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बिना बेहोश बंध्याकरण का मामले में NGO की सेवा रद्द- 'अपराध की क्वालिटी और क्वांटिटी' के हिसाब से सीएस देंगे दंड

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Published : Nov 18, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 7:30 PM IST

बिहार के खगड़िया में बिना बेहोश किए बंध्याकरण करना NGO को महंगा पड़ गया. मामले में महिला आयोग (NCW took cognizance) और स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है. जिसमें एनजीओ की सेवा रद्द कर दी गयी है. जानिए पूरा मामला...

खगड़िया में बिना बेहोश किए बंध्याकरण मामले में NGO की सेवा रद्द
खगड़िया में बिना बेहोश किए बंध्याकरण मामले में NGO की सेवा रद्द

खगड़ियाः जिले के पीएचसी अलौली और सीएचसी (Health Department Khagaria) परबत्ता में महिलाओं के बांध्याकरण के दौरान एनजीओ व चिकित्सक द्वारा घोर लापरवाही मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) व स्वास्थ्य विभाग पटना ने संज्ञान ले लिया है. वहीं खगड़िया के सीएस ने अजीबोगरीब बयान दिया है. सीएस ने कहा इस मामले में किये गए अपराध की क्वालिटी और क्वांटिटी के हिसाब से दंड दिया जाएगा. फिलवक्त एनजीओ की सेवा रद्द कर दी गयी है.

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कड़ी कार्रवाई की मांगः इस मामले में एनसीडब्लू ने ट्वीट कर चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर एनजीओ, डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने दोनों ही मामलों में खगड़िया डीएम से जांच रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बिहार मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखकर इलाज के दौरान हुई लापरवाही पर आपत्ती जताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

क्या है मामलाः बीते 11 नंवबर को जिले के परबत्ता सीएचसी में दो दर्जन महिलाओं को बांध्याकरण ऑपरेशन के लिए एक साथ एनेस्थीसिया सुई देकर जमीन पर लेटा दिया था. जहां एनजीओ व पीएचसी प्रभारी की लापरवाही सामने आयी थी. मामले में सीएस ने सीएससी प्रभारी से स्पष्टीकरण भी पूछा था. वहीं अलौली पीएचसी में बीते 13 नवंबर को 30 महिलाओं को बांध्याकरण के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया था. जिसमें 23 महिलाओं का सुन्न (एनेस्थीसिया) सूई दिए बगैर ही (Surgery Without Anesthesia in Khagaria) ऑपरेशन कर दिया.

लापरवाही की वजह से जान चली जातीः अलौली निवासी महिला प्रतिभा कुमारी ने सीएस के समक्ष ब्यान दिया कि चिकित्सक व एनजीओ की लापरवाही की वजह से जान चली जाती. उसने कहा कि चिकित्क द्वारा बगैर सुई दिए ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के समय चार लोगों ने पैर हाथ बांधकर व मुंह दबाकर शांत कराया. चिल्लाने की आवाज सून 7 महिलाएं बगैर ऑपरेशन के ही चली गयी. महिला ने बताया कि ऑपरेशन के बाद दो दवाई देकर उसे घर भेज दिया गया था.

सिविल सर्जन का बेतुका बयानः उसने बताया की पीएचसी द्वारा दी गए दवा से दर्द कम नहीं होने पर निजी क्लिनिक से इलाज कराना पड़ा. पूरे मामले पर खगड़िया के सिविल सर्जन ने बेतुका बयान दिया है. उन्होंने कहा कि NGO की सेवा रद्द कर दी गयी है. साथ ही इस अपराध में शामिल लोगों की क्वालिटी और क्वान्टिटी के आधार पर दंड दिया जायेगा.

'' अलौली पीएचसी व परबत्ता सीएचसी में डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी गयी है. दोनों एनजीओ का अनुबंध रद्द कर दिया गया है. साथ ही पीएचसी प्रभारी को चेतावनी दी गयी है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं बरती जाय.'' - अमरनाथ झा, सीएस, खगड़िया

Last Updated :Nov 18, 2022, 7:30 PM IST
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