियों में हड़कंप: जिलाधिकारी के शोकॉज के बाद असंतोषजनक पाया गया. इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा बर्खास्तगी के आदेश दिया है. पंचायत सेवक के बर्खास्तगी को लेकर जिला के अधिकारियों में हड़कंप मची हुई है. बर्खास्तगी को लेकर दिनभर लोगों में चर्चा होती रही.

पंचायत सचिव बर्खास्त: बता दें कि वैशाली डीएम यशपाल मीणा ने रिश्वत लेने का आरोप प्रमाणित होने पर हाजीपुर प्रखंड के तत्कालीन पंचायत सचिव राजबली दास को सेवा से बर्खास्त किया था. मामला पिछले साल सितंबर महीने का है. इस बाबत जिलाधिकारी की ओर से एक पत्र निर्गत का मीडिया से जानकारी दी गई थी. इस पत्र में लिखा गया था कि राजबली दास पर 2400 रुपए रिश्वत लेने के आरोप था. इस बाबत उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चलाई गई है.

सबूत प्रस्तुत नहीं किया: उन्होंने अपने बचाव के पक्ष में नियमानुसार अवसर प्रदान किया गया. अपने बचाव में उन्होंने कोई भी सुबूत प्रस्तुत नहीं किया. जिलाधिकारी ने लिखा है कि ऐसी स्थिति में आपराधिक और फौजदारी मामलों का बगैर इंतजार किए भ्रष्ट आचरण और कर्तव्य व चरित्र के लिए कठोरतम दंड आवश्यक हो गया है तथा ऐसे भ्रष्ट लोक सेवकों को सरकारी सेवा में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. इसके बाद जिला अधिकारी ने पंचायत सचिव को बर्खास्त कर दिया है

मधुबनी : बिहार के मधुबनी में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा (Madhubani District Magistrate Arvind Kumar Verma) ने पंचायत सेवक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. पंचायत सेवक रमेश कुमार सिंह न्यायालय में उपस्थित होने हेतु नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति नहीं लेने, बिना सूचना के अनुपस्थित रहने, प्रभार नहीं सौंपने, नियंत्री पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने के आरोप में कार्रवाई की है.पंचायत सेवक के बर्खास्तगी को लेकर जिला के अधिकारियों में हड़कंप मच गई.

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डीएम ने किया था शोकॉज: बताते चलें कि पंडोल प्रखंड के तत्कालीन पंचायत सेवक रमेश कुमार सिंह न्यायालय में उपस्थित होने हेतु नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति नहीं लेने, बिना सूचना के अनुपस्थित रहने, प्रभार नहीं सौंपने, नियंत्री पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना करने और सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करने हेतु आरोप गठित करते हुए जिला पदाधिकारी ने शोकॉज किया गया था.

बर्खास्तगी से कर्मचारियों में हड़कंप: जिलाधिकारी के शोकॉज के बाद असंतोषजनक पाया गया. इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा बर्खास्तगी के आदेश दिया है. पंचायत सेवक के बर्खास्तगी को लेकर जिला के अधिकारियों में हड़कंप मची हुई है. बर्खास्तगी को लेकर दिनभर लोगों में चर्चा होती रही.

पंचायत सचिव बर्खास्त: बता दें कि वैशाली डीएम यशपाल मीणा ने रिश्वत लेने का आरोप प्रमाणित होने पर हाजीपुर प्रखंड के तत्कालीन पंचायत सचिव राजबली दास को सेवा से बर्खास्त किया था. मामला पिछले साल सितंबर महीने का है. इस बाबत जिलाधिकारी की ओर से एक पत्र निर्गत का मीडिया से जानकारी दी गई थी. इस पत्र में लिखा गया था कि राजबली दास पर 2400 रुपए रिश्वत लेने के आरोप था. इस बाबत उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चलाई गई है.

सबूत प्रस्तुत नहीं किया: उन्होंने अपने बचाव के पक्ष में नियमानुसार अवसर प्रदान किया गया. अपने बचाव में उन्होंने कोई भी सुबूत प्रस्तुत नहीं किया. जिलाधिकारी ने लिखा है कि ऐसी स्थिति में आपराधिक और फौजदारी मामलों का बगैर इंतजार किए भ्रष्ट आचरण और कर्तव्य व चरित्र के लिए कठोरतम दंड आवश्यक हो गया है तथा ऐसे भ्रष्ट लोक सेवकों को सरकारी सेवा में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. इसके बाद जिला अधिकारी ने पंचायत सचिव को बर्खास्त कर दिया है

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