11 बार कोरोना टीका लेने वाले बुजुर्ग ने स्वास्थ्य विभाग को लिखा पत्र, कहा- मैंने स्वास्थ्य कर्मियों से बोला झूठ, वे निर्दोष

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Published : Jan 8, 2022, 4:31 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 7:32 PM IST

11 बार कोरोना वैक्सीन लेनेवाले बुजुर्ग ने लिखा स्वास्थ्य विभाग को पत्र

मधेपुरा में 11 बार कोरोना वैक्सीन लेने वाले ब्रह्मदेव मंडल ने स्वास्थ्य कर्मियों से झूठ बोलकर सारे टीके लगवाए थे. सभी से उन्होंने कहा था कि मैं दूसरा टीका लगवाने आया हूं. मामले की जांच में यह खुलासा हुआ है. जांच में सभी स्वास्थ्यकर्मी और बुजुर्ग दोषी पाए गए. बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर गलती स्वीकार की है और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्दोष बताया है.

मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड अंतर्गत औराय गांव के 84 साल के बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल ने पिछले 10 माह में अलग-अलग जगहों पर 11 बार कोरोना का टीका (84 Year Old Elderly Got Corona Vaccine 11 Times) लिया. इस मामले में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है कि उन्होंने 11 बार टीका लिया है. इसमें स्वास्थ्यकर्मियों की कोई गलती नहीं है. मैंने सभी से झूठ बोला था कि मैं दूसरा डोज लेने आया हूं. स्वास्थ्यकर्मियों ने मेरी बात को सच मानकर टीका लगाया था.

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इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है. अधिकारी रात-दिन इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि 11 बार कैसे स्वास्थ्य कर्मी द्वारा कोरोना का टीका एक ही व्यक्ति को लगा दिया गया. इसी सिलसिले में टीका लेने वाले 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल के गांव पहुंचे एसीएमओ डॉ. ए सलाम के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा जब गहन पूछताछ की गई तो मामले की हकीकत परत दर परत खुलने लगी. इस मामले में बुजुर्ग के साथ-साथ सभी स्वास्थ्यकर्मी भी दोषी पाए गए. जानकारी दें कि इस मामले में उन पर एफआईआर (FIR On Man Taken 11 Doses Of Corona Vaccine) भी हो चुका है.

11 बार कोरोना वैक्सीन लेनेवाले बुजुर्ग ने लिखा स्वास्थ्य विभाग को पत्र

एसीएमओ द्वारा किए गए जांच में पता चला कि बुजुर्ग टीका देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को धोखा देकर टीका ले रहे थे. वहीं स्वास्थ्य कर्मियों को भी दोषी ठहराया गया. टीकाकर्मी को स्थल पर टीका लगाने से पहले भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड एप पर रजिस्ट्रेशन करना चाहिए था. इसके बाद ही टीका लगाना था. लेकिन टीकाकर्मियों द्वारा बगैर रजिस्ट्रेशन के ही टीका लगा दिया गया. टीका लेने वाले 84 वर्षीय शख्स ब्रह्मदेव मंडल अलग-अलग टीका स्थल पर जाकर चुपचाप टीका लगवाते रहे.

अगर टीकाकर्मी पहले ही दिन टीकास्थल पर रजिस्ट्रेशन कर लेते तो दुबारा एप पर रजिस्ट्रेशन ही नहीं होता. यह बात सामने आ जाती कि व्यक्ति ने दो टीका ले लिया है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मी की ये सबसे बड़ी लापरवाही है कि वे बगैर रजिस्ट्रेशन के टीका लगाते रहे. अब जब मामले की पोल खुली तो 11 टीका लगवाने वाले ब्रह्मदेव मंडल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को लिखित आवेदन देकर कहा है कि, 'मैंने स्वास्थ्यकर्मियों से झूठ बोला ता कि मैं दूसरा टीका ले रहा हूं. हर जगह यही बोलकर टीका लगवाया है. इसके लिए मैं खुद जिम्मेवार हूं. इसलिए स्वास्थ्यकर्मी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए.'

इससे पहले कोरोना वैक्सीन के बारे में भी उन्होंने बयान दिया था. उन्हें वैक्सीन का असर काफी पसंद आया था. ब्रह्मदेव मंडल टीका को अमृत मानते हुए टीका लगवाते रहे. एक बयान में उन्होंने कहा था कि सरकार ने बहुत अच्छी चीज तैयार की है, लेकिन कुछ लोग सरकार को बदनाम करना चाहते हैं. साथ ही लोगों से टीका लेने की अपील भी की थी. एक बयान में उन्होंने कहा था कि...

