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गोपालगंज में सरकारी जमीन बेचने का मामला: डीएम ने मांझा सीओ को पद से हटाया

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Published : Dec 10, 2022, 5:37 PM IST

गोपालगंज के मांझा प्रखंड में सरकारी जमीन बेच दिए जाने के मामले में तीन सीओ पर कार्रवाई की जा चुकी है. डीएम के आदेश पर मांझा सीओ शाहिद अख्तर को पद से हटा दिया गया (Manjha CO Shahid Akhtar) है. इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब लंगटुहाता स्कूल का शिक्षक संतोष महतो के घर पर छापेमारी के दौरान सरकारी दस्तावेज और जमाबंदी के कागजात मिले थे.

गोपालगंज के मांझा सीओ पद से हटाए गए
गोपालगंज के मांझा सीओ पद से हटाए गए

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज के मांझा बाजार में करोड़ों की सरकारी जमीन (Government land Scam In Gopalganj) की जमाबंदी कराकर बेचने का खुलासा हुआ था. अब इस मामले में शनिवार को डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने मांझा अंचल के सीओ शाहिद अख्तर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. उनकी जगह पर राजस्व पदाधिकारी (RO) को अंचलाधिकारी के प्रभार सौंपा गया है. इससे पहले मामले में कुचायकोट और बरौली अंचल पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गयी थी.

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डीएम के आदेश पर हटाए गए सीओ: दरअसल, कुचायकोट और बरौली अंचल पदाधिकारियों पर कार्रवाई के बाद अब मांझा प्रखंड के अंचलाधिकारी शाहिद अख्तर की मुश्किलें (Manjha CO Shahid Akhtar Removed From Post) बढ़ती जा रही है. मांझा बाजार में करोड़ों की सरकारी जमीन की जमाबंदी कराकर बेचने का खुलासा होने के बाद मांझा सीओ शाहिद अख्तर भी जांच के दायरे में आ गए हैं. डीएम चौधरी ने बताया कि ये पूरी कार्रवाई जांच टीम की रिपोर्ट पर की गयी है. चूंकि शाहिद अख्तर को सीओ के पद पर रहते हुए जांच प्रभावित होने की आशंका थी, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सीओ के पद से हटा दिया गया है.

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तीन सदस्यीय टीम कर रही मामले की जांच: सीओ कार्यालय से पिछले एक साल में हुए दाखिल-खारिज के मामलों की जांच के लिए डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी (DM Dr Naval Kishore Chowdhary) ने तीन अधिकारियों की टीम बनाई है. जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक, सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार और डीसीएलआर बीरेंद्र प्रसाद की टीम जांच कर रही है. टीम को दाखिल-खारिज के रद्द हुए आवेदनों की भी जांच करनी है कि किस वजह से रद्द किये गये. जांच गोपनीय रखी जा रही है.

शिक्षक के घर में छापेमारी में मिले थे दस्तावेज: मामले की जांच शुरू होने के बाद कई तथ्य सामने आने लगे हैं. जिस शिक्षक के घर में छापेमारी के दौरान अंचल कार्यालय का सरकारी दस्तावेज, सीओ का मुहर, जमाबंदी के कागजात और नक्शा मिले थे, वह शिक्षक जमीन माफिया था और सीओ शाहिद अख्तर का बेहद करीबी बताया जा रहा है. इसी के जरिए दाखिल-खारिज का पूरा काम होता था. मांझा बाजार के निवासी और लंगटुहाता स्कूल का शिक्षक संतोष महतो ने सीओ कार्यालय से मिलकर सरकारी जमीनों की बंदोबस्ती कराकर बेच डाली है. इनमें केशवर पुस्तकालय की जमीन भी शामिल है.

सरकारी पुस्तकालय के जमीन पर अवैध निर्माण: जांच में खुलासा हुआ है कि जिस जगह पर पुस्कालय होनी चाहिए थी, वहां अवैध रूप से बिल्डिंग बनाया जा रहा है. मामले में आरोपी शिक्षक के खिलाफ शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. अभी तक के जांच में सबसे पहले कुचायकोट के सीओ उज्ज्वल कुमार और बरौली अंचल के सीओ कृष्णकांत चौबे पर कार्रवाई हो चुकी है. अब मांझा अंचल के सीओ शाहिद अख्तर भी हटा दिए गए.

"ये पूरी कार्रवाई जांच टीम की रिपोर्ट पर की गयी है. चूंकि शाहिद अख्तर को सीओ के पद पर रहते हुए जांच प्रभावित होने की आशंका थी, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सीओ के पद से हटा दिया गया है" - डॉ नवल किशोर चौधरी, डीएम, गोपालगंज

क्या है पूरा मामला: यह मामला जिले के मांझा अंचल अंतर्गत लगटुहाता गांव का है. जहां नवसृजित विद्यालय के शिक्षक संतोष महतो के खिलाफ जमीन के दलाली की शिकायत मिलने पर सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार, मांझा बीडीओ बिड़डू कुमार राम और सीओ शाहिद अख्तर के साथ नजदीकी थानाध्यक्ष विशाल आनंद ने एक साथ शिक्षक के मांझा नई बाजार स्थित मकान में छापेमारी की. सूचना मिलने के बाद एसडीएम ने एक के बाद एक लगातार तीन आलीशान मकानों पर छापेमारी की. इस दौरान शिक्षक के घर से कई बंडल सरकारी जमीन के दस्तावेज, बंदोबस्त पंजी, सीओ मांझा का मुहर, सादा स्टाम्प के साथ भू लगान रसीद भी बरामद किया गया. इसके साथ ही शिक्षक के घर से एसडीएम ने लैपटॉप, प्रिंटर के साथ कुछ नगद रुपये भी बरामद किए.

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