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कार्यपालक अभियंता घूसकांड: निगरानी विभाग का दावा- पेंडिंग मिले हैं 5 करोड़ के बिल के पेपर

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Published : Nov 18, 2019, 8:47 PM IST

कार्यपालक अभियंता के आवास और दफ्तर पर निगरानी विभाग का छापा

भागलपुर प्रक्षेत्र के निगरानी डीएसपी सुरेंद्र कुमार सरोज अपनी टीम के साथ कार्यपालक अभियंता के कार्यालय पहुंचे और कागजातों की छानबीन की. निगरानी डीएसपी ने बताया कि टॉपलाइन इंफ्रा प्रोजेक्ट के 5 करोड़ रुपया का बिल बकाया था.

कटिहार: जिले में पदस्थापित कार्यपालक अभियंता को निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. जिसके बाद टीम ने उनके आवास और दफ्तरों पर छापेमारी की. उन्होंने कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को 16 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया.

बताया जा रहा है कि कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार 83 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए घूस ले रहे थे. छापेमारी के बाद अधिकारी ने बताया कि 5 करोड़ का बिल पेंडिंग होने के पेपर मिले हैं. जैसे-जैसे निर्देश पारित होगा, आगे कार्रवाई की जाएगी. निगरानी विभाग ने सोमवार को ये कार्रवाई की.

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निगरानी विभाग ने जब्त किए कागजात

छापेमारी के बाद अधिकारी ने दी जानकारी
कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार की गिरफ्तारी के बाद पटना के आवास सहित कटिहार कार्यालय और सरकारी आवास पर भी निगरानी विभाग ने छानबीन की. भागलपुर प्रक्षेत्र के निगरानी डीएसपी सुरेंद्र कुमार सरोज अपनी टीम के साथ कार्यपालक अभियंता के कार्यालय पहुंचे और कागजातों की छानबीन की. निगरानी डीएसपी ने बताया कि टॉपलाइन इंफ्रा प्रोजेक्ट के 5 करोड़ रुपया का बिल बकाया था.

कार्यपालक अभियंता के आवास और दफ्तर पर निगरानी विभाग का छापा

क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि इंजीनियर अरविंद कुमार ने सड़क प्रोजेक्ट के लिए 80 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. वे इसकी पहली किश्त 16 लाख रुपये पटना स्थित अपने आवास पर ले रहे थे. इसी दौरान विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. उन्हें कटिहार में सड़क निर्माण के लिए करीब 80 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था. इंजीनियर ने इसका एक प्रतिशत हिस्सा घूस के रूप में मांगा था. जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस को इंजीनियर के करोड़ों रुपये की अकूत संपत्ति का भी पता चला है.

Intro:.......निगरानी विभाग द्वारा कटिहार के पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को रुपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करने के बाद सूबे के निगरानी विभाग में उनके दफ्तरों सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की है ......। कटिहार स्थित उनके दफ्तरों पर निगरानी विभाग को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं.....। " ईटीवी भारत " से जानकारी साझा करते हैं निगरानी विभाग के डीएसपी ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या पाँच करोड़ से भी अधिक रकम के बिल पेंडिंग का सुराग हाथ लगा हैं .......।


Body:यह दृश्य कटिहार पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविन्द कुमार के दफ्तर का हैं जहाँ भागलपुर से आयी विजिलेंस टीम फाइलों में सूत्र खंगाल रहीं हैं ......। इस मौके पर विजिलेंस डीएसपी सुदर्शन कुमार सरोज ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या करोड़ों रुपये के काम के बिलों के पेंडिंग वर्क का मामला सामने आया हैं । कई फाइलें ऐसी हैं जिसे खंगाला जा रहा हैं .....। उन्होंने बताया कि सारे मामले के रिमोट पटना स्थित कार्यलय से किया जा रहा हैं और हर कार्यों की मॉनिटरिंग हो रहीं हैं .....। उन्होंने बताया कि जैसे - जैसे निर्देश मिल रहे हैं , विजिलेंस टीम वैसे काम कर रहीं हैं और छापेमारी का यह सिलसिला अभी और चलेगा .....।


Conclusion:निगरानी विभाग के इस अहम खुलासे के बाद यह बात अब सतह पर आ गयी हैं कि सड़क निर्माण में काम के ठेके और बिल किलियरन्स के नाम पर हर महीने करोड़ों की अवैध घुस वसूल किये जाते थे । अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या - क्या जाँच में सामने आता हैं ......।
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