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बेमौसम बरसात और ठंड से आलू की फसल हुई बर्बाद, किसान लगा रहे सरकार से गुहार

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Published : Jan 21, 2020, 1:47 PM IST

बेमौसम बरसात से कैमूर के किसानों की 80 प्रतिशत तक धान की फसल खराब हो गई थी. जिसके बाद बिहार सरकार ने उन्हें सरकारी मदद देनें की घोषणा की थी. धान के बाद अब आलू की खेती किसानों के लिए रीढ़ की हड्डी बन गई है.

कैमूर में आलू की खेती
कैमूर में आलू की खेती

कैमूर: जिले में मौसम की मार झेल रहे किसान आलू की खेती को लेकर चिंतित हैं. बेमौसम बरसात और ठंड की वजह से आलू की खेती काफी प्रभावित हुई है. जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है.

40 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई आलू की फसल
जिले में आलू की खेती की जाती है. लेकिन बेमौसम बरसात और ठंड की वजह से पहले तो धान की फसल बर्बाद हुई, फिर आलू की फसल 40 से 50 प्रतिशत तक खराब हो गई. ऐसे में किसान मायूस और परेशान हैं. वे कह रहे हैं कि उनका कोई सहारा नहीं हैं. इसलिए वे सरकार और विभाग से उम्मीद लागए बैठे हैं कि शायद उन्हें कोई सरकारी मदद मिले.

potato cultivation in kaimur
बेमौसम बरसात और ठंड ने बर्बाद की आलू की फसल

सरकार और विभाग से है मदद की उम्मीद
आलू की खेती कर रहे किसान अनिल कुमार सिंह नें बताया कि बेमौसम बरसात से आलू की फसल 50 प्रतिशत तक नष्ट हो गई है. वहीं, पिछले साल उन्होंने आलू की खेती कर 50 हजार रुपए का आलू बेचा था. लेकिन इस साल बरसात और अधिक ठंड की वजह से 25 से 30 हजार रुपये का नुकसान हो गया. ऐसे में उन्हें सरकार और विभाग से मदद की उम्मीद है.

आलू की खेती को लेकर चिंतित हैं किसान

रीढ़ की हड्डी बनी आलू की खेती
बता दें कि बेमौसम बरसात से कैमूर के किसानों की 80 प्रतिशत तक धान की फसल खराब हो गई थी. जिसके बाद बिहार सरकार ने उन्हें सरकारी मदद देनें की घोषणा की थी. धान के बाद अब आलू की खेती किसानों के लिए रीढ़ की हड्डी बन गई है.

Intro:कैमूर।

जिलें में बेमौसम बरसात और ठंड ने धान की फसल के बाद आलू की खेती को भी भारी नुकसान पहुँचाया हैं। किसानों के चेहरे से अभी धान की चिंता खत्म नहीं हुई थी कि बदलते मौसम नें उन्हें आलू का दर्द दे दिया।




Body:आपकों बतादें कि जिलें में आलू की खेती होती हैं। बेमौसम बरसात और बदलते मौसम ने पहले तो धान के फसल को बर्बाद किया तो वही दूसरी तरफ आलू का फसल भी 40 से 50 प्रतिशत डैमेज कर दिया।

ऐसे में किसानों का कोई सहारा नहीं हैं अब किसान सरकार और विभाग से उम्मीद लागये हुए बैठे हैं कि शायद उन्हें कोई सरकारी मदद मिल सके।

आलू की खेती कर रहे किसान अनिल कुमार सिंह नें बताया की बेमौसम बरसात से आलू की फसल 50 प्रतिशत तक नष्ट हो गई हैं। उन्होंने बताया कि 8 कठा खेत में आलू की खेती कर पिछले वर्ष 50 हजार रुपए का आलू बेचा था लेकिन इस साल बरसात और अधिक ठंड की वजह से 25 से 30 हजार तक आलू की पैदा हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस साल सभी किसानों को प्रति एकड़ लगभग 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ हैं जिसके कीमत करीब प्रति एकड़ करीब 30 हजार रुपये बताया जा रहा हैं। किसान अनिल ने बताया कि अभी धान के नुकासन पर सरकारी मदद मिला नहीं कि दूसरी तरफ आलू का फसल भी बर्बाद हो गया।
ऐसे में सरकार और विभाग से मदद के लिए बहुत उम्मीद हैं।



आपको बतादें कि बेमौसम बरसात से कैमूर के किसानों के 80 प्रतिशत धान की फसल खराब हो गई थी। जिसके बाद बिहार सरकार ने उन्हें सरकारी मदद देनें की घोषणा की थी। धान के बाद आलू की खेती कैमूर के किसानों की रीढ़ की हड्डी के तरह था। ऐसे में आलू का भारी नुकासन किसानों के लिए सर दर्द बन गया है।





Conclusion:ऐसे में देखना यह होगा कि क्या धान के नुकसान के बाद आलू की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।
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