"अभी तक मैंने 11 टीके लिए हैं. मुझे तो फायदा ही फायदा हो रहा है. आप लोग क्यों नहीं लेते हैं. सरकार ने बहुत अच्छी चीज निकाली है. कुछ भी हो, इससे कमर दर्द भी ठीक हो जाता है. मेरा दर्द एकदम खत्म हो गया है. मेरे शरीर में ऑक्सीजन भी ज्यादा हो गया है. मुझे कभी सर्दी-खांसी नहीं होती है."-ब्रह्मदेव मंडल, 11 बार वैक्सीन लेने वाले बुजुर्ग

बता दें कि पुरैनी प्रखंड के औराय गांव के रहने बाले 84 वर्षीय सेवानिवृत्त पोस्ट मास्टर ब्रह्मदेव मंडल ने अलग-अलग जगहों पर चल रहे कोरोना टीकाकरण स्थल पर जाकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को धोखा देकर 11 कोरोना के टीके लगवा लिए, जो गैर कानूनी है. नियम के मुताबिक हर किसी को 84 दिन के अंतराल में दो टीके लेना है, लेकिन ब्रह्मदेव मंडल ने अलग-अलग आईडी पर 11 टीके लगवा लिए. इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था और 12वें टीके के लिए फिर अस्पताल जाकर स्वास्थ्यकर्मी पर दबाब डाल रहे थे.

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मामले की जांच करने के बाद मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र प्रताप शाही ने पुरैनी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरुण कुमार को आदेश दिया था कि 11 टीके लेने वाले ब्रह्मदेव मंडल (Brahmadev Mandal took 11 corona vaccines) पर कोरोना गाइडलाइंस उल्लंघन का मामला दर्ज करें. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने स्वास्थ्य कर्मी को धोखा देकर 11 कोरोना वैक्सीन लेने बाले ब्रह्मदेव मंडल पर एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन पुरैनी थाना में दे दिया गया. और उनपर एफआईआर दर्ज किया गया.

बता दें कि बह्मदेव मंडल की उम्र आधार कार्ड पर 84 वर्ष है. वे डाक विभाग में काम भी करते थे. फिलहाल सेवानिवृति के बाद गांव में ही रहते हैं. उनके मुताबिक उन्होंने अपना पहला कोरोना टीका 13 फरवरी को पुरैनी पीएससी में लगवाया था. 13 फरवरी से 30 दिसम्बर 2021 के बीच उन्होंने वैक्सीन की 11 डोज ले ली थी. ब्ह्मदेव मंडल ने अपना टीका लेने का पूरा डिटेल डेट, टाइम और स्थान कागज में लिख कर रखा है.

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बह्मदेव ने कब-कब लिया टीका: 13 फरवरी को बुजुर्ग ने पहला डोज पुरैनी पीएससी में लगवाया, दूसरा डोज भी 13 मार्च को पुरैनी पीएचसी में ही लगवाया, तीसरा 19 मई को औराय उप स्वास्थ्य केंद्र में लगवाया, चौथा 16 जून को भूपेंद्र भगत के कोटा पर लगे कैम्प में लगवाया, पांचवा 24 जुलाई को पुरैनी बड़ी हॉट स्कूल पर लगे कैम्प में लगवाया, छठा 31 अगस्त को नाथबाबा स्थान कैम्प में, सातवां 11 सितम्बर को बड़ी हाट स्कूल पर ही, आठवां टीका 22 सितम्बर को बड़ी हाट स्कूल पर ही, नौवां टीका 24 सितम्बर को स्वास्थ्य उप केंद्र कलासन में लगवाया, 10वां टीका खगड़िया जिला के परबत्ता में लिया और 11वां उन्होंने भागलपुर के कहलगांव में लिया.

स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप: मधेपुरा के इस अनोखे मामले से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. एक व्यक्ति को 11 बार टीका लगाने से टीकाकारण प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गए थे. वहीं ऑफ द कैमरा स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मियों ने बताया कि ऑफलाइन कैम्पों में लोग ऐसी गड़बड़ी कर सकते हैं, क्योंकि कैम्प में उनका आधार नंबर और मोबाइल नंबर लिया जाता है, जो बाद में कंप्यूटर में फीड किया जाता है. अगर डिटेल मैच हो जाता है तो ऑटो रिजेक्ट भी हो जाता है. इसीलिए कभी-कभी फीड डाटा और वैक्सीन सेंटर के रजिस्टर के डाटा में अंतर सामने आते हैं.

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Last Updated :Jan 8, 2022, 7:32 PM IST
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