Katihar News: विवाह भवन में सर्विस टैक्स की चोरी, सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने मारा रेड

Katihar News: विवाह भवन में सर्विस टैक्स की चोरी, सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने मारा रेड
कटिहार में कुछ विवाह भवनों पर वाणिज्य कर विभाग ने छापा (Sale tax raid in katihar) मारा. यहां कर चोरी की बात सामने आ रही है. बताया जाता है कि कटिहार और पूर्णिया दोनों जिले के पदाधिकारियों ने मिलकर छापा मारा है और पता कर रहे हैं कि आखिर कब से ये विवाह भवन खुले और अब तक कितना टैक्स इन्होंने भरा है. पढ़ें पूरी खबर..
कटिहारः बिहार के कटिहार में विवाह भवनों पर सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा (Sale tax raid on marriage hall in Katihar ) मारा है. बताया जाता हैं कि विवाह भवनों की सालाना आमदनी लाखों में हैं, लेकिन सर्विस टैक्स के नाम पर सरकार के खाते में फूटी कौड़ी भी नहीं जमा करते हैं. फिलहाल, सेल टैक्स डिपार्टमेंट मामले की तफ्तीश में जुटी हैं. दरअसल, पूरा मामला नगर थाना क्षेत्र के गामी टोला इलाके की है. यहां वरदान बैंक्वेट पर सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने सर्विस टैक्स चोरी मामले में छापा मारा है.
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कटिहार और पूर्णिया के अधिकारियों ने मिलकर की छापेमारीः छापेमारी टीम में कटिहार के अलावा पूर्णिया वाणिज्य कर विभाग के भी अधिकारी जांच कर रहे हैं. बताया जाता हैं कि सेल टैक्स विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि शहर में इनदिनों कई बड़े-बड़े विवाह भवन खुले हैं, जो सालाना लाखों में आमदनी करते हैं, लेकिन सर्विस टैक्स सरकार को अदा नहीं करते है. इसके खिलाफ सेल टैक्स डिपार्टमेंट ने कटिहार, पूर्णिया के अधिकारियों को मिलाकर एक टीम का गठन किया और शहर के जुगत भवन, वरदान बैंक्वेट समेत अन्य के खिलाफ कार्रवाई की.
विवाह भवनों का पूरा ब्यौरा पता किया जा रहा हैः कटिहार में विवाह भवनों पर छापेमारी की बाबत लाखों में टैक्स चोरी की बात सामने आ रही है. इस मामले में कटिहार वाणिज्य कर उपायुक्त कृष्णकांत यादवेन्दु ने बताया कि अभी पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि विवाह भवन कब खुले और उस समय से कितनी टैक्स भवन संचालकों ने सरकार को नहीं दिया. एक-एक चीज का हिसाब किताब मिलाया जा रहा है. जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितना टैक्स जमा हुआ है और कितना नहीं.
"अभी पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि विवाह भवन कब खुले और उस समय से कितनी टैक्स भवन संचालकों ने सरकार को नहीं दिया. एक-एक चीज का हिसाब किताब मिलाया जा रहा है. जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितना टैक्स जमा हुआ है और कितना नहीं" - कृष्णकांत यादवेन्दु, वाणिज्य कर उपायुक्त, कटिहार